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Friday, March 25, 2011

सूर्या दवा एजेंसी के बचाव में सामने आए नेताओं को जनता दिखएगी ठेंगा

  • क्राइम रिपोर्टर // वसीम बारी (रामानुजगंज //टाइम्स ऑफ क्राइम)
    क्राइम रिपोर्टर से सम्पर्क : 9575248127
  • ड्रग्स इंस्पेक्टर ने शुरू की जांच
  • किट भी हुआ जब्त और लाइसेंस पर भी शक
  • ये पब्लिक है भाई सब जानती है.... ये पब्लिक है।
  • बातें: लायसेंस भेजा गया रायपुर। निर्देशन प्राप्त हाने पर होगी कार्रवाई।
सुर्या एजेंसी के संचालक सुनिल गुप्ता के निवास से जब्त पैथोलैब परीक्षण सामग्री की जांच के लिए ड्रग्स इंस्पेक्टर नगर रामानुजगंज पहुंचें। तकरिबन तीन घण्टों तक चली जांच के दौरान सुर्या एजेंसी के संचालक नदारद रहा। जांच के दौरान प्रस्तुत दस्तावेजों से संतुष्ट नही होने पर ड्रग्स इंस्पेक्टर ने प्रतिवेदन स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई हेतु भेज दिया है। गत सप्ताह राजस्व, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने छापा मारकर सूर्या एजेंसी के संचालक सुनिल गुप्ता व ब्यवसायी कृष्णा गुप्ता के आलीषान भवन से भारी मात्रा में पैथोलैब में जांच एवं परीक्षण के लिए उपयोग होने वाली सामग्री जब्त की थी। ड्रग्स इंस्पेक्टर भीष्म सिंहदेव द्वारा लगभग तीन घंटो तक जब्त सामग्रियों सहित दस्तावेजों का भी निरीक्षण किया। जांच प्रक्रिया के दौरान संचालक के भाई के द्वारा प्रस्तुत लायसेंस जांच के दौरान प्रक्रिया का उलंघन पाया गया। जिसे लाइसेंस अथारिटी रायपुर भेजा गया है। ज्ञात हो कि सूर्या एजेंसी के संचालक पूरे जांच के दौरान नदारद रहें, जिस कारण उनसे आवश्यक पूछताछ नही की जा सकी इसलिए जांच कार्य अधुरा पडा रहा। संचालक के बडे भाई द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में सामग्रियों के बिल के बजाए चालान प्रस्तुत किया गया, वह भी पटना बिहार का था। वैसे तो प्रारंभिक स्तर पर पूरा मामला अवैध कारोबार का प्रतीत होता है। पूरी प्रक्रिया में दवाओं के भंडारण में लायसेंस शर्तो का पालन नही किया गया है।
जब्त हुआ शासकीय स्लाईड:- जब्त पैथोलैब के सामग्रियों में एक कार्टुन मलेरिया जांच किए जाने का स्लाइड का था, जिसे जब्त किया गया है। संचालक के पास षासकीय सप्लाई की सामग्री कहां से आई, यह जांच का विश्य है। पब्लिक करे निष्पक्ष जांच की मांग:- झारखण्ड सरहद से लगे क्षेत्र होने की वजह से यहां हमेषा नकली दवाएं खपाने का ब्यवस्था तेजी से चलता रहा है। मामला सामने आने के बाद रामानुजगंज की जनता ने शासन,प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोसी पाए जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने का भी मांग जनता द्वारा किया जा रहा है। आक्रोशित जनता का कहना है कि अवैध कारोबार में संलिप्त सूर्या एजेंसी के पक्ष में बीच बचाव करने एवं कार्रवाई में किसी प्रकार का बाधा उत्पन्न करने वाले स्थनीय नेताओं को अगामी चुनाव में ठेंगा दिखा दिया जाएगा।

मुख्य बिन्दु:- सूर्या एजेंसी के संचालक के खिलाफ दर्ज नही हुआ अपराध। रजिस्ट्रेशन में पांच साल की मेडिकल में किए गए कार्यो के अनुभव प्रमाण पत्र जरूरी है,जो संचालक के पास नही था। 12 वीं पास संचालक की रजिस्ट्रेशन की क्या है सच ? जानना चाहती है पब्लिक। लायसेंस के नियमानुसार संचालक को दवा व लैब का सामान घर के किचन व कमरे में रखने के बजाए बकायदे गोदाम व एक दुकान रखना जरूरी था। एजेंसी के नाम का एक बोर्ड भी लगाना जरूरी था। दवा का आवक-जावक रजिस्टर भी होना चहीए जो संचालक के पास उपलब्ध नही है। पुलिस द्वारा जब्त किए गए पैथोलैब सामग्री के साथ बिल नही बल्कि चालान है जो बिल्कुल गलत है। जबकि सामानों के साथ बिल होना जरूरी होता है। सभी चालान बिहार की राजधानी पटना के है। प्रष्न यह उठता है कि यदि बिल नही है तो सामग्री छत्तीसगढ के कई शहरों में कैसे भेज दिया जाता था ? जबकि चालान में दवा, बैच नंबर, रेट आदि होना जरूरी है, परंतु चालान में एैसा कुछ भी नही है। सूर्या एजेंसी के संचालक सुनिल गुप्ता पिता कपूरचंद्र साव उम्र (30) जांच के दौरान फरार रहा। एसडीओपी संजय महादेवा ने कहा कि पूरी जांच कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपराध बनते हैं या नही उसके बाद ही संचालक के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा। इस संबंध में एसडीएम जी.आर.राठौर ने कहा कि प्रथम दृष्टया में अवैध कारोबार है। रजिस्ट्रेशन बनाते समय अनुभव सहित जिस गोदाम में दवा रखना है, वहां का नक्षा खसरा रखना अति आवश्यक है व दुकान के सामने बोर्ड रजिस्ट्रेशन चस्पा होना चाहिए। इसे गंभीरता से लेते हुए एक प्रस्ताव बना ड्रग लायसेंस अथार्टी रायपुर को भेजा जा रहा है।

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