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Wednesday, May 4, 2011

नियम विरूद्ध तरीके से रेत ठेकेदार सरकारी विभागों से भी रायल्टी वसूल

बैतूल // राम किशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से सम्पर्क : 74895 92660
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बैतूल । जबसे बैतूल जिले की रेत खदानों की ठेकेदारी मध्यप्रदेश सरकार की एक केबिनेट महिला मंत्री के रिश्तेदारों ने ली हैं तबसे लेकर खबर लिखे जाने तक पूरे जिले भर में रेत ठेकेदारों की कथित मनमानी की खबरे आने लगी हैं। भाजपा के जिला संगठन के रेत ठेकेदार से कथित मधुर संबधो को लेकर संगठन में एक धड़ा इन रेत के ठेकेदारो के खिलाफ आ गया हैं लेकिन जिला प्रशासन का ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर वाली नीति-रीति के चलते रोज कोई न कोई बवाल पैदा हो रहा हैं। नियम विरूद्ध तरीके से ठेकेदार सरकारी विभागों से भी रायल्टी वसूल करने पर आमदा नजर आ रहे रेत ठेकेदार से अब सरकारी विभाग के ठेकेदार सबसे ज्यादा हैरान एवं परेशान हैं। जिले के एक सरकारी विभाग प्रमुख ने अपने अधिनस्थ कार्यरत विभागीय ठेकेदार के कहने पर रेत ठेकेदार की शिकायत एसडीएम से की है। सहायक भू संरक्षण अधिकारी ने एसडीएम बैतूल को आवेदन देकर बताया कि ग्राम बारंगबाड़ी में सरकारी चेक डैम का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें रेत सहित अन्य खनिज पदार्थो की आवश्यकता होने पर नियमानुसार उन्होंने खनिज विभाग के हेड में चालान से 3806 रूपए का चालान जमा कर रायल्टी चुका दी थी, लेकिन इसके बाद भी रेत खदान का ठेकेदार प्रति ट्राली पांच सौ रूपए रायल्टी की मांग कर रहा है और चेक डैम पर रेत लेकर आ रहे टे्रक्टरों को रोक रहा है। अवैध खनिज परिवहन एवं कृषि कार्य के लिए अनुबंधित वाहन के कार्मशियल कार्य में उपयोग पर नियम विरूद्ध कार्य करने को लेकर धमका रहा है।
खनिज अधिकारी ने इस मामले में एसडीएम बैतूल से उक्त ठेकेदार के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। इस मामले में एसडीएम बैतूल संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि शासकीय निर्माण कार्यो में खनिज विभाग में रायल्टी की राशि जमा हो जाने पर कोई भी ठेकेदार रायल्टी वसूल नहीं कर सकता है। यदि ऐसा किया जा रहा है तो वह नियम विरूद्ध है और ठेकेदार के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। दर्जनों शिकायतो के बाद भी आज तक किसी भी विभाग ने रेत ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्रवाई न तो की हैं और न किसी प्रकार की अनुशंसा की हैं। रेत को लेकर जो जिले में तनातनी का माहौल निर्मित हो रहा है। उस मामले में कांग्रेस, भाजपा के बाद सरपंचों ने भी ठेकेदारों के खिलाफ आंदोलन किया था। अब युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष आदित्य शुक्ला का कहना है कि यदि प्रशासन ने ठेकेदारों की इस मनमर्जी को नहीं रोका तो आंदोलन किया जाएगा।
उनका कहना था कि जिले के हित में दलगत भावना से ऊपर उठकर आंदोलन की रूपरेखा बन रही है। खनिज विभाग द्वारा मांगी गई मात्रा के अनुरूप अस्थाई अनुज्ञा पत्र जारी नहीं करने के कारण शासन को तकरीबन 13 लाख रूपए का नुकसान होना आंका जा रहा है। इस मामले में लोकायुक्त में शिकायत भी की जा चुकी है। घोड़ाडोंगरी तहसील की आमडोह और लोनिया खदान में नीलामी के पहले सारणी पॉवर हाउस में काम कर रही दो कंपनियों द्वारा रेत उत्खनन के लिए अस्थाई अनुज्ञा पत्र खनिज विभाग से मांगा गया था।जिसमें आमडोह से 30 हजार क्यूबीक मीटर रेत और लोनिया खदान से 15 हजार क्यूबिक मीटर रेत के लिए यह अनुमति मांगी गई थी। नियमानुसार जितनी मात्रा में अनुमति मांगी गई थी। उतनी रायल्टी जमा कराकर अनुमति दी जाना चाहिए थी, लेकिन ऐसा न कर आमडोह से 12 हजार 500 क्यूबीक मीटर और लोनिया खदान से सात हजार 500 क्यूबिक मीटर रेत खनन की अनुमति दी गई। बाद में इन खदानों को नीलामी में शामिल किया गया। खदानों को नीलामी में शामिल करने के साथ ही यदि खनिज विभाग नीलामी के खनन क्षेत्र को छोडक़र अन्य क्षेत्र में अस्थाई अनुज्ञा के लिए आरक्षण कर देता और कंपनियों को पूरी मात्रा में रेत खनन की अनुमति देता तो तकरीबन 13 लाख रूपए और रायल्टी राजस्व के रूप में शासन को प्राप्त होती। अनुज्ञा पत्र के लिए जितनी रायल्टी जमा की गई होगी और जितना खनिज उपलब्ध होगा उसके अनुसार ही अनुज्ञा पत्र दिया गया होगा। जिला खनीज अधिकारी का कहना हैं कि बाकी स्थिति में फाइल देखने के बाद ही बता पाऊंगा।

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