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Saturday, June 11, 2011

बाबा आईसीयू से स्पेशल वार्ड में शिफ्ट,हालत स्थिर,अनशन जारी

11 जून 2011

हरिद्वार/देहरादून।
भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे पर सात दिनों से अनशन पर बैठे योग गुरु बाबा रामदेव की शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें देहरादून के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनके सेहत को बनाए रखने के लिए सभी उपाय किए गए और ग्लूकोज भी चढ़ाया गया। अब चिकित्सकों ने उनके स्वास्थ्य को स्थिर बताया है।

उधर, सरकार ने बाबा से किसी भी तरह की बात करने से इनकार कर दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने इस मुद्दे पर वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी से बात की, लेकिन सरकार ने किसी भी तरह की मध्यस्थता से भी इनकार कर दिया।

प्रशासन ने बाबा रामदेव का अनशन तुड़वाया


इस बीच अनशन तोड़ने हेतु बाबा को मनाने के लिए कुछ प्रयास भी किए गए। आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने उनसे मुलाकात की और अनशन तोड़ने का अनुरोध किया।

बाबा रामदेव को करीब तीन बजे हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ से देहरादून ले जाया गया। शुक्रवार को उनका स्वास्थ्य और बिगड़ जाने के बाद यह कदम उठाया गया।

बाबा रामदेव के प्रवक्ता एस. के. तिजारवाला ने एक बयान जारी कर कहा, "स्वामीजी को देहरादून के जोली ग्रांट अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कराया गया है। उनकी नब्ज धीमी पड़ गई है और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उन्हें आईसीयू में भर्ती करने की सलाह दी थी।"

तिजारावाला ने ‘आईएएनएस’ से कहा, "तकनीकी तौर पर वे अभी भी अनशन पर हैं। वे अपना अनशन जारी रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। आईसीयू ले जाते वक्त वह अचेतन अवस्था में थे।"

योग गुरु को अनशन तोड़ने हेतु मनाने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से श्री श्री रविशंकर से बात की।

बाबा के बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी केंद्र सरकार से अपील की कि वह रामदेव से अनशन तोड़ने का आग्रह करे।

बाबा रामदेव नींबू पानी व शहद लेने को तैयार हुए!


बाबा रामदेव का शनिवार को अनशन शुरू करने के बाद से 5.5 किलोग्राम से ज्यादा वजन गिर चुका है।

हरिद्वार के जिलाधिकारी आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि बाबा रामदेव को अस्पताल ले जाने के लिए मनाया गया। "उन्हें जबरन खिलाया नहीं गया है। वे खुद तैयार हो गए। उनके महत्वपूर्ण अंगों को खतरा पैदा हो गया था।"

बाबा रामदेव के स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे डॉक्टरों के एक दल ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी। चिकित्सकों ने कहा बाबा का वजन घटना और नब्ज धीमी पड़ना चिंता की बात है।

हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी योगेश कुमार शर्मा ने कहा, "एक दिन में बाबा रामदेव का 1.5 किलोग्राम वजन घटा है। उनकी नब्ज धीमी हो रही है। इसमें लगातार गिरावट आ रही है। यह चिंता की बात है।"

चिकित्सकों के मुताबिक बाबा रामदेव के गुर्दों के काम करने में भी नकारात्मक बदलाव है। उन्होंने कहा, "उनके मूत्र परीक्षण में एल्बुमिन की मौजूदगी देखी गई है जो उनके गुर्दों के कामकाज के बारे में खराब संकेत है।"

शर्मा ने कहा, "टीम ने उनकी स्थिति पर गौर किया है। वह निर्जलीकरण से पीड़ित हैं और उनकी हालत बिगड़ी है।" उन्होंने कहा कि शनिवार से लेकर अब तक उनका वजन 5.5 किलोग्राम कम हुआ है। चिकित्सकों के अनुरोध पर बाबा रामदेव ने गुरुवार को नींबू पानी और शहद लिया था।

इस बीच शुक्रवार शाम अस्पताल से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि बाबा रामदेव का स्वास्थ स्थिर है और उनमें उत्तरोत्तर सुधार हो रहा है।
चिकित्सकों ने एक स्वास्थ्य रिपोर्ट में कहा है कि बाबा रामदेव का रक्तचाप, श्वसन और हृदय गति सामान्य है। उनका गुर्दा सामान्य रूप से काम कर रहा है, लेकिन उनका लीवर कुछ प्रभावित हुआ है।

रविशंकर ने बाबा रामदेव से अस्पताल में मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि योग गुरु चेतना में हैं। उन्होंने उनसे आग्रह किया कि वे अनशनरत अपने समर्थकों से कहें कि नींबू पानी के साथ शहद लें।

रविशंकर ने कहा, "हमने अनशन तोड़ने का उनसे अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि कई सारे लोग अनशन पर हैं और उन्होंने उन्हें नींबू पानी के साथ शहद लेने के लिए कहा। उनकी आंखों में आंसू थे और उन्होंने कहा कि बच्चे भी उपवास कर रहे हैं।"

रविशंकर ने कहा, "मुझे भरोसा है कि वे हमारे अनुरोध को स्वीकार करेंगे।"

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और काले धन को स्वदेश लाने की उनकी मांग में बाबा रामदेव के साथ है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी सरकार से आग्रह किया कि वह बाबा रामदेव का जीवन बचाने के लिए प्रभावी कदमों की घोषणा करे।

भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, "पूरा देश भ्रष्टाचार के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है। ऐसे में भारत सरकार को अपने पूर्वाग्रह पर अड़े नहीं रहना चाहिए। उसे कुछ कड़े और प्रभावी कदमों की घोषणा करनी चाहिए। बाबा रामदेव का जीवन देश के लिए मूल्यवान है।"

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