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Wednesday, June 29, 2011

ज्योति को रास न आई बेवफाई


प्रेमी की शादी से आहत ज्योति ने मौत से रचाया विवाह

नरसिंहपुर से सिटी रिपोर्टर आनंद नेमा की रिपोर्ट
प्रतिनिधि से संपर्क:- 94246 44958
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नरसिंहपुर । २४ जून को रात्रि १० बजे जिला मुख्यालय की धनारे कॉलोनी की गली नंबर ४ में किराये के मकान में अकेली रह रही ३६ वर्षीय ज्योति चौधरी नामक महिला ने शरीर में मिट्टी का तेल छिडक़कर खुद को आग के हवाले कर दिया। काफी अधिक जल जाने के कारण महिला की मौत हो गयी। मकान के जिस कमरे में महिला ने मौत को गले लगाया वह कमरा उसने ५ दिनों पूर्व कृषि विभाग में कार्यरत अनीश खान के मकान में किराये से लिया था जो मकान की दूसरी मंजिल में स्थित था। पुलिस विवेचना में मामला प्रेम प्रसंग का निकला। अपने प्रेमी की बेवफाई से आहत होकर ज्योति ने यह कदम उठाया था। माँ-बाप अपने शादी योग्य लडक़ा-लड़कियों की शादी करवाकर उन्हें इस विशाल पहाड़ जैसे संसार में एक दूसरे का हमदम एक दूसरे के सुख-दुख में शामिल होने के लिए एक कर देते है। अग्रि को साक्षी मानकर जीवन भर एक दूसरे का साथ देने व खुश रखने के लिए पति-पत्नि यह शपथ लेते है। हमने तो अभी तक पति को किसी दूसरी औरत के लिए अपनी जीवनसंगनी का साथ छोडऩे, उसको मौत के घाट उतारने तक ही देखा है परंतु किसी पत्नि को कामवासना के चलते अपने पति व मासूम बच्चों को छोडऩे का मामला पहली पर प्रकाश में आया है। प्यार के खातिर अपने 2 मासूम बच्चों व पति को छोडक़र प्रेमी के साथ एशोआराम की जिंदगीजीने आयी ज्योति को क्या पता था कि वह जिस व्यक्ति को वह अपनी जान से भी ज्यादा मानती है वही एक दिन जान का दुश्मन बन जायेगा। जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम खुरपा निवासी ज्योति चौधरी का विवाह 14 वर्ष पूर्व जबलपुर के हेमराज चौधरी के साथ हिन्दू रीति रिवाज के तहत हुआ था जिससे उसे 2 बच्चे है, लेकिन ज्योति की कामवासना को हेमराज पूरा नहीं कर पा रहा था और वह पति व बच्चों को 9 वर्ष पहले छोडक़र अपने गृह ग्राम आ गयी और उसकी मुलाकात विपतपुरा निवसी २२-२३ वर्ष के जगदीश ठाकुर से हुई और उन दोनों में धीरे-धीरे दोस्ती हो गयी और दोस्ती प्यार में बदल गयी। ज्योति के मान में जगदीश के साथ हम बिस्तर होने का मौका देखने लगी जब भी दोनों को मौका मिलता वह अपनी इच्छा एक दूसरे से मिटा लेते। जगदीश और ज्योति के मिलन से उनका एक चार वर्ष का पुत्र है जो अपने नाना-नानी के पास रहता है। जगदीश बकायदा ज्योति को अपनी पत्नि का दर्जा देकर उसे हाउसिंग बोर्ड में लिये किराये के मकान में रखता था। जगदीश और ज्योति को एक साथ रहते 5 वर्ष बीत गये इस बात का दोनों का पता ही नहीं चला। अभी कुछ दिनों पूर्व जगदीश के माता-पिता ने उसकी शादी रायसेन में करवा दी। जगदीश जब अपनी नई नवेली दुल्हन को रायसेन से लेकर नरसिंहपुर आया तो इस बात का पता ज्योति को लग गया और वह दूसरे दिन जगदीश के घर जाकर झगडऩे लगी और वापिस आकर उसने अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग के हवाले कर सदा के लिए गहरी नींद में सो गयी। वही जगदीश की शादी के अभी दो दिन ही नहीं बीते थे कि वह थाने में आकर बैठ गया। अब समाचार विस्तार से
- ९ साल पूर्व पहले पति को छोड़ा -
पुलिस ने संबंधितों से की गयी पूछताछ में पाया कि ज्योति के माँ-बाप समीपस्थ ग्राम खुरपा में रहते हैं और १४ साल पहले ज्योति का विवाह जबलपुर निवासी हेमराज चौधरी के साथ हुआ था जिससे उसे २ बच्चे हैं लेकिन यह परिणय सूत्र कमजोर निकला और ज्योति अपने बच्चों व पति को छोडक़र नरसिंहपुर के विपतपुरा निवासी जगदीश ठाकुर के साथ भागकर यहां आ गयी। जगदीश से उसे ४ वर्ष का एक पुत्र है जो अपने नाना-नानी के साथ रहता है। ५ वर्षों तक साथ रहने के बाद कुछ दिनों पूर्व जगदीश के प्रेम की डोर भी ज्योति के हाथों से फिसल गयी और जगदीश ने बेवफाई करते हुए रायसेन की एक लडक़ी से विवाह रचा लिया।
- शादी रचाने अलग किया -
ज्योति विवाह में कोई व्यवधान उत्पन्न न करे इसे दृष्टिगत रखते हुए जगदीश ने उसे धनारे कॉलोनी में कमरा किराये से दिला दिया था। गुरूवार को जब जगदीश की बारात रायसेन से वापिस लौटी थी तो ज्योति जगदीश से लडऩे उसके घर गयी थी जहां बड़ा बखेड़ा खड़ा हुआ था जो ज्योति की मौत के साथ ही शांत हुआ।

- ज्योति से अंजान थे उसके पड़ोसी -
बीते शनिवार की दोपहर घटनास्थल पर तफ्तीश करने पहुंची पुलिस को ज्योति के पड़ोसी ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व मृतिका यहां रहने आयी थी इसलिए उसका किसी से परिचय नहीं था। पता चला कि गुरूवार की रात्रि को ज्योति घर नहीं आयी वह अगले दिन शुक्रवार को दोपहर २ बजे घर लौटकर एक घंटे बाद फिर कहीं चली गयी और रात्रि को १० बजे घर लौटी। करीब १०।३० बजे उसने अपने शरीर पर मिट्टी का तेल छिडक़कर आग लगा ली, और दौड़ती हुई बाहर आकर गैलरी में गिर गयी। चीखों की आवाज सुनकर जब पड़ोसी वहां एकत्र हुए तो उन्होंने पुलिस को घटना की सूचना दी। -मौके पर मिली जगदीश-ज्योति की फोटो - विवेचना करने पहुंचे एफएसएल अधिकारी, नगर निरीक्षक एएच रिजवी एवं विवेचना अधिकारी एएसआई चंद्रमा यादव व पुलिस स्टॉफ को घर में मृतिका के बिस्तर में पड़ी हुई वह तस्वीर मिली जिसमें जगदीश व ज्योति साथ-साथ थे। पास ही पड़े हुए ज्योति के मोबाइल फोन को भी पुलिस ने अपने कब्जे में लिया। जिस प्लास्टिक की कुप्पी में भरे तेल को ज्योति ने अपने ऊपर उड़ेला था उस कुप्पी में भी काफी तेल बाकी था। वहीं घटना में मृतिका का जमीन पर बिछा हुआ बिस्तर आधा जल चुका था। पुलिस ने पूछताछ हेतु जगदीश को कोतवाली में बुलाया है।

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