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Thursday, June 23, 2011

तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ द्वारा की गयी अनियमितता के मामले का उजागर

प्रतिनिधि // संतोष कुमार गुप्ता (शहडोल // टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से सम्पर्क : 94243 30959
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शहडोल । जांच प्रतिवेदन के अनुसार जिले के दो अधिकारियों की जांच और सीईओ संतोष पटेल द्वारा दी गयी सफाई में पाया गया कि सीईओ द्वारा मनरेगा के तहत एकल हस्ताक्षर कर वर्ष 2005-06 से 20 अगस्त 2007 तक 7 करोड़ 88 लाख 35 हजार 752 रूपये के चेक नियम विरूद्ध अकेले हस्ताक्षर कर जारी कर दिये गये हैं। पत्र में सीईओ के निलंबन की अनुशंसा की गयी है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक मनरेगा नीरज दुबे ने पत्र क्रमांक 3406 दिनांक 4 जून 2010 को आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग की ओर सीईओ संतोष पटेल के खिलाफ जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। निकाली गयी लगभग आठ करोड़ रूपए की राशि में से ग्राम पंचायत झगरहा को 2 लाख 21 हजार, बोडऱी को 10 लाख 67 हजार, उधिया को 5 लाख 45 हजार 530 रूपये, सिंहपुर को 9 लाख 12 हजार, बमुरा को 10 हजार, बेम्हौरी को एक लाख 56 हजार, करकटी को 2 लाख 3 हजार 622 रूपये, मड़वा 33 हजार 431, मैकी को 3 लाख 20 हजार 5 सौ, भमरहा को 8 लाख 11 हजार 10 रूपये, पटासी 3 हजार 220, चुनिया एक लाख 20 हजार, दूधी 3 लाख 33 हजार 532 एवं गोपालपुर को एक लाख 78 हजार 937 हजार रूपये की राशि दी गयी है। कलेक्टर एवं कार्यक्रम एवं कार्यक्रम समन्वयक मनरेगा नीरज दुबे न जांच प्रतिवेदन में लिखा है कि प्रथम दृष्टया स्पष्ट है कि तत्कालीन सीईओ संतोष पटेल द्वारा राज्य शासन के दिशा निर्देशों के विपरीत काम किया गया है और मनमाने तौर पर शासकीय राशि का दुरूपयोग किया गया है। इस अनियमितता के लिए तत्कालीन सीईओ सोहागपुर को निलंबित व स्थानांतरित कर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित हो।

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