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Saturday, July 30, 2011

फर्जी कंपनी 'स्पीक एशिया' के सीओओ क्राइम ब्रांच की हिरासत में

इंदौर। बीती रात स्पीक एशिया कंपनी के सीओओ को मुंबई क्राइम ब्रांच ने इंदौर से पकड़ा और अपने साथ ले गई। देर रात को गुपचुप तरीके से महाराष्ट्र से आई क्राइम ब्रांच ने उसे स्कीम 54 के एक मकान से पकड़ा। कंपनी द्वारा इंटरनेट के जरिये जॉब दिलाने के नाम पर कई लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई है, इस मामले में अभी जांच चल रही है।

स्पीक एशिया द्वारा इंटरनेट के जरिये जॉब दिलाने की बात कह कर लोगों से 11-11 हजार रुपए लिए गए और उन्हें सर्वे के बदले प्रतिमाह 4 हजार रुपए देने की बात कही गई थी। इसके बाद सदस्यों को पैसा नहीं मिला तब महाराष्ट्र पुलिस को शिकायत की गई। मुंबई के दफ्तर में कार्रवाई करते हुए कुछ पदाधिकारियों को बंदी बनाया गया। मुंबई क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि कंपनी के सीओओ तारक पिता विमलचंद बाजपेई इंदौर में हैं। टीम ने देर रात यहां पहुंचकर स्कीम 54 में छापा मारा और बाजपेई को हिरासत में लिया। टीम विजयनगर थाने पहुंची। इसकी खबर मिलते ही कंपनी के कई लोग थाने पर पहुंचे और बाजपेई को छुड़ाने का दवाब बनाने लगे। इसके बाद थाने पर काफी भीड़ जमा हो गई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने भी बाजपेई को पकड़ा और अपने साथ ले गई।

बाजपेई का कहना था कि मुझे गिरफ्तार नहीं किया गया है, कुछ पूछताछ करने के लिए ले जा रहे हैं। गौरतलब है कि स्पीक एशिया पर काफी वक्त से धोखाधड़ी के आरोप लग रहे हैं। स्पीक एशिया एक ऑनलाइन सर्वे कंपनी है और इससे जुड़ने वालों को हर हफ्ते सर्वे पूरा करने के ऐवज में अच्छी खासी रकम दी जाती है। कंपनी की सदस्यता 11 हजार रुपए है।

स्पीक एशिया के खिलाफ 420 का केस

रायपुर। पंडरी पुलिस ने सिंगापुर की सर्वे फाइनेंस कंपनी एटो लाईक और स्पीक एशिया के खिलाफ 420 का केस दर्ज कर लिया है। कंपनी के खिलाफ शंकरनगर निवासी अब्दुल लतीफ कुरैशी ने रिर्पोट दर्ज कराई है।
पुलिस के मुताबिक प्रार्थी अब्दुल रशीद और उनकी बहू ने कंपनी के विज्ञापन के अनुसार 10-10 हजार इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से कंपनी के खाते में जमा कराए थे। कंपनी का कहना था कि हर महीने 4 हजार रुपए मिलेंगे। परंतु ऐसा नहीं हुआ। एक महीने कंपनी ने चार-चार हजार रुपए उन्हें भेजे। उसके बाद रुपए भेजने का सिलसिला बंद कर दिया गया। 15 फरवरी को श्री कुरैशी ने अपने और बहू के नाम से पॉलिसी ली थी। इतने दिन इंतजार करने के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत की। प्रकरण का परीक्षण करने के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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