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Wednesday, August 31, 2011



ब्यूरो प्रमुख // पी.वेंकट रत्नाकर (कटनी// टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो
प्रमुख से संपर्क: 99934 54490

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कटनी । कटनी रेल्वे स्टेशन में वैध वैंडऱों से ज्यादा अवैध वैंडऱों की भरमार है इन अवैध वैंडऱों को कोई भी ठेकेदार अपने ठेके में शामिल नहीं करता और अवैध वैंडऱों से ये ठेकेदार से अवैध पैसा लेते हैं। तब जाकर इनको स्टेशन परिसर में खादय सामग्री बेचने को मिलती इन्हीं अनिमित्ताओं के चलते ये वैंडऱ खादय सामग्री की जो उचित किमत के उपर पैसा मंगतें हैं। अगर मुसाफिर ने कहा की उचित किमत से ज्यादा किमत क्यों ले रहे हो तो मुसाफिर को वैंडर ये कहता है कि लेना हो तो लो और विरोध कीया तो वेंडर झगडने लगते हें। जब तक प्लेटफार्म में आर पी एफ एवं जी आर पी के सिपाही वहॉं पहुॅचते हें तब तक अवैध वैंडर वहॉं से जा चुका होता हे क्योंकि अगर पकड़ा जाता हे तो ठेकेदार एवं प्राशासनिक अधिकारियों की पोल खुलने का डर लगा रहता है।
सभी वैध वैंडर अलग से अपना एक भट््््टी धर स्थापित कर रखे हें जो की प्राशासनिक तौर पर अवैध हैइन भटृटी धरों से खादय समग्री बन कर आती हे और वही अवैध वैंडर स्टेशन परिसर पर बेखौफ बेचते हैं इन्हें ना तो कोई पकडने वाला है और न ही पूछने वाला हे कभी अगर कोई पकड़ भी जाता है तो ठेकेदारों के मैनेजर कहते है ये वैंडर हमारे यहॉं का नहीं है। तथा अवैध वैंडर रात के समय ज्यादा दिखाई देते है पॉंच न. प्लेटफार्म के पीछे हमेशा दो व्यक्ति गैस में चाय बनाते मिलते हैं इससे ये साबित होता है कि ठेकेदार एवं अधिकारियों के मिली भगत से स्टेशन परिसर में बेची जाती है अगर मुसाफिर के खुल्ले पैसे नहीं होते तो उससे भी अधिक रकम काटी जाती है अगर एस एम से पूॅछा जाता है तो एस एम का एक ही जवाब होता हे की आप एरिया पूॅछ लो मुझे कुछ नहीं पता इससे साफ पता चलता है की किसकी मिली भगत से इन अवैध वैंडरों का काम चलता है एवं किसके पास कितना पहुॅचता है उसके बाद भी सारे सक्षम अधिकारी अपनी छवि साफ सुथरी बनाने में लग जाते हैं। तथा सारे वैंडरों को दो चार दिन के लिये पूरी तरह से निष्कासित कर दिया जाता है।
वैध और अवैध भटृटी में है गंदगी ठेकेदारों के वैध वैंडऱ अपने खुद के भटृटी बना के रखे हें जो पूरी तरह से गलत हे फिर भी इन भटृटी धरों से खाद्य सामग्री बना कर स्टेशन परिसर में अवैध वैंडरों के माध्यम से बिकवाते हैं तथा इन भट्टी धरों में काफी मात्रा में गंदगी फैली होती है तथा मुसाफिरों के स्वास्थ से खिलवाड करनें से भी नहीं चुकते है। जो कि नियम के अनुसार गलत हे इस अंधी कमाई के चक्कर में सारे वैध वैंडऱ अपना अवैध भट्टी धर संचालित कर रखा है। और मुसाफिरों के स्वास्थ से खेलते नजर आते हैं।

शासकीय स्कूल की जमीन पर हुआ अवैध कब्जा



क्राइम रिपोर्टर// रवि बर्मन (कटनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से संपर्क:- 9584618580

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कटनी . माधव नगर स्थित रावट लाइन रोड़ पर शासकीय पूर्व माध्यमिक कन्या शाला सन 1954 में प्राथमिक स्कूल के नाम शासन ने खोला था। ताकी गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके। उसके बाद शासन ने उच्च शिक्षा के लिये 1971 में माध्यमिक स्कूल धोषित किया गया तथा शासन के द्वारा कन्या शाला को खेल कूद एवं स्कूल के विकास के लिये 17.93 हैक्टेयर भूमि दी गई। जो कि स्कूल लगभग 2 हैक्टेयर भूमि में बना है। तथा बाकी जमीन खेल मैदान एवं अन्य प्रोग्रामों के लिये दिया गया था। विदित हो की इतनी ज्यादा भूमि किसी भी शासकीय स्कूल के पास नहीं है। किन्तु इस शिक्षा मंदिर की जमीन में लोगों की नजर भू-माफियाओ की पड़ गई तथा इस कन्या शाला की जमीन पर भू-माफियाओं ने धीरे धीेरे कब्जा करना चालू कर दिया।
सरकारी कर्मचारियों की मिली भगत से शासकीय कन्या शाला की जमीन का एैगरीमेंट एवं रजिस्ट्ी करवाना चालू कर दिया जब्कि यह सारी जमीरन सरकारी थी जिससे यह जमीन आधी भी नहीं बची। जमीन का खसरा न0 83 है एवं कुल रकवा 17.93 हैक्टेयर भूमि है। राजीव गंाधी शिक्षा विभाग को कई बार शाला के शिक्षकों ने लिखित में शिकायत भी की है। लेकिन अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ा। जिले के एस.डी.एम. छवि भारद्वाज एवं कलेक्टर एम.सेलवेंद्रम के सम्क्ष भी शिकायत रखी गई। लेकिन कलेक्टेर के आदेश के बावजूद भी कोई्र कार्यवाही नहीं की गई। जबकि शिकायत में खसरा न. एवं कुल रकवा साफ तौर पे दर्शाया गया है।
सरकारी महकमें से जुड़ा व्यक्ति अगर सरकार से शिकायत नहीं करेगा तो किससे करें? स्कूल के समीप बिकती है शराब वहीं शासकीय कन्या शाला के ठीक 10 मीटर की दूरी पर दिल्ली दरबार होटल है इस होटल में दिन हो या रात शराब बेखौफ बेची जाती है। क्योंकि होटल मालिक ने हर विभाग में अपना आपसी तालमेल बना लिया है। जिसकी वजह से कोई कुछ नहीं बोलता। यदि किसी शिक्षक ने किसी प्रकार का कुछ बोलना चाहा तो उनके साथ गाली गलोज व धमकी देकर शांत करा दिया जाता है। स्कूल के सामने से कुछ शराबी अभद्रता करते हुये निकलते हैं। जिससे स्कूल के शिक्षकों को खराब लगता है। छात्राओं ने बताया स्कूल में पढऩे वाली छात्राओं का कहना है कि स्कूल लगते समय कुछ शराबी स्कूल के गेट में खड़े होकर अपशब्दों का उपयोग भी करते रहते है। और शनिवार को स्कूल बंद करके जाते हैं और सोमवार को जब स्कूल खुलता है तो स्कूल प्रागंण में शराब की बोतलें एवं पानी के पाउच भारी मात्रा में मिलते हैं। जिसको हम सभी छात्राओं को ही साफ करना पड़ता है।
हो गया स्कूल की जमीन का फर्जी ऐगरीमेंट होटल दिल्ली दरबार के मालिक ने किया शासकीय स्कूल की भूमि का फर्जी ऐगरीमेंट। होटल के मालिक से टाइम्स ऑफ क्राइम के रिपोर्टर ने पूॅछा की आपकी होटल तो स्कूल की भूमि में बनी है तो होटल के मालिक ने कहा कि मुझे नहीं मालूम परन्तु यह मेरी होटल है और यह होटल मैंने किराये पर खोली है जिसका मेरे पास किराया नामा ऐगरीमे।ट है। होटल के मालिक ने बताया की पूर्व में इस स्कूल में इन्द्रलाल मास्टर थे जिनके नाम पर जमीन है जिनसे मैने यह किराये पर ली है आखिर कब तक सरकारी भूमि पर कर्मचारियों की मिली भगत से करते रहेंगे कब्जा। टाइम्स ऑफ क्राइम की टीम अगले अंक में करेगी नाम सहित खुलासा।