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Monday, August 1, 2011

नाबालिग की सहमति का कोई मतलब नहीं

नई दिल्ली
toc news internet चंनल

घरेलू नौकरानी से बलात्कार करने के आरोपी की जमानत अर्जी हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। लड़की जहां काम करती थी , वहीं ड्राइवर का काम करने वाले शख्स पर बलात्कार का आरोप है। आरोपी ने अदालत में दलील दी कि उसने लड़की की सहमति से संबंध बनाए थे , लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया।

हाई कोर्ट ने अपने ऑर्डर में सरकारी वकील नवीन शर्मा की दलील पर सहमति जताई , जिसमें उन्होंने कहा कि लड़की की उम्र 15 साल है और ऐसे में उसकी सहमति का कोई मतलब नहीं रह जाता। साथ ही मैजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में लड़की ने साफतौर पर कहा कि आरोपी ने उसे शादी का झांसा दिया और उसके साथ जबरन संबंध बनाए। हाई कोर्ट ने अपने ऑर्डर में कहा कि चूंकि लड़की की उम्र 15 साल बताई गई है , ऐसे में उसकी सहमति का कोई मतलब नहीं है। मेडिकल रिपोर्ट में रेप की बात सामने आई है और लड़की का बयान भी बाकी है , इसलिए आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती।

मामला सफदरजंग एनक्लेव इलाके का है। पुलिस के मुताबिक , मोना ( बदला हुआ नाम ) का कहना है कि उसकी उम्र 15 साल है। वह घरेलू नौकरानी का काम करती है। वह जहां काम करती थी , वहीं ड्राइवर का काम करने वाले राकेश ( बदला हुआ नाम ) ने उसके साथ शादी का वादा किया और फिर शारीरिक संबंध बनाए। राकेश शादीशुदा था , लेकिन उसने वादा किया था कि वह पत्नी को तलाक देकर उससे शादी करेगा।

लड़की के पिता की शिकायत पर पुलिस ने 7 मार्च , 2011 को राकेश के खिलाफ केस दर्ज कर लिया और बाद में उसे गिरफ्तार भी कर लिया। लड़की का मैजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया गया। मैजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में उसने कहा कि राकेश ने उसे शादी का झांसा दिया और फिर उसके साथ जबरन संबंध बनाए। उसकी उम्र 15 साल है और वह सही - गलत समझ नहीं पाई।

वहीं , राकेश की ओर से दलील दी गई कि लड़की की मर्जी से उसने संबंध बनाए। लड़की ने पिता के दबाव में उसके खिलाफ केस दर्ज कराया है। सरकारी वकील नवीन शर्मा की दलील थी कि चूंकि लड़की की उम्र 15 साल है , ऐसे में उसकी सहमति का कोई अर्थ नहीं है। कानूनी प्रावधान के तहत शारीरिक संबंध की सहमति देने के लिए लड़की की उम्र कम से कम 16 साल होनी चाहिए।

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