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Saturday, August 6, 2011

आदिम जाति कल्याण विभाग के ३५५ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी क्रमोन्नति हुई एवं वेतनमान से पूर्णत: वचित

प्रतिनिधि // संतोष कुमार गुप्ता (शहडोल // टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से सम्पर्क : 94243 30959


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शहडोल । मप्र राज्य कर्मचारी संघ क संभागीय अध्यक्ष दिलीप अग्रवाल उपाध्यक्ष नरेन्द्र निगम, शहडोल जिला अध्यक्ष राजेश निगम, आरके अग्रिहोत्री, राजकुमार तिवारी, देवेश्वर मिश्रा ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए कहा है कि मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभगा वेतन आयोग प्रकोष्ठ मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ-1-1/1/वेआप्र/99भोपाल दिनांक 17.03.1999 एवं 19.04.1999 द्वार प्रदेश के समस्त संवर्ग के कर्मचारियों को 12 वर्ष की सेवा अवधि पश्चात क्रमोन्नति योजना का लाभ देने के निर्देश जारी हुए, तत्पश्चत पुन: मप्र शासन, साप्रशावि वेतन आयोग प्रकोष्ठ ने अपने पत्र क्रमांक एफ-1-1/1 पीसीसी/1999 भोपाल दिनांक 26 अप्रैल 2000 द्वारा संगठन की विशेष पहल पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियेां को गोपनीयच प्रतिवेदन न प्राप्त होने पर सक्षम अधिकारी ही कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन प्राप्त कर क्रमोन्नति लाभ देने के निर्देश जारी करेगा, साथ ही मप्र शासन वित्त विभाग वल्लभ भवन मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमंाक एफ 11/1/2008/नियम/चार भोपाल दिनांक 7 नवम्बर 2009 द्वारा चतुर्थश्रेणी के कर्मचारियों को भी 12 एवं 24 वर्ष की सेवापर समयमान वेतनमान अनिवार्यत: दिया जावे के निर्देश हैं, उपरोक्त आदेशों के बावजूद आदिम जाति कल्याण विभगा शहडोल अंतर्गत, कार्यरत 355 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी समयमान वेतनमान के तहत आर्थिक लाभ सुविधा से पूर्णत: वंचित है, जबकि यही कर्मचारी साथी कार्यालय से लेकर अधिकारियों के बंगलों तक में अपनी सेवाएं देते हैं, आखिर इनकी व्यथा पीड़ा कौन कब सुनेगा।

मप्र राज्य कर्मचारी संघ ने पदाधिकारियेां ने संभाग के संवेदनशील न्यायप्रिय कमिश्नर प्रदीप खरे, कलेक्टर नीरज दुबे, संभागीय उपायुक्त आदिवासी विकास विभाग, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तथा सहायक आयुक्त से मानवीय दृष्टिकोण से मांग की है कि त्यौहारों के अवसर पर हमें व हमारे कर्मचारियों का क्रमोन्नति कर वेतनमान उपलब्ध कराने के लिए आवेदन पत्र सहायक आयुक्त को दिया गया है।

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