मात्र छह महीने में पांच सौ शिकायते और सौ को नोटिस
बैतूल // रामकिशोर
पंवार
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बैतूल जिले के गांवो एवं नगरीय क्षेत्रो के जिले की
2036 प्राथमिक एवं 820 माध्यमिक शालाओं में कार्यरत बहुचर्चित मध्याह्न
भोजन योजना पूरी तरह अपने मूल कत्वर्य से भटक गई है। जिसमें अनियमितताओं और
लापरवाही की बुरी तरह शिकार बनी इस योजना का कोई छोर नहीं है। आंख से
आंसम निकालने वाले प्याज के छिलकों की तरह इस योजना का पूरा खाका बिखर चुका
है। अभी तक इस योजना को लेकर बीते छह महीनों में पांच सौ से ज्यादा
शिकायते निरीक्षण के दौरान आई लेकिन मात्र सौ स्वसहायता समूहों और शिक्षकों
के खिलाफ नोटिस भेजे गए। एक शिक्षक के विरूद्ध ही आदिवासी विकास विभाग
द्वारा जांच प्रस्तावित की गई है। जबकि बाकी को नोटिस एवं चेतावनी पत्र के
माध्यम से ही गुणवत्ता में सुधार के निर्देश दिए गए हैं। कई स्कूलो मे तो
फर्जी स्वसहायता समूह संचालित हो रहे है। कई स्वसहायता समूह में अध्यक्ष
एवं सचिव को पता तक नहीं है कि उसके खाते में से कितने रूपयों का आहरण किया
गया है
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तथा उस राशी का क्या उपयोग किया गया है। योजना प्रभारी संजीव श्रीवास्तव कहते है कि मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। जो भी खामियां सुधारने के निर्देश दिए जा रहे हैं। मध्याह्न भोजन निरीक्षण में स्वसहायता समूहों की गड़बड़ी सबसे ज्यादा सामने आई है। कुल 72 समूह ऐसे हैं जिन्हें लापरवाही बरते जाने पर नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई है। वहीं इस मामले में शिक्षक भी पीछे नहीं है। ऐसे शिक्षकों की कुल संख्या 33 के लगभग है, जिसमें एक शिक्षक पर तो कार्रवाई भी प्रस्तावित है। उल्लेखनीय है कि बैतूल जिले की 2036 प्राथमिक एवं 820 माध्यमिक शालाओं में आगामी दिसम्बर माह तक मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम संचालित करने के लिए तीन करोड़, सत्ताईस लाख उनचास हजार आठ सौ अठ्ठाईस रूपये की राशि जिला पंचायत से स्व सहायता समूहों के बैंक खाते में जमा करा दी गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बैतूल विकासखण्ड के प्राथमिक शालाओं के लिए 27 लाख 94 हजार 274 रूपये तथा माध्यमिक शालाओं के लिए 29 लाख 45 हजार 696 रूपये की राशि, शाहपुर विकासखण्ड में प्राथमिक शालाओं के लिये 15 लाख 99 हजार 137 रूपये तथा माध्यमिक शालाओं के लिये 11 लाख 68 हजार 651 रूपये, चिचोली विकासखण्ड में प्राथमिक शालाओं के लिए 9 लाख 67 हजार 445 रूपये तथा माध्यमिक शालाओं के लिये 7 लाख 53 हजार 861 रूपये, घोड़ाडोंगरी विकासखण्ड में प्राथमिक शालाओं के लिए 27 लाख 40 हजार 493 रूपये तथा माध्यमिक शालाओं के लिये 19 लाख 88 हजार 172 रूपये, मुलताई विकासखण्ड में प्राथमिक शालाओं के लिए 12 लाख 13 हजार 433 रूपये तथा माध्यमिक शालाओं के लिये 14 लाख 4 हजार 116 रूपये, आमला विकासखण्ड में प्राथमिक शालाओं के लिये 18 लाख 90 हजार 333 रूपये तथा माध्यमिक शालाओं के लिये 15 लाख 86 हजार 362 रूपये, प्रभातपट्टन विकासखण्ड में प्राथमिक शालाओं के लिये 6 लाख 574 रूपये तथा माध्यमिक शालाओं के लिये 7 लाख 17 हजार 474 रूपये, भैंसदेही विकासखण्ड में प्राथमिक शालाओं के लिये 11 लाख 3 हजार 588 रूपये तथा माध्यमिक शालाओं के लिये 13 लाख 10 हजार 600 रूपये, आठनेर विकासखण्ड में प्राथमिक शालाओं के लिये 7 लाख 98 हजार 78 रूपये तथा माध्यमिक शालाओं के लिये 8 लाख 2 हजार 478 रूपये एवं विकासखण्ड भीमपुर की प्राथमिक शालाओं के लिये 41 लाख 1 हजार 430 रूपये तथा माध्यमिक शालाओं के लिये 22 लाख 63 हजार 633 रूपये की राशि स्कूलों में मध्यान्ह भोजन संचालित कर रहे स्व सहायता समूहों कुल मिला कर कमाई का अंधा धंधा बन चुके है। |
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