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Friday, October 28, 2011

बेटी बचाओ अभियान या बेटी निपटाओ अभियान

ब्यूरो प्रमुख// राजीव जैन  (गाडरवारा // टाइम्स ऑफ क्राइम) 
  ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- 9926650850
 
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तहसील गाडरवारा- ग्राम बोदरी में कुछ दिनों पहले एक औरत ने तीन बच्चियों को एक साथ जन्म दिया जन्म होने के बाद 22.10.2011 में तीनों बच्चियों को इलाज व उचित देखभाल के चलते उनकी मौत हो गई। बच्चियॉ कुपोषित होना भी मौत का कारण है। क्योंकि उनका वजन कम पाया गया। सरकारी अस्पताल में उनका जन्म हुआ। ग्राम की ऑंगनवाड़ी व सहायका द्वारा उस महिला मॉं की किसी भी प्रकार से मदद तक नही की गई। यहॉ तक कि उसके मॉं बनने के पहले उसे अस्पताल तक वहॉ अपने आप खुद आटो से आई थी। ना तो ग्राम सरपंच को पता चला ना ही सहायका को ओर ना ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को, यदि अस्पताल अधिकारी व सरपंच चाहतेे तो उन तीनो बच्चियों की जान बचाई जा सकती थी। वहा से डाक्टरो के बुलाकर उनका उचित इलाज करार कर। उनको ठीक किया जा सकता था। व बेटी बचाओं अभियान को सार्थक कर सकते थे। मगर उन्होने ऐसा कुछ नही किया। अखबारों व दिवाल पर लिखने से बेटी बचाओ अभिया पूर्ण नही होगा। ना ही कहने से यह अभियान तब पूरा होगा। जब ऑंगनबाड़ी व सहायका अपना कार्य पूर्ण से करे व करने वाले के विरूद्ध कड़ी से कड़ी  कार्यवाही तुरंत की जावे क्योंकि ये कार्यकर्ता अपने पद का सही इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। ये तो बस आंगनबाड़ी आये समानो को बेचने की सेटिंग में लगी रहती है। अपने घर में आंगनबाड़ी खोलकर सिमित बच्चा को खाना खिलाकर अपनी जिम्मेदारी से हाथ झड़ा लेती है व रजिस्टरो  में पूरी खानापूर्ति करती है। जब गुड्डी बाई धानक सरकारी अस्पताल आई तब उनके साथ ना तो आशा कार्यकर्ता थी ना ही कोई सहायिका थी।  जहां एक ओर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह जी चौहान बेटी बचाओ अभियान में लाखों करोड़ो रूपये पानी जैसे बहाये जा रहे है। वही इन अधिकारियों की लापरवाही के चलते तीन बच्चियों की लगातार इलाज के चलते मौत हो गई। कैसे बचेगी बेटी जब अधिकारी ही उदासीन है और प्रशासन सुस्त है।

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