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Monday, December 19, 2011

इंदौर आरटीओ का क्लर्क करोड़पति निकला

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इंदौर। इंदौर आरटीओ का क्लर्क करोड़पति निकला। आज ईओडब्ल्यू के छापे में उसके यहां अरबों की संपत्ति के कागजात मिले हैं। ईओडब्ल्यू एसपी मनोज सिंह को शिकायत मिली थी कि आरटीओ में टैक्स और फर्जी रसीद घोटाला हुआ है। बाबू रमण धुलधोए और दलाल रूपेश कौशल ने कई वाहन स्वामियों को फर्जी रसीदें देकर करोड़ों रुपए कमाए हैं। आज टीमों ने तीन जगह छापा मारा। एक टीम ने रानीपुरा में धुलधोए के घर पर, दूसरी टीम ने खंडवा रोड मोरोद में उसके फार्म हाउस पर व तीसरी टीम ने छोटा बांगड़दा में दलाल रूपेश कौशल के घर पर छापा मारा।
क्लर्क के घर, फार्म हाउस और उसके दलाल के घर सुबह से आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की कार्रवाई चल रही है। शुरुआती जांच में ही खंडवा रोड पर पचास बीघा जमीन की जानकारी मिली है। सात बड़ी-बड़ी गाडिय़ां : धुलधोए के पास स्कार्पियो, जीप, इंडिका, ट्रैक्टर और तीन मोटरसाइकलें भी मिली हैं। इनकी कीमत भी करीब एक करोड़ आंकी गई है। बरसों से चल रहा था भ्रष्टाचार: धुलधोए और दलाल कौशल के बारे में जानकारी मिली है कि ये बरसों से आरटीओ में खेल कर रहे थे। इन्होंने फजी रसीद कट्टे बना रखे थे। वाहन स्वामियों को फर्जी रसीदें देकर पैसा हड़प लेते थे।

इन फर्जी रसीदों की वैधानिकता पर भी सवाल नहीं उठा। रमण के काका चंदू धुलधोए आरटीओ में ही आफिस-सुपरिडेंट हैं। बरसों से जमे हैं। इस कारण से कोई अफसर इन पर हाथ नहीं डालता था। फर्जी रसीद कांड की जानकारी पुराने आरटीओ को भी थी। डेढ़ किलो सोना मिला: रानीपुरा के घर में जांच के बाद करीब डेढ़ किलो सोने के जेवरात और तीन किलो चांदी के अलावा एक लाख रुपए नकद, बीमा पॉलिसियां भी मिली हैं। पांच बैंकों में अकाउंट मिले हैं।

मोरोद के घर और फार्म हाउस में कार्रवाई चल रही है। खंडवा रोड पर पचास बीघा जमीन: जांच में धुलधोए के घर से खंडवा रोड मोरोद की पचास बीघा जमीन के कागज मिले है, जिसकी कीमत करीब एक अरब रुपया बताई जा रही है। यह जमीन उसने 2004-05 में खरीदी है। इसके अलावा सांवेर चौपाटी में चार प्लाट मिले हैं। बैंक खातों में भी पैसा मिला है। घर से लाखों के जेवर भी मिले हैं। भाई अपर कलेक्टर थे: रमण के भाई पृथ्वीराज धुलधोए अपर कलेक्टर थे। वो इंदौर नगर निगम में अपर आयुक्त भी थे। उनकी मौत हो चुकी है। पृथ्वीराज धुलधोए इंदौर में ही रहते थे, इस कारण उनकी कई नेताओं से भी पकड़ थी।

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