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Wednesday, December 21, 2011

मध्य प्रदेश के बिजली मीटर घोटाले में पांच को सजा

प्रतिनिधि/ उदय सिंह पटेल (सिहोरा //टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से संपर्क:- 93298 48072
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जबलपुर। मध्य प्रदेश में लगभग डेढ़ दशक पहले हुए बिजली मीटर खरीदी घेटाले में राज्य विद्युत मंडल के पूर्व अध्यक्ष एस. के. दासगुप्ता सहित पांच अधिकारियों को तीन-तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। यह सजा लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश प्रद्युम्न सिंह ने सुनाई है। गौरतलब है कि वर्ष 1996 में विद्युत मंडल ने ऊर्जा मीटर की ऊंची दर पर खरीदी की थी। इस खरीदी से मंडल को लगभग साढ़े छह करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। अधिकारियों पर आरोप था कि उन्होंने बिना निविदा के मीटर की खरीदी का प्रस्ताव तैयार किया, इससे मंडल को नुकसान हुआ। शिकायत लोकायुक्त के पास पहुंची। लोकायुक्त ने जांच में अनियमितता पाई और प्रकरण दर्ज करने के बाद न्यायालय में चालान पेश किया।

मध्य प्रदेश के बिजली मीटर घोटाले में पांच को सजा 
मामले की सुनवाई के बाद गुरुवार को न्यायाधीश सिंह ने फैसला सुनाया। फैसले में पांच पूर्व अधिकारियों को दोषी बताया गया है। फैसले में कहा गया है कि मंडल के नियमानुसार एक करोड़ से ज्यादा की खरीदी निविदा से होनी चाहिए, इसके बाद अधिकारियों को खरीदी के विशेष अधिकार दिए गए थे, लेकिन अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। न्यायाधीश ने पूर्व अध्यक्ष दासगुप्ता और अन्य एन. पी. श्रीवास्तव, प्रकाशचंद्र मंडलोई, बसंत कुमार मेहता व मोहन चंद को तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई है। साथ ही पांचों पर एक लाख एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

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