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Wednesday, December 21, 2011

साईखेड़ा पुलिस का दोषी सैनिक को बचाने की प्रयास

 नगर सुरक्षा सैनिक द्वारा बलात्कार करने की कोशिश, साईखेड़ा पुलिस का दोषी सैनिक को बचाने की प्रयास


तहसील प्रमुख// राजीव ऋ षि कुमार जैन  (गाडरवारा //टाइम्स ऑफ क्राइम) 
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- 9926650850
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  गाडरवारा. साईखेड़ा ब्लाक के 7 कि.मी.दूर पर स्थित देतपोन ग्राम के प्रदीप श्रीवास 35 वर्ष रतनलाल श्रीवास निवासी है। पीडि़त देतपोन के निवासी है पीडि़त के मकान के सामने उसका भाई मलखान श्रीवास का मकान है मलखान श्रीवास साईखेड़ा में नगर सुरक्षा  सैनिक के पद पर कार्यरत् है दिनांक 6.12.2011 को रात्रि 11 बजे प्रदीप पीडि़त की पत्नि रमिती बाई अपने बच्चों के साथ सो रही थी। तभी नगर सुरक्षा सैनिक मलखान उसके घर आ गया और रमिती बाई को जगाकर बोला तुम मेरे पास सो तथा रामेती बाई का हाथ पकडक़र अश्लील हरकते करने लगा। रामेती ने कहा तुम मेरे जेठ लगते हो ऐसा क्यों कर रहे हो तुम में शर्म बाकी है या नहीं।
  रमिती बाई ने मलखान के हाथ में काट दिया मलखान को गुस्सा आया और रामेती के बाल पकडक़र झझोड़ दिया। इस चिल्लाचोट में प्रदीप की नींद खुल गई उसने अपने भाई को समझाया कि ऐसा मत करो इसी शोर में मलखान के दोनो पुत्र रानू ,मनीष वहा आ गये और तीनों ने प्रदीप व रमिती बाई को हाथ व लातों से पीटना शुरू कर दिया दोनों अपनी जान बचाकर किसी तरह तो भाग निकले पर उनके बच्चों घर पर थे दूसरे दिन गुरूवार को करीब 12 बजे दोनो पति-पत्नि अपने बच्चों को देखने घर पहुचे तो मलखान और उसकी पत्नि वहा आ गई।
 
फिर दोनो में बहस हुई मलखान की पत्नि ने कहा प्रदीप की गर्दन काट लो इतना सुनने के बाद दोनो बस स्टेंड पर पहुचे उनके पीछे गाड़ी लेकर रानू ,मनीष व मलखान भी पहुच गये व बस स्टेंड़ पर प्रदीप के सिर पर गढासिया दे मारा व उसकी पत्नि को लाठियों से स्टेंड पर पीटाई की, जिसकी चोटे पीडि़तों के शरीर पर मौजूद है उक्त घटना की जानकारी पीडि़त प्रदीप व रामेती द्वारा साईखेड़ा में दिनांक 8.12.2011 को दर्ज कराने गयी तो घटित, घटना का संपूर्ण वृत्तांत लेख नहीं किया गया व पूरी रिपोर्ट नहीं लिखी जा रही है व पीडि़त का ये भी कहना है। कि साईखेड़ा पुलिस द्वारा मलखान को बचाने का प्रयास किया जा रहा है पुलिस का काम मुजरिमों को सजा देना व पीडि़तों व असहाय लोगों की मदद करना है। पर न जाने आज कल पुलिस बलवानों की सहायता व असहाय निर्धन लोगो को परेशान क्यों कर रही है? आखिर पुलिस  अपराधियों का पक्ष क्यों लेती है? समाचार लिखे जाने तक पीडि़त सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे है।

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