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Sunday, December 4, 2011

यह कैसा न्याय गरीबों को दंड रईसों को छूट

क्राइम रिपोर्टर// मुकेश वर्मा (कटनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से संपर्क:- 9302857143
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कटनी . सैया भए कोतवाल, अब डर काहे का आचार्य विनोबा भावे वार्ड में बनें जिन रसूखदार लोंगों के अतिक्रमण में बने मकान, नजूल तहसीलदार नन्हेलाल वर्मा की दो मुॅंही कार्यवाही का शिकार होने से बच गए है। संभवत ये दंबग यही गाना गुनगुना रहे होगें। ऑंसू तो 22 परिवारों की ये ऑंखे बरसा रही है, जिनके आशियाने बिना कोई नोटिस दिए नजूल तहसीलदार की तानाशाही के भेंट चढ़ गए है। राजस्व अधिकारी ने कब्जाधारियो से बकायदा शुल्क वसूला था, लिहाजा नियमानुसार 22 गरीब परिवार कम से कम एक नोटिस के हकदार तो है। गिराना मकान था तानाशाह साहब ने तो गृहस्थी ही उजाड़ दी, गरीबों को घर से सामान निकालनें तक का मौका नहीं दिया,शायद साहब इतने कर्तव्य परायण है कि कानून को सिर्फ एक ही नजर से देखते है, गरीब को दंड,अमीरों को छूट।  
 
 कार्रवाई के बाद उठे सवाल 
 नजूल विभाग द्वारा खिरहनी स्थित नजूल भूमि पर अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई नियम विरुद्ध करने का आरोप लगाया जा रहा है। कब्जाधरियो ने आरोप लगाते हुए कहा कि कार्रवाई करने से पहले न तो किसी प्रकार की जानकारी दी गई और न ही मकान को खाली करने का समय दिया गया है। इन आरोपों के अलावा कब्जाधरियो ने यह भी शिकायत की है कि जिस समय मकान निर्माण कराए गए थे, उस दौरान तत्कालीन राजस्व निरीक्षक द्वारा सबसे राशि वसूल की गई थी। गौरतलब है कि नजूल तहसीलदार नन्हेलाल वर्मा सहित अन्य राजस्व निरीक्षकों ने पुलिस बल की मौजूदगी में करीब दो दर्जन से भी अधिक मकान को जेसीबी से यह कहते हुए गिरा दिया कि यह नजूल की भूमि है और इस पर कब्जा कर निर्माण कराया गया है। 
 
 की गई शिकायत
  कब्जा हटने के बाद करीब दो दर्जन से अधिक महिला-पुरुषों ने कलेक्टर से शिकायत करतें हुए बताया कि जब निर्माण कार्य हो रहा था , तब तत्कालीन राजस्व निरीक्षक द्वारा राशि वसूल की गई थी। इसके अलावा जब कब्जा हटाने की कार्रवाई की गई तो वह भी अचानक की गई। न तो पहलें से कोई सूचना दी गई और नियम -कायदों को ध्यान में रखा गया। 
 
सामान हुआ क्षतिग्रस्त 
 गरीबों को कहना है कि कार्रवाई के दौरान इतनी मोहलत भी नहीं दी गई कि वे घर के बाहर अपना सामान निकाल सकें। जेसीबी के कारण दो दर्जन से अघिक मकानों में रखा लाखों को सामान क्षतिग्रस्त हो गया। 
 
खुले मे गुजारी ठंड भरी रात 
 गरीबों ने कहा कि मकान तोडऩे से पहले रहने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। मकान टूट जानें के कारण गरीब ठंड मे खुले आसमान के नीचे रात गुजारने के लिए मजबूर थे। तो बैठगे आमरण अनशन पर गरीबों का कहना है कि नियम विरुद्ध की गई कार्रवाई पर यदि जिला प्रशासन द्वारा जॉंच कर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो सभी लोग  आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होगें, जिसकी समस्त जवाबदारी शासन व प्रशासन की होगी।  
ये है नियम  
शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के सात दिन पहले बेदखली आदेश कब्जाघारी को देना पडता है। कब्जा किए गए मकानों को चिन्हित कर प्रकरण बनाया जाताहै। बेदखली आदेश पारित होने के बाद अतिक्रमण हटानें की कार्रवाई की जाती है लेकिन जो आरोप गरीबों ने लगाए है,उसमें न तो पहलें से कोई पूर्व सूचना दी गई और न ही उन्हें बेदखली आदेश मिलें। आरोप निराधार है कब्जा हटानें से पहले सूचना दी गई थी। साथ ही जिस दिन कार्रवाई की गई , उस दिन भी सुबह पटवारी द्वारा सूचित किया गया था। लगाए जा रहे आरोप निराधार है। जिसका मकान टूटता है,वो आरोप लगाता ही है। 
नन्हेलाल वर्मा, नजूल तहसीलदार

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