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Tuesday, February 14, 2012

नहीं रहे उर्दू के मशहूर शायर और गीतकार शहरयार

पत्रकार आलोक सिंघई, ओम प्रकाश हयारण शहरयार  विनय जी. डेविड
मशहूर शायर एवं गीतकार शहरयार का सोमवार को अलीगढ में निधन हो गया। 76 वर्ष के शहरयार काफी समय से फेफडे के कैंसर से पीडित थे। सोमवार रात आठ अपने निवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे एवं एक बेटी है।

जानकारी के अनुसार मंगलवार को अलीगढ मुस्लिम यूनीवर्सिटी परिसर में सुपुर्देखाक कर दिया जाएगा। शहरयार को सन् 2008 में ज्ञानपीठ सम्मान उर्दू साहित्य में उनके योगदान के लिए दिया गया था। अभिनेता अमिताभ बच्चान ने दिल्ली के सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में हुए 44वें ज्ञानपीठ समारोह में उन्हें ये पुरस्कार प्रदान करते हु कहा था कि शहरयार सही मायने में आम लोगों को शायर रहे।

1936 में उत्तर प्रदेश के बरेली में जन्मे शहरयार उर्दू के चौथे साहित्यकार हैं, जिन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया। शहरयार को 1987 में उनकी रचना ख्वाब के दर बंद हैं के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला था।  


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