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Friday, May 25, 2012

सेक्स के लिए नाबालिग की सहमति कानूनन मान्य नहीं

consent of a minor for sex is not legally valid

इलाहाबाद/ब्यूरो
लड़की यदि पूर्ण रूप से वयस्क नहीं है तो उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए उसके द्वारा दी गई सहमति कानून की नजर में मान्य नहीं होगी। इसी आधार पर अदालत ने रेप के एक मामले में फैसला सुनाते हुए एक आरोपी युवक को दोषी पाते हुए उसे दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।

यह आदेश अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मतीन खान ने एडीजीसी उमा कुशवाहा और संजय कुमार दुबे की बहस को सुनकर दिया है। अभियोजन के मुताबिक, नैनी निवासी धुन्नू भारतीया एक अप्रैल 2010 को अपने क्षेत्र से एक अवयस्क छात्रा को शादी का प्रलोभन देकर भगा ले गया था।

लड़की के परिवार वालों ने धुन्नू के खिलाफ अपहरण और रेप करने का मुकदमा दर्ज कराया था। करीब दो माह बाद धुन्नू इलाहाबाद जंक्शन पर पकड़ा गया। बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि लड़की वयस्क है और वह अपनी इच्छा से आरोपी के साथ रहना चाहती है। दोनों में शारीरिक संबंध भी सहमति से स्थापित हुआ है।

न्यायालय ने कहा कि घटना के समय लड़की की आयु पौने अठारह वर्ष थी। वह पूर्ण वयस्क नहीं थी और अपने माता-पिता के संरक्षण में थी इसलिए कानून की नजर में उसकी सहमति मान्य नहीं है। अदालत ने धुन्नु को रेप का आरोपी पाते हुए उसे दस वर्ष की सजा सुनाई है। उस पर आठ हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने 'द सेक्सुअल ऑफेंसेज अगेंस्ट चिल्ड्रन बिल' को मंजूरी दी थी, जिसमें 18 साल से कम उम्र यानी नाबालिग के साथ सेक्स करना बलात्कार (रेप) माना जाएगा। भले ही सेक्स आपस में सहमति से ही क्यों न किया गया हो।

बिल में नाबालिग के यौन उत्पीड़न, यौन अपराध और शील भंग के दोषी शख्स को तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।

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