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Thursday, June 21, 2012

अपने घर में ही महफूज नहीं हैं महिलाएं

Domestic Violence, Domestic Violence in India, beaten nude women, Violence on women at home, prativad.comनई दिल्ली : आधुनिकता का लबादा ओढ़े दिल्ली की महिलाएं खुद चाहे कितनी भी महफूज और आत्मनिर्भर मानती हों, लेकिन वो अपनों से ही खुद को बचा नहीं पाती। दिल्ली महिला आयोग में आए दिन ऐसी महिलाओं का तांता लगा रहता है, जिन्हें किसी न किसी प्रकार से उनके अपनों ने सताया हो। लिस्ट में सबसे उपर आते हैं उनके पति। आयोग के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक माह में 106 से अधिक ऐसे मामले आए हैं जिनमें पतियों ने महिलाओं के साथ र्दुव्‍यवहार और मारपीट की है। वहीं दहेज उत्पीड़न के 27 मामले सामने आए हैं। भावनात्मक उत्पीड़न व पारिवारिक कलह के मामले भी दिल्ली की महिलाओं का साथ छोड़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसे मामलों की संख्या 25 दर्ज की गई है। अपनों में कई बार पड़ोसी भी आ जाते हैं जिन्हें विश्वास का पात्र समझ कर महिलाएं अपनी परेशानी बताती हैं, लेकिन वही उनके सबसे बड़े दुश्मन बन जाते हैं। आयोग में ऐसे मामलों की संख्या 33 है। वहीं दिल्ली सरकार व पुलिस की ओर से कई सुविधाएं मुहैया करवाने के बावजूद महिलाएं अनचाहे फोन कॉल से भी परेशान हैं, जिसकी शिकायत उन्होंने महिला आयोग में दर्ज कराई है। वहीं पुलिस द्वारा मामलों की शिकायत दर्ज करने में सहयोग न मिलने, दफ्तर में उत्पीड़न व अपहरण के 10 मामले सामने आए हैं।
इस पूरे मामले और आंकड़ों पर गौर करते हुए महिला आयोग की सदस्य यास्मीन खान ने बताया कि महिला उत्पीड़न के मामलों में सबसे अधिक घरेलू हिंसा व पति द्वारा प्रताड़ित महिलाओं के होते हैं। हम प्रत्येक पक्ष को सुनते हैं और समझते हैं, तब उन्हें ऐसी सलाह देने की कोशिश करते हैं जिससे मामला जल्द ही निपट जाए और कोर्ट जाने की जरूरत न पड़े। वहीं आयोग की उप सचिव प्रोमिला मित्र बताती हैं कि हम महिलाओं को इनसे लड़ने का रास्ता सुझाते हैं साथ ही उन्हें उनके हक के प्रति जागरूक भी करते हैं। हालांकि इन दिनों संपत्ति संबंधी मामले भी आ रहे हैं।

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