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Tuesday, June 19, 2012

‘‘उज्जवल ग्राम योजना की तरह मर्यादा कार्यक्रम हुआ फेल’’

तहसील प्रमुख //नंद किशोर पटवा (बीना  // टाइम्स ऑफ क्राइम) 
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बीना- प्रदेश की 32 हजार से अधिक पंचयातों को उज्जवल ग्राम बनाने भाजपा  शासन ने 10 सितम्बर 2010 को बड़े जोर शोर से यह योजना शुरू की थी कि समग्र स्वच्छता अभियान के तहत मध्यप्रदेश में शौचालय निर्माण किया जाएगा, लेकिन यह शासन की महत्तवकांक्षी योजना को पतीला लगाने में प्रदेश के 32 हजार से अधिक सरपंच सचिवों के साथ पंचायत इंस्पेक्टर, समन्यवयक एंव सी.ई.ओ.ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी इसी तरह मध्यप्रदेश शासन ने 14-11-2011 को पंचायत एंव ग्रामीण विकाश विभाग के पत्र क्रमंाक 16157/22/वि-7/टी.एस.डी/11 के आदेश अनुसार वी.पी.एल धारक के यहॉॅॅॅॅ पर समग्र स्वच्छता अभियान के तहत हर घर में उपयोगरत शौचालय शुरू हुए छ: माह से अधिक हो चुका है लेकिन यह योजना 2 प्रतिशत से अधिक क्रियनव्यन नहीं हुई क्योंकि इस योजना को वाटिका के तहत जोड़ कर शौचालय निर्माण कराना था लेकिन जब रोजगार गांरटी में कुआ, तालाब में सरपंच सचिव से लेकर ब्लॉक के हर अधिकारियों को एक मुश्त अच्छी रकम मिलती है तो कोई शौचालय बनवाने में अपना समय खराब क्यों करेगा।ं

शासन के आदेश की उड़ रहीं धज्जियॉ

मध्यप्रदेश शासन के 14-11-2011 के पत्र क्रमंाक 16157/22/वि-7/टी.एस.डी/11 में स्पष्ट निर्देश है कि बी.पी. एल धारक के यहॉ अगर उपयोगरत योजनाओं का लाभ देने से पहले उसे सरपंच सचिव तथा ए.डी.ई.ओया पी.सी.ओ.के हस्ताक्षर युक्त शौचालय का उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया जाए अन्धा शासन की समस्त योजनाएॅ जैसे कपिलधारा, नंदन फलोदान भेड़दान, भूमिशिल्प रेशम मीनाक्षी सहस्त्र धारा एस.जी.एस.वाद मध्यान्ह भोजन योजना स्व.सहायता समूह योजना बी.पी.एल.कार्ड  जैसी तमाम योजना का लाभ तभी दिया जाए जब वह शौचालय बनवाकर उसका उपयोग कर रहा हो लेकिन शासन के इस आदेश को प्रदेश की 32 हजार से अधिक पंचयातें हैं उन में से 1प्रतिशत पंचयातों ने मानने से इंकार कर दिया और शासन के आदेश को रद्यी की टोकरी में डालकर शासन के आदेश की खुली धज्जियॉ उड़ा दी है और इस में समस्त कागजों पर चल रहा अभियान समग्र स्वच्छता अभियान को शुरू हुए कम से कम 14 साल हो गए है लेकिन इस योजना को भ्रष्टाचार ही नहीं अधिकारियों की लापरवाही और कर्मचारियों की मक्कारी खा गई 14 साल में यह योजना 7 प्रतिशत भी सफ ल नहीं हुई है अगर इस योजना का मध्यप्रदेश की सबसे अधिक घटिया पन का नमूना देखना है तो सागर जिले की बीना, खुरई, मालथैान जनपदों की पंचयातों का हाल आखों से देख सकते है। विदिशा जिले की कुरवाई-सिरोंज में इस योजना को समग्र स्वच्छता अभियान के नाम अधिकारियों को बेेवकूफ बनाओं माल कमाओं अभियान रख दिया जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि कलेक्टर महोदय की मासिक बैठक में जो आकड़ा पेस किया जाता है वह सरासर फर्जी तरीके का होता है अगर सच्चाई देखना हो तो स्ंवय कलेक्टर महोदय किसी पंचायत मे स्वयं जाकर देख सकते हे सच्चाई अपने आप आ जाएगी हर मासिक बैठक में जो आकड़ा पेश किया जाता है वह फर्जी होता है।

लाड़लियों के सम्मान में चलेगा महाअभियान

भ्रष्टाचार के खिलाफ महासंग्राम संघ ने मध्यप्रदेश की महिलाएॅ एंव लाड़लियों के सम्मान की रक्षा हेतु एंव मध्यप्रदेश मे बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए समग्र स्व्च्छता अभियान को सफल बनाने के लिए केन्द्रीय ग्रामीण मंत्री सी.आर.एस जी डायरेक्टर नई दिल्ली, मुख्यमंत्री महोदय पंचायत मंत्री, राज्यपाल महोदय, राज्यजल एंव स्वच्छता मिशन के विकास आयुक्त, पंचायत एंव ग्रामीण प्रमुख सचिव, नेता प्रतिपक्ष म.प्र.से लेकर प्रदेश के नो संभागायुक्त एवं 48 कलेक्टरों को ज्ञापन भेजकर मॉग की है कि समग्र स्व्च्छता अभियान के भ्रष्टाचार को रोके और फर्जी आंकड़े पेश करने वाले पंचायतों पर सख्त कार्यवाही करे और प्रदेश की लाड़लियों के सम्मान से खिलवाड़ करने वाली पंचायतों के सरपंच सचिव एंव ब्लाक समन्यवयक पर एफ.आई आर करवा कर जेल भेजे।

खुरई ब्लाक की ताजा घटना-  

मध्यप्रदेश बलात्कार के मामलों में देश में प्रथम स्थान लिए हुए है और अधितर बलात्कार खुले शौच करने के समय होते है जिस का ताजा घटना क्रम खुरई ब्लाक की ग्राम पंचायत खाजरा हरचंद की है जहॉ 15 वर्ष की लडक़ी शौच को गई थी जहॉ चार लडक़ों ने बलात्कार किया जब वह लडक़ी घर गई तो बलात्कार के आरोपी लडक़ों ने उस नाबालिक लडक़ी के उपर तेल डालकर जिंदा जला दिया अगर उस गांव में उपयोगिता पूर्ण शौचालय निर्मित होते तो क्या यह घटना घटती इस लापरवाही के लिए पंचायत के सरपंच सचिव के साथ-साथ ब्लाक समन्यवय प्रिग्या पान्डेय सी.ई.ओ.पटेल भी अभी सह अपराधी है और इन पर भी कार्यवाही हो।

हर नल जल योजना की पंचयात में- 

 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी के अनुसार 2015 तक मध्यप्रदेश को निर्मल प्रदेश बनाना है इसीलिए जिस पंचायत मे नल जल योजना संचालित है वह निर्मल वाटिका के तहत समग्र स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्मित होना है लेकिन सरपंच सचिव की लापरवाही एंव झूठे आकड़े को सही मान लेने की परपाती के कारण जैसे 14 साल मे 7 प्रतिशत शौचालय नहीं बने इसी तरह यही हालात रहे तो 2015 तो 2115 तक भी  मध्यप्रदेश निर्मल मध्यप्रदेश नहीं बनेगा क्योकि आज तक समग्र स्वच्छता अभियान की 95 प्रतिशत राशि का बरबाद हो गया प्रमाणित बीना जनपद है जहॉ अंजनी नंदन जनकल्याण संस्थान समीती ने ब्लाक समन्वयक एंव सी.ई.ओ. शोभित त्रिपाठी के आर्शीवाद से 50 लाख से अधिक का गवन किया है।


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