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Friday, July 27, 2012

ठेकेदार सरपंच सचिव ने मिल कर मजदूरों की मजदूरी में डाला डाका


ब्यूरो प्रमुख // पी.वेंकट रत्नाकर (कटनी// टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क: 9074370010
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राज्य सरकार गरीबों के रोज के जीवन यापन के लिये रोजगार गारंटी योजना के तहत  राज्य कोष से हर महीने करोड़ों रूपये खर्च किये जाते है किन्तु ग्राम में बैठे सरपंच और सचिव ठेकेदार से मिल कर करोड़ों रूपये को बन्दर बांट कर देते है। इससे हर महीने राज्य सरकार को लाखों का चूना ये सारे लोग लगा रहे हैं। जिन सरपंचों के पास खाने को नहीं होता और कुछ महीनों में सरपंच के पास चलने के लिये टूव्हीलर एवं बैंक बैलैंस भी बन जाता हैं क्या सरपंच को सरकार इतनी वेतन देती है कि कुछ महीनों  में सरपंचों के पास सारे सुख-सुविधा नजर आती है। यही हाल हर ग्राम के सचिवों का होता है हलाकि यहां तो सचिव सरकारी होता है सरकार के करोडों की रकम को हड़पने के लिये सारे रास्ते तो सचिव के पास होते हैं मनरेगा जैसे भ्रष्टाचार किसी और योजना में नही पाया गया।   ठेकेदार पंकज राय, ग्राम के सरपंच सुरेन्द्र सिंह तथा ग्राम के सचिव सुरेश सिंह पर  मजदूरों ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप कलेक्ट्रेट में जनसुवाई में आये रोजगार गारंटी योजना के तहत काम कर रहे मजदूर अपनी शिकायत में सरपंच सुरेन्द्र सिंह ठेकेदार पंकज राय पर मजदूरों की मजदूरी पर घोटाला करते हुये प्रति मजदूर प्रति दिन की मजदूरी का मूल्यांकन 50 रू. लगा कर दिया जा रहा हे जबकि सरकार के तरफ से मनरेगा के तहत एक मजदूर की मजदूरी प्रति दिन की 130 रू. देने का प्रावधान बताया गया है। लेकिन ठेकेदार पंकज राय सरपंच और सचिव से मिल कर मजदूरों की मजदूरी में डाका डालकर 50/ प्रति दिन के हिसाब से दिया जा रहा है। अपनी मजदूरी में घोटाले को लेकर गुस्से में ग्रामीण मजदूरों ने कलेक्ट्र अशोक सिंह को ठेकेदार के खिलाफ ज्ञापन सौंपा है। मजदूरों ने यह भी कहा है कि 11 सप्ताह की मजदूरी होती है किन्तु अभी कुल 7 सप्ताह की मजदूरी 50/ रू. के हिसाब से दिया जा रहा है और 4 सप्ताह की मजदूरी रोक दी गई है। इस तरह के घिनौने कृत्य में कटनी जिले के इंजिनियर मुकेश तिवारी भी शामिल है। क्रोधित मजदूरों ने कहा है कि यदि इन सारे लोगों पर कार्यवाही कर सही मजदूरी नही दिलाई गई तो आन्दोलन भी किया जायेगा।

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