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Saturday, August 11, 2012

93 बर्षीय राजा प्रताप सिंह बुन्देला उर्फ नन्हे राजा का जनता को संदेष


(संतोष गंगेले- नोगॉव की कलम से)
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               नौगॉव-(छतरपुर) बुन्देलखण्ड की राजधानी कहे जाने बाला कस्बा नोगॉव मध्य प्रदेष का हृदय स्थल के रूप में अपनी पहचान बनाये है महाराजा छत्रसाल की नगर का क्षेत्र नौगॉव नगर कभी छावनी के नाम से जाना जाता था । बुन्देलखण्ड बीरभूमि के नाम से जानी जाती है,  इस बुन्देलखण्ड के बुन्देला बंषज बीरपुरूष गोपाल सिंह जी जिन्होने अंग्रेजो से लम्बा संघर्ष कर अपिने षौर्य व पराक्रम क बल पर धसान नदी के किनारे गर्रोली राज्य को स्थापित किया था ।  इतिहास को साक्षी मान कर दीवान बहादुर गोपाल सिंह की पॉचवी पीढ़ी में राजा चन्द्रभान सिंह जी एक धर्म प्राण ष्षासक थें को पुत्र के रूप में श्री प्रताप सिंह बुन्देला  का जन्म 18 फरवरी 1919 कृष्ण पक्ष चतुर्थी मंगलवार को हुआ जिनका घर का प्यार का नाम नन्हे राजा दिया गया । आज नन्हे राजा अपनी 93 साल की उम्र पार कर रहे है लेकिन उनका स्वास्थ्य ठीक न रहने के कारण वह अब चलने फिरने में बहुत कठिनाई महषूस करते है । श्री  प्रताप सिंह उर्फ नन्हे राजा ने अपने जीवन में अनेक समाजिक कार्य किये गुलाम भारत को आजाद कराने में उनकी जो भूमिका रही है इसी कारण वह स्वतंत्रता सग्राम सेनानी कहलाये । आजाद भारत के बाद वह मध्य सन् 1952 में बिधान सभा क्षेत्र से सदस्य  बनने के बाद उन्होने बिधान सभा में अपने क्षेत्र व जिला के विकाष केलिए सक्रियता से कार्य किया ।  नगर व क्षेत्र में अनेक सामाजिक कार्यो में भागीदारी का निर्वाहन करने बाले श्री ्रपताप सिंह उर्फ नन्हे राजा ने अपना संदेष देते हुये कहा कि भारत देष की आन वान व ष्षान केलिए लाखो्र लोग ष्षहीद हुये है, लाखों लोगों के इस बिलदान के आजाद भारत मे बर्तमान प्रजातंत्र की दुर्दषा देख कर ऑखों मे ऑसू ही आ सकते है हम कुछ करने योग्य नही है । लेकिन यदि आज भी देष के युवा अपने देष को बचाना चाहे तो वह आगे आकर देष को भृष्टाचार, अन्याय, अत्याचार की जड़ रिष्वतखोरी व कालीबाजारी, बेईमान राजनेताओं को चुनाव में जीतने से रोके ।   प्रजातंत्र में राजनीति से देष की सर्वोच्च सत्ता होती है लोक सभा, राज्य सभा, बिधान सभा , नगर पालिका नगर निगम ग्राम पंचायतों के चुनाव में अच्छे ईमानदार व योग्य लोगों को ही चुनाव में जिताने केलिए काय्र करें , अन्याय व अत्याचार केलिए एक संगठन के साथ तैयारी कर उसका मुकाबला करें ।  देष प्रेमी  व्यक्ति व सैनिक देष को गुलामी से बचाये है अन्यथा देष पुनः एक बार संकट में आ सकता था, लेकिन देष के बहादुर सैनिकों की सुरक्षा बोर्ड की रक्षा के कारण हम आप सुरक्षित है । हमें अपने देष के सैनिकों पर गर्व होना चाहिये , भारत सरकार व प्रदेष सरकारों को चाहिये  िकवह देष की सुरक्षा केलिए जो भी हो सकें करें , नेताओं को ईमानदारी से कार्य करना होगा अन्यथा आने बाला समय  अपराधिओं की जगह नेता जेलों में बंद होगें । नेताओं को अपना आचरण सुधारना होगा । 

            पूर्व बिधायक एंव स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री प्रताप सिंह उर्फ नन्हे राजा ने इस समाचार के माध्यम से नगर प्रदेष व देष के लोगों को संदेष देना चाहा कि आज जो कुछ हम समाचार पत्रो में पढ़कर रहे है टीवी चेनलों पर देंख रहे है यह स्वतंत्र भारत की मर्यादा भंग हो रही है देष के प्रधानमंत्री एवं प्रदेष के मुख्यमंत्रिओं को चाहिये कि -वह अपने अपने पद की गरिमा बनाकर आम जनता की सुरक्षा, न्याय, उसके अधिकारों के प्रति आजादी प्रदान कराये , देष में काले धन का निकाल करें , देष के प्रत्येक नेताओं की संपत्ति का व्यौरा आम जनता के सामने होना चाहिये साथ ही  अपराधिक प्रबृति बाले व्यक्तियों को चुनाव में पराजित कर योग्य व युवाओं को आगे आना चाहिये । 
                  
           पूर्व बिधायक एंव स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री प्रताप सिंह उर्फ नन्हे राजा इस समय भले ही वह चल फिर नही पा रहे है लेकिन उनकी वाणी उनकी कलम आज भी समाज व देष केलिए चल रही है । उनके मिलने बाले व चाहने बाले उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना करते है ।  हाल में ही उनके 93 वे जन्म दिवस पर छतरपुर से एक अभिनन्द ग्रन्थ का प्रकाषन किया गया था जिसमें उनके जीवन के ष्षौर्यगाथा की सम्पूर्ण जानकारी दी गई है , छतरपुर के साहित्यकार डा0 प्रो0 बहादुर सिंह परमार के पास उपरोक्त पुस्तक है ।  भारत छोड़ो आन्दोलन की ष्षुरूआत 9 अगस्त 1925 को काकोड़ी कॉड से ष्षुरू हुआ था जिसका अंतिम रूप 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आन्दोलन में बदल गया जिसका परिणाम भारत आजाद हुआ । 

       पूर्व बिधायक नन्हे राजा का स्वास्थ्य खराब - स्वास्थ्य लाभ की कामना- पूर्व बिधायक एवं बरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री प्रताप सिंह उर्फ नन्हे राजा का कई दिनों से स्वास्थ्य खराब चल रहा है । वह 93 वें बर्ष पूरे करने के बाद भी पिछले दिनों तक प्रतिदिन मंदिर आते जाते थें तथा नगर में आम लोगों से सम्पर्क करते रहे लेकिन पिछले एक सप्ताह से वह अस्वस्थ्य हो जाने के कारण अपने घर पर ही आराम कर रहे है । उनके मिलने जुलने बाले तथा उनके ष्षुभ चिन्तकों ने ईष्वर से उनके जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामनायें की है 





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