Pages

click new

Saturday, August 18, 2012

रोगी कल्याण समिति दान के नाम पर वसूलते है रूपये


ब्यूरो प्रमुख // जितेन्द्र अग्रवाल (हरदा //टाइम्स ऑफ क्राइम) 
 ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:-: : 80851 99183 
toc news internet channal

सिराली- रोगियों का कल्याण करने की नीति का सरकारी डॉक्टर किस तरह तीया पांचा कर रहे हैं यह देखना है तो सीधे हरदा जिले कि सिराली तहसील चले आइये।  यहां जिले के प्रशासनिक अमले एवं जनप्रतिनिधियों की नाक के नीचे गरीबों को दान दाता बनाकर स्वास्थ्य विभाग क्या गुल खिला रहा है। सिराली का यह सरकारी अस्पताल गरीबों से दान राशि वसूलकर कौन सी दिशा में ले जाना चाहता हैं। यह क्षेत्र वासियों की समझ से परे है। आर्थिक स्थिति को लेकर सरकारी अस्पताल की चौखट पर मुफ्त प्रसव करवाने पहुंचे गरीबों को ओ पी डी के नाम से पॉच रूपयें ेएडमिशन के नाम पर दस रूपयें और दान राशि के नाम से एक सौ पच्चीस रूपयें इस प्रकार कुल एक सौ चालीस रूपय तक रोगी कल्याण समिति के नाम से वसूले जा रहे है। इस प्रकार सिराली तहसील में आने वाले छोटे बड़े लगभग साठ गांव आते है। जिसमें सालाना 700 से 800 प्रसव होते है। सन 2012 में अप्रैल से अभी तक तकरीबन 272 प्रसव हो चुके है। इन गर्भवती महिलाओं को दवा उपलब्ध कराने का जिम्मा भी सरकारी डॉक्टर का होता है। चर्चा है कि दवा नहीं होने पर पर्चा लिखकर बाहर से दवा लाने को कह दिया जाता है। जिससे मुफ्त उपचार कराने सरकारी अस्पताल आयें परिजनों को निजी अस्पतालों की याद आती है। ताज्जुब की बात तो यह है कि इस सरकारी अस्पताल के डॉक्टर को एक ही जगह लगभग बारह वर्ष होने को हैैं यह चर्चा का विषय है। इन्होने अपने निजी मकान में एक मेडिकल दुकान भी संचालित हो रही है। यह जांच का विषय है कि यह दुकान किराये से दी हैं या डाक्टर की स्वयं की है। इस अस्पताल में दाई की कोई व्यवस्था नही है। तो दाई का काम किससे कराया जाता हैं यह भी विचारणीय है। शासन के नियमानुसार प्रसव कराने आयी महिला का पूरा इलाज मुफ्त में होना चाहिए। और अस्पताल से ही दवाई दी जाना चाहिए दवा नहीं होने की स्थिति में जिला अस्पताल से दवा बुलाकर देना चाहिए वहां भी नही होने पर बाहर से खरीद कर दवाई उपलब्ध कराना चाहिए मगर यहां सारे नियम एक तरफ रखकर बाहर से दवा लाने को कहा जाता है।

No comments:

Post a Comment