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Monday, August 6, 2012

जुर्म के खिलाडी सीख रहे हैं जेल में सबक का पाठ


जिला जेल में जेलर ने खोली नई पाठशाला।  
अपराधी से घृणा नही अपराध से घृणा करें


ब्यूरो प्रमुख // जितेन्द्र अग्रवाल (हरदा // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:-: : 80851 99183
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हरदा. नये जेलर के आते ही अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए व्यवस्था में बदलाव के साथ कैदियों में भी सुधरने की उमंग जाग उठी। जुर्म की पाठशाला में अपने असामाजिक कृतयों के कारण जिला जेल में बंद कैदी अब नवागत जेलर के नेतृत्व में जुर्म से तौबा कर धार्मिक ज्ञान के अलावा जेल से छुटने के बाद अपने सामाजिक जीवन को सही तरीके से जीने के लियेे कुछ ऐसे आयाम सीख कर निकलेगे जो उनके सामाजिक जीवन का मार्ग प्रशस्त करेगा इन गतिविधियों में नवागत जेलर के आते ही जिला जेल में बंद कैदियों के साथ सर्व प्रथम मानवता और कैदियों को सही दिशा देेने का जो कदम उठाया है। जिससे सारे जिले में प्रशंसा की जा रही हैं यह सबक लेकर  प्रदेश की अन्य जेलों में भी इसका अनुकरण किया जा सकता है। कैदियों ने रक्षाबंधन पर्व मनाया। प्रात: स्मरण में प्रार्थना  होती है।  जेल में प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड पाठ आयोजित होता हैं तत्पश्चात आरती भी होती हैं। और रमजान के पाक  महीने में कुछ कैदियों द्वारा रोजे भी रखे जा रहे है। मनोरंजन के लिये टीवी एवं केरम लगवाया गया। व्यवसायिक दृष्टि से कैदियों को कम्प्युटर प्रशिक्षण देने  हेतु विचार किया जा रहा है।  साथ ही जेल परिसर में कोई मंदिर नही होने से स्टाफ के लोगों के लिये एक मंदिर बनाने कि योजना भी चल रही है। साथ ही परिसर में शासन की और से हैंडपंप लग जाता है तो गर्मी में कैदियों से मिलने वाले परिजन एवं स्टाफ के लोगों की समस्या भी दूर हो सकती हैं। जेलर श्री एस के गणेशे द्वारा भक्ति संगीत पर एक पुस्तक भी लिखी हैं। जिसके शब्द मंदिरों में गुंजतेे है तो मन को शांति मिलती है। हमारी सोच रहती है कि यहां से बाहर निकलने वाले कैदी दोवारा यहां वापस नही आयें। और अपना जीवन अच्छे से बितायें।

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