अहमदाबाद. आसाराम आश्रम में दीपेश-अभिषेक वाघेला कि संदिग्ध मौत मामले में आरोपी आसाराम बापू व नारायण साई के लगातार आठवीं बार जाच आयोग के सामने हाजिर नहीं हुए। इस पर आयोग अध्यक्ष न्यायाधीश डीके त्रिवेदी ने कड़ा रुख अपनाते हुए बुधवार को हाजिर होने के लिए आखिरी मौका दिया है।
अहमदाबाद स्थित आश्रम में पढ़ने वाले दीपेश-अभिषेक वाघेला की जुलाई 2008 में संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। उनके शव आश्रम के पीछे साबरमती नदी के पट में क्षत-विक्षत हालत में पड़े मिले थे।
दोनों के परिजनों ने बच्चों की मौत आश्रम में तांत्रिक विद्या के चलते होने का आरोप लगाया था। वर्ष 2009 में आसाराम व उनके पुत्र नारायण साई के सहयोगी ने भी बच्चों की मौत का कारण तांत्रिक विद्या ही बताया था। फिलहाल मामले की जाच सीआईडी क्राइम के पास है, लेकिन जाच में लापरवाही और आसाराम को बचाने के आरोपों के चलते इसकी जाच के लिय पूर्व न्यायाधीश डीके त्रिवेदी की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया। आसाराम के वकील ने बताया कि गाड़ी खराब होने के कारण साई हाजिर नहीं हो सके, उन्होंने बुधवार को हाजिर होने का भरोसा जताया।
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