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Sunday, September 30, 2012

भापुसे और रापुसे के अधिकारियों की नई पद-स्थापना


भोपाल। राज्य शासन द्वारा भारतीय पुलिस सेवा एवं राज्य पुलिस सेवा के 7 अधिकारी की नई पद-स्थापना की गई है। श्री राजेश गुप्ता पुलिस महानिरीक्षक गुप्त वार्ता एवं विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी संस्कृति विभाग और प्रभारी साँची विश्वविद्यालय को पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय के साथ विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी संस्कृति विभाग और साँची विश्वविद्यालय का प्रभारी तथा सुश्री सोनाली मिश्रा विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी एवं पदेन सचिव गृह विभाग को पुलिस महानिरीक्षक गुप्त वार्ता पुलिस मुख्यालय भोपाल बनाया गया है।
श्री आई.पी. कुलश्रेष्ठ पुलिस अधीक्षक रायसेन को सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय भोपाल, श्री आर.एस. मीणा पुलिस अधीक्षक बड़वानी को सेनानी प्रथम वाहिनी विसबल इंदौर, श्री आर.सी. बुर्रा पुलिस अधीक्षक नारकोटिक्स इंदौर को पुलिस अधीक्षक बड़वानी, श्री शशिकांत शुक्ला पुलिस अधीक्षक मुख्यमंत्री सुरक्षा को पुलिस अधीक्षक रायसेन और श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान पुलिस अधीक्षक एटीएस को पुलिस अधीक्षक मुख्यमंत्री सुरक्षा के पद पर पदस्थ किया गया है।

कोयले की दलाई में हाथ ही नहीं मुँह भी काले


कोयले की दलाई में हाथ ही नहीं मुँह भी काले

बैतूल // रामकिशोर पंवार

ताप्तीचंल मेंं केन्द्र की यूपीए सरकार को कोसने वाली भाजपा के जनप्रतिनिधियों से लेकर कोयला माफियाओं के हाथ ही नहीं बल्कि मुँह तक काले है। बैतूल जिला उद्योग केन्द्र बैतूल इस समय बैतूल जिले के जिन 122 छोटे - बड़े उद्योगो को हजारो टन कोयला प्रतिदिन दे रहा है उनमें से मात्र दस भी चालू नहीं है। बैतूल जिले के पूर्व से वर्तमान विधायको तथा सासंद के नाते - रिश्तेदारों एवं सांझेदारो को जो कोयला दिया जा रहा है वह सीधे दुगने नहीं चौगुने दामों पर इन्दौर सहित एक दर्जन महानगरों में खुले आम बिक रहा है। सारनी थर्मल पावर स्टेशन को कोयले की कमी बता कर विदेशो से कोयला बुलवाने एवं सप्लाई करने वाली भाजपा की विधायक एवं उसके पुत्र की धड़ल्ले से तवानदी के किनारे एक दो नहीं बल्कि दर्जनो कोयला खदाने संचालित हो रही है जिसमें किसी विशाल का नाम बार - बार सामने आ रहा है। इधर बैतूल जिला औद्योगिक क्षेत्र कोसमी तक पहुंचने वाला कोयला बरसो से इन्दौर , मण्डीदीप , औबदुल्ला गंज , प्रीथमपुर , में बिक जा रहा है। मजेदार बात तब सामने आई जब कोयले के आवंटन की सूचि में भाजपा सासंद की तथाकथित दर्शित फैक्ट्ररी के नाम पर भी कोयला के आदेश जारी हुए पाए गए। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार जिला उद्योग केन्द्र एवं वेस्र्टन कोल फिल्ड लिमीटेड की सप्लाई सूचि में लम्बी - चौड़ी हेर - फेर पाई गई। मजेदार बात तो यह है कि बैतूल जिले के आधा दर्जन तथा चार पूर्व सासंदो के नाम से कोयला की आपूर्ति बकायदा जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से करवाई जा रही है। बैतूल जिले में कोयला घोटला इतना बड़ा है कि कोई भी इसकी आंच से बच नहीं पाएगा। जिले में इस समय एक भी उद्योग ऐसा नहीं है जो कि पूरे कोयले के उपयोग का दावा कर सके। बैतूल जिले में घोटाले की बाजीगरी तो यह है कि एक ही उद्योग केन्द्र के आगे के हिस्से का भूस्वामी तथा पीछे के हिस्से का भूस्वामी कोई और है। एक ही मीटर कनेक्शन पर एक नही चार उद्योग ध्ंाधे चल रहे है।   

सीएमओ सहित तीन को 5-5 वर्ष की सजा


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खण्डवा.  ओंकारेश्वर नगर पंचायत के तत्कालीन सीएमओ, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सहित तीन लोगों को स्थानीय अपर सत्र न्यायालय ने 5-5 वर्ष के कारावास और 52 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है। वर्ष 2004-05 में लोकायुक्त पुलिस ने ओंकारेश्वर के तत्कालीन सीएमओ और पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष तथा उपयंत्री पर पाइप खरीदी मामले में भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज किया था। शिकायतकर्ता बड़वाह के एक पत्रकार नेलगभग 7 वर्ष बाद आए इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई कर जनहित के मामलों में भ्रष्ट चेहरों को बेनकाब किया जा सकता है।

स्थानीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती अशिता श्रीवास्तव ने एक फैसले में वर्ष 2004-05 में लोकायुक्त पुलिस द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियिम के तहत ओंकारेश्वर के तत्कालीन सीएमओ राव शैलेन्द्रसिंह पिता शौभागसिंह, जितेन्द्रसिंह सोलंकी, सीएमओ नरेन्द्रसिंह पिता उदयसिंह पंवार को भ्रष्टाचार के आचरण में लिप्त पाते हुए पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई। न्यायालय के मुताबिक पाइप खरीदी में नगर पंचायत सीएमओ, अध्यक्ष एवं उपयंत्री ने जनहित के कार्य में नियमों का उल्लंघन कर भ्रष्ट आचरण किया है। 

न्यायाधीश ने जुर्माने के तौर पर भी आरोपियों पर 52 हजार रूपए जमा करने के आदेश दिए हैं। सभी आरोपियों को तत्काल जेल भेज दिया गया है। गौरतलब है कि इस मामले में बड़वाह के पत्रकार हरभजनसिंह भाटिया ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कर मामले की जांच का आवेदन दिया था। वर्ष 2005 में श्री भाटिया की शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने सभी दस्तावेज जप्त कर कार्रवाई आरंभ की थी।

Saturday, September 29, 2012

मध्य प्रदेश का जनसंपर्क मंत्री कौन है !



मध्य प्रदेश का जनसंपर्क मंत्री कौन है !

भोपाल (नंद किशोर) मध्य प्रदेश में मीडिया बिरादरी में आजकल यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर प्रदेश का जनसंपर्क मंत्री कौन है? सरकारी सूची के अनुसार तो जनसंपर्क का दायित्व लक्ष्मीकांत शर्मा के पास है पर अगर किसी अखबारनवीस को विज्ञापन चाहिए तो उसे सहकारिता मंत्री गोरी शंकर बिसेन की चिरौरी करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

जनसंपर्क महकमे के आला दर्जे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मध्य प्रदेश सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए पाबंद इस महकमे के एक आला अधिकारी द्वारा किए गए काम से साफ जाहिर हो रहा है कि मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महकमा अपने विभागीय मंत्री लक्ष्मी कांत शर्मा से ज्यादा तवज्जो सहकारिता मंत्री गोरी शंकर बिसेन को दे रहा है।

जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि प्रदेश के एक समाचार पत्र को विज्ञापन रोक दिए गए। इस पर उक्त समाचार पत्र के मालिक संपादक द्वारा जनसंपर्क के आला अधिकारियों से इस बारे में गुहार लगाई। काफी दिनों तक जब इसका निकाल नहीं निकला तो वह हताश हो गया, और एक अधिकारी से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क करने जा पहुंचा। चर्चा में आश्वासनों के अलावा और कुछ भी उस मालिक संपादक को नही मिला।

उक्त अधिकारी ने कहा कि उक्त मालिक संपादक उस वक्त हैरान रह गया जब उसके मोबाईल पर जनसंपर्क विभाग के एक उच्चाधिकारी का एसएमएस गया। बताते हैं कि उक्त एसएमएस की इबारत थी कि वी केन नाट इग्नोर ओनरेबल मिनिस्टर, प्लीज कांटेक्ट श्री गोरी शंकर बिसेन एण्ड . . .। कहा जा रहा है कि उक्त संपादक मालिक के समाचार पत्र से गौरी शंकर बिसेन बुरी तरह खफा चल रहे हैं।

जैसे जैसे यह बात मीडिया के बंदों के पास पहुंची सभी हत्प्रभ रह गए कि जनसंपर्क मिनिस्टर तो लक्ष्मी कांत शर्मा हैं, फिर जनसंपर्क विभाग के आला अधिकारी आखिर विज्ञापन के लिए शर्मा को छोड़कर गौरी शंकर बिसेन की नाराजगी दूर करने की बात क्यों कर रहे हैं। पत्रकारों को अचानक लगा कि कहीं हाल ही के मंत्रीमण्डल विस्तार में लक्ष्मीकांश शर्मा की जगह गौरी शंकर बिसेन को तो जनसंपर्क की जवाबदारी नहीं सौंप दी गई?

गरीबों की महारानी सोनिया विश्व की चौथी अमीर नेता


नई दिल्ली // लिमटी खरे
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नेहरू गांधी का नाम आते ही गोरी मेम माउंटबेटन के पीछे सिगरेट फूंकते पंडित जवाहर लाल नेहरू और आधी लंगोटी वाले सादगी पसंद महात्मा गांधी की तस्वीर ही आम आदमी के दिल दिमाग में आने लगती है। इसी नेहरू गांधी के नाम का उपयोग कर आधी सदी से ज्यादा देश पर राज करने वाली कांग्रेस की डेढ़ दशक से ज्यादा समय से सिरमौर बनी बैठीं श्रीमति सोनिया गांधी दुनिया की चौथी अमीर नेता हैं।

जी हां, यह बात पाकिस्तान में बिलावल और उनकी बिल्लो रानी (हिना रब्बानी) के परवान चढ़ते इश्क को उजागर करने वाले बंग्लादेश से प्रकाशित वीकली ब्लिट्स अखबार ने यह खुलासा किया है। अखबार ने खुलासा किया है कि सोनिया गांधी ने 18 अरब अमरीकी डालर्स की रकम विश्व भर में दूरसंचार और अन्य क्षेत्रों में धंधे में लगाया है। इटली में पैदा हुई सोनिया गांधी उर्फ एंटोनिया माईनो के संरक्षण में भारत में करोड़ों अरबों रूपए के घपले घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है।

सोनिया गांधी के मरहूम पति पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी बोफोर्स तोप घोटाले में बुरी तरह फंस गए थे। मीडिया के पास आए दस्तावेजों से राजीव गांधी बुरी तरह घिर गए थे। उस वक्त बोफोर्स मामले को उछालने वाले उस समय के पत्रकार और आज के भाजपा नेता अरूण शोरी भी आज बोफोर्स मामले में राजीव गांधी को क्लीन चिट देने के मसले में खामोश ही बैठे हैं।

उक्त समाचार पत्र ने लिखा है कि 19 नवंबर 1991 के स्विस अखबार के एक अंक में सोनिया गांधी, राजीव गांधी के अरबों रूपयों के बारे में खुलासा किया गया था। इस अंक में तीसरी दुनिया के दर्जनों राजनेताओं जिनमें राजीव गांधी के नाम का शुमार था के स्विस बैंक में जमा धन के बारे में छापा गया था। इस समाचार पत्र के बारे में यह भी नहीं कहा जा सकता है कि यह विश्वसनीय नहीं है, क्योकि इसकी सवा दो लाख प्रतियों के साथ पाठक संख्या 9 लाख 17 हजार है।

इसमें कहा गया है कि केजीबी रिकॉर्ड का हवाला देते हुए, पत्रिका की रिपोर्ट है कि सोनिया गांधी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की विधवा 2.5 अरब उनके नाबालिग बेटे के नाम में स्विस बैंक (2.2 अरब डॉलर अमेरिका के बराबर) के साथ गुप्त खाते को नियंत्रित किया गया था। अमेरिका 2.2 अरब डॉलर के खाते जून 1988 से पहले से ही अस्तित्व में है।

बंग्लादेश के इस अखबार ने वैसे भी बिलावल भुट्टो और हिना रब्बानी के संबंधों का खुलासा कर दुनिया भर में तहलका मचा दिया है। लोग इस अखबार को असंजे से ज्यादा टीआरपी वाला बता रहे हैं। इस अखबार ने रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी के हवाले से भी सोनिया राहुल और स्व.राजीव गांधी को कटघरे में खड़ा किया है।

इस अखबार ने भारतीय मीडिया पर भी सवालिया निशान लगाए हैं। इसमें इस आशय की कुछ खबरों का तिथिवार भी जिकर किया है जो राजीव सोनिया को कटघरे में खड़ा करती हैं। इसमें कहा गया है कि भारत में 20.80 लाख करोड़ रूपए की लूट की गई है।

इस अखबार ने दुनिया भर के 25 नामी गिरामी और धनाड्य नेताओं की सूची का प्रकाशन किया गया है। इस फेहरिस्त में सबसे उपर साउदी अरब के राजा अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अजीज के पास 21 बिलियन डालर, दूसरे स्थान पर बुरनी के सुल्तान हसनल बोल्कीह के पास 20 बिलियन डालर, इसके उपरांत न्यूयार्क के मेयर माईकल ब्लूमबर्ग के पास 18 बिलियन डालर और चौथी पायदान पर भारत गणराज्य के गरीब गुरबों पर आधी सदी से ज्यादा राज करने वाली कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी को स्थान दिया गया है।