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Saturday, September 29, 2012

प्रदेश सरकार तय करे की वह आखिर चाहती क्या है


प्रदेश गान में मां सूर्यपुत्री ताप्ती का नाम या अपना श्राद्ध  

बैतूल // रामकिशोर पंवार
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मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार तय करे कि वह जनभावना का ख्याल रखकर प्रदेश गान में मां सूर्यपुत्री ताप्ती का नाम जोडऩा चाहती है या फिर जनभावनाओं के अनुसार अपनी ही सरकार का श्राद्ध कार्य। प्रदेश सरकार के पास पूरे एक पखवाड़े का समय है यदि तय समय सीमा में प्रदेश सरकार की ओर से संतोषप्रद कार्रवाई नहीं की गई तो बैतूल जिले में बड़े पैमाने पर ताप्ती सरोवर से लेकर ताप्ती नदी के 250 किलोमीटर के प्रवाह क्षेत्र में भारी संख्या में ताप्ती भक्तो द्वारा प्रदेश सरकार के श्राद्ध एवं तर्पण का कार्यक्रम किया जाएगा जिसमें विधिवत पंडितो से सरकार के लिए सामुहिक मुडंन एवं श्राद्ध तथा तर्पण की विधि को संपादित किया जाएगा। ताप्तीचंल में इस बार उक्त कार्यक्रम श्राद्ध पक्ष की 13 तीथी को होगा। उक्त आशय की जानकारी देेते हुए समिति के संस्थापक एवं प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर पंवार ने बताया कि प्रदेश गान में अब तक की लड़ाई का यह धार्मिक पक्ष है जिसमें लोगो की भावनाएं जुड़ी हुई है। मां ताप्ती जागृति मंच एवं मां सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति ने बैतूल जिले में कार्यरत ताप्ती से जुड़े सभी संगठनो एवं समितियों से आग्रह किया है कि वे भी अपने - अपने स्तर पर प्रदेश सरकार को पत्र लिखे तथा 13 अक्टुबर 2012 को आयोजित प्रदेश सरकार के श्राद्ध एवं तर्पण कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करवााए। श्री पंवार ने बताया कि प्रदेश गान में शामिल करने की मांग को लेकर वे स्वंय प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह से लेकर सभी से मिल चुके है। मंच ने जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना तक दिया था।

जिले के दो विधायको अलकेश आर्य एवं धरमूसिंह प्रदेश सरकार के मुखिया को जन भावना से जुड़े इस मांग पत्र को लेकर पत्र लिख चुके है। राज्य सरकार के खिलाफ न्यायालीन कार्रवाई पूर्व कलैक्टर विजय आनंद कुरील आश्ववासन देने के साथ - साथ जिले के शासकीय अधिवक्ता से ्िरलखित आश्वासन तक दे चुके है। प्रदेश सरकार के द्वारा जानबुझ कर जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ के बाद अब तक आहत हुई जनभावनाओं के चलते प्रदेश सरकार को अंतिम अवसर दिया जा रहा है कि राज्य सरकार अपनी भूल को सुधार ले अन्यथा पूरी प्रदेश सरकार की अंतिम क्रिया पुण्य सलिला में ताप्ती की जाएगी। ताप्ती में जिसका भी श्राद्ध कार्यक्रम होगा उसे स्वर्ग की प्राप्ति होगी और ऐसा होने से प्रदेश की भाजपा सरकार स्वर्गवासी हो जाएगी। श्री पंवार ने कहा कि चम्बल का नाम प्रदेश गान में है जबकि धरती पर सबसे पहले ताप्ती अवतरीत हुई है। प्रदेश के मुखिया को यदि उनके जैत गांव के समीप से गुजरने वाली मां नर्मदा का नाम शामिल करना याद है तो हमें प्रदेश सरकार में ताप्ती मैया का नाम हर हाल में जुड़वाना याद है। श्री पंवार ने मुलताई के वर्तमान एवं पूर्व विधायको को भी इस पुणीत कार्य में सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया है ताकि उन पर चल रही राजनैतिक शनि देव की महादशा का प्रभाव कम हो।

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