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Tuesday, September 25, 2012

काले नाग के डॅसने के बाद भी मौत के मुह से निकले रामस्वरूप गंगेले


                काले नाग के डॅसने के बाद भी मौत के मुह से निकले रामस्वरूप गंगेले

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नौगॉव (छतरपुर ) जाको राखें सॉईया मार सके न कोय इस कहावत को आज ऑखों से देखने बालो ने भगवान षिवषंकर की प्रार्थना करते हुये ईष्वर के प्रति अपनी अराधना की । काले नाग के डॅसने से सौ में एक दो केष ही ऐसे होते है जो उपचार व दवाओं के असर से बच जाते हैं । यह ईष्वर का ही चमत्कार है कि काले नाग के डंसने के बाद श्री राम स्वरूप गंगेले मौत के मुह से निकल गये ।

                 नौगॉव से लगा ग्राम बीरपुरा ग्राम है इस ग्राम के काष्तकार श्री रामस्वरूप गंगेले पिता श्री मुन्नी लाल गंगेले उम्र 61 साल अपने खेती के कार्य से नौगॉव से 24 सितम्बर को सुबह कुऑ पर जा रहे थें कि रास्ता में धास में काला नाग बैठा था जैसे ही रामस्वरूप गंगेले ने अपनी साईकिल खेतों की ओर घुमाई की काले नाग ने उनके बॉधा पैर के अंगूठा में डस लिया । सॉप के कॉटने के बाद पीड़ित ने अपने पैजामा का नाड़ा तोड़कर अपने पैर में कड़ा बंधन लगा दिया परिवार के लोगों को लेकर सीमावर्ती उत्तर प्रदेष का जगतपुर उर्फ गढ़िया गा्रम में सॉप गोहरा की देषी दवा देने बाले कृष्ण भान तिवारी के पास ले गये जहां देषी दवाओं का सेवन कराया गया था, सॉप के कॉटने के स्थान पर ब्लेड से चाक लगा कर खून निकाला गया । देषी दवाव की चार ख्ुाराक देने के बाद जब सॉप का जहर समाप्त हो गया तो नौगॉव सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आकर डा0 जे0पी0 तिवारी को उपचार हेतू लिखाया तो उन्होने सरकारी उपचार किया तथा सॉप के जहर को नष्ट करने बाले इंजेक्षन भी लगाये ।

              काले नाग से डॅसे पीड़ित रामस्वरूप गंगेले पूर्ण स्वस्थ्य है,ं तथा उन्होने जगतपुर उर्फ गढ़िया के श्री तिवारी जी की दवा का पूरा बिष्वास किया । इस क्षेत्र में सैकड़ों पीड़ित परेषान मरीजों को समाजसेवा व निःषुल्क रूप से उपचार करने बाले ऐसे महान व्यक्ति के प्रति आभार व्यक्त किया ।

           सॉप गोहरे बिष खापड़े के काटने के बाद उपचार देषी दवाओं से देने बाले श्री तिवारी जी का कहना है कि किसी भी पीड़ित व्यक्ति को यदि उनके पास तुरन्त लाया जावे , दवा उनकी पीड़ित के मुूह से अंदर दवा जाने पर पीड़ित व्यक्ति को ईष्वर की कृपा से जीवित बचाया जा सकता है ।

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