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Sunday, October 7, 2012

मिली भगत का नतीजा है कुकरू की हसीन वादियों को उजाडऩा


बैतूल जिला पर्यावरण संरक्षण समिति ने भेजी महामहिम राज्यपाल को सनसनीखेज रिर्पोट
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साजिश नहीं मिली भगत का नतीजा है कुकरू की हसीन वादियों को उजाडऩा
बैतूल: (रामकिशोर पंवार), ताप्तीचंल में बसे बैतूल जिले में इको टूरिज्म के रूप में करोड़ो रूपैया पानी की तरह बहाए जाने वाले कुकरू खामला क्षेत्र में संगठि गिरोह द्वारा वन विभाग के अफसरो की मिली भगत से पहाड़ी क्षेत्रो एवं मैदानी क्षेत्रो के जंगलो का सफाया किया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन के फम्र्स एण्ड सोसायटी विभाग द्वारा पंजीकृत बैतूल जिला पर्यावरण संरक्षण समिति ने कुकरू क्षेत्र के आसपास के गांवो में अपने निरीक्षण के दौरान पाया कि बैतूल जिले की भैसदेही तहसील क्षेत्र में घोघल बीट एवं खंडूस बीट में पड़ौसी महाराष्ट्र राज्य के अमरावाति जिले के कनेरी , बामदेही , काटकुंड, डोमा , बकतरी गांव के लोगो द्वारा बड़े पैमाने पर जंगलो की कटाई की जा रही है। लगभग दो से तीन किलोमीटर का क्षेत्र इस अनाधुन कटाई से बिरला हो गया है। ग्राम बोथिया के समीपस्थ जामुना भुरू के जंगल में हो रही वनो की कटाई के बाद संगठित गिरोह द्वारा खामला एवं डोमा के रास्ते पूरा सागौन भैसदेही में आता है जहां पर बड़े पैमाने पर फर्नीचर आदि में उसका उपयोग हो रहा है। कुकरू जाते समय बीच में पडऩे वाले महाराष्ट्र के अमरावति जिले की डोम ग्राम पंचायत से इस समय बड़े पैमाने पर चल रही जंगलो की कटाई का क्षेत्र दो से ढाई किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। समिति के सदस्यों को डोमा ग्राम पंचायत के रहवासी रूपचंद पिता श्याम लाल बचले ने बताया कि जंगलो की कटाई में मध्यप्रदेश का वन विभाग का पूरा मोहकमा शामिल है। समिति के साथ घटना स्थल तक पहुंचा इस व्यक्ति का यह आरोप है कि कुकरू सर्किट हाऊस में पर्यटको से वसूली करने में लगा वन विभाग का पूरा अमला सर्किट हाऊस के बाहर बहुंत कम दिखाई देता है। उक्त ग्रामिण के कथन धनराज पिता रामजी कवड़े ने भी स्वीकार करते हुए बताया कि जंगल से जलाऊ हो या इमारती लड़की सभी के लिए वन विभाग के बीट इंचार्ज को पैसा देना पड़ता है। बामादेही के ग्रामिण ने मौके पर इस बात को स्वीकार किया कि घोघाल एवं खडंूस बीट में जंगलो की कटाई से अब जंगल धीरे - धीरे समाप्त होने लगे है। इधर खामला ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा स्कूल मैदान में लगे पेड़ो को बिना वन विभाग एवं राजस्व विभाग के काट देने के मामले में भी ग्राम खामला के निवासी सकते में है। जानकार सूत्रो का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी द्वारा इस मामले में सीधे - सीधे कोई कार्रवाई न करने से जंगल माफिया एवं पेड़ो के दुश्मनो का हौसला बढ़ता है। वन विभाग के अफसरो की दलील है कि ग्राम पंचायत क्षेत्र में हरे - भरे पेड़ काटने के मामले में राजस्व विभाग को कोई ठोस कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन सवाल उठता है कि जहां पर पेड़ कटे उसके ठीक सामने वन विभाग के कर्मचारिययों एवं अधिकारियों का रहवास एवं कार्यालय भी है। पूरा घटनाक्रम दिन दहाड़े होने से गांव के लोग राजस्व एवं विभाग पर एक दुसरे की जवाबदेही बता कर पूरे मामले से लोगो का ध्यान बटाने का काम कर रहे है। कुकरू - खामला क्षेत्र में यूं तो नंगी होती चली जा रही पहाडिय़ो एवं गहरी खाईयों में हरे - भरे पेड़ बहुंत कम बचे है लेकिन जो बचे है वे भी सुरक्षित नहीं है। इको टूरिज्म के रूप मे विकसीत किए जा रहे कुकरू क्षेत्र के भी हालात कुछ कम चौकान्ने वाले नहीं है। यहां पर भी काफी के बगान से लेकर पवन चक्की तक के बुरे हाल है। जहां एक ओर पवन चक्की बंद पड़ी है वही दुसरी ओर काफी बगान में काफी के पौधो बांझ होने लगे है। मध्यप्रदेश के मुखिया एवं उनकी श्रीमति जी की पसंद कहे जाने वाले कुकरू क्षेत्र को बैतूल के हाईटेक कलैक्टर का भी आर्दश कहा जाता है। कलैक्टर ने जिस कुकरू की हसीन वादियों की फोटो को अपनी आदर्श बैतूल के वेब पेज पर अपलोड़ किया है वह अब बैरी की बुरी नज़र का शिकार बन रही है। यहां पर भी बड़े पैमाने पर मावा बनाने के लिए पूरे गांव के लोग घरेलू ईधन के रूप में जंगलो का जमकर सफाया करने में लगे हुए है। पूरे कुकरू गांव में दस से अधिक मावा बनाने की भटट्ी काम कर रही है जिसमें बारह घंटे लकडिय़ा जलाई जा रही है। बड़े पैमाने पर जलाऊ लकडिय़ों के रूप में प्रयोग कुकरू की हसीन वादियों की हरित क्रंाति को ही न निगल ले। देखरेख के अभाव एवं कठोर कार्रवाई के न होने के चलते कहीं ऐसा न हो कि कुकरू की वादियों की हरी चादर ही गायब हो जाए। अगर ऐसा हो गया तो फिर यहां पर वन विभाग के सूर्यास्त का होना सुनिश्चीत है। राज्य सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से लेकर महामहिम राज्यपाल श्री राम नरेश यादव को भेजी एक सनसनी खेज रिर्पोट में भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के द्वारा गठित की गई बैतूल जिला पर्यावरण वाहिनी के सदस्य रहे रामकिशोर पंवार जिला संयोजक बैतूल जिला पर्यावरण संरक्षण समिति बैतूल ने कुकरू की हसीन वादियों के चीर हरण को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर ठोस कार्रवाई का आग्रह किया है। श्री पंवार जो कि राज्य सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के इफ्को क्लब से भी जुड़े रहे है। तथा उनके द्वारा सारनी की राख से प्रदुषित देनवा नदी - तवा के लिए कई जन आन्दोलन किया गया था। अब श्री पंवार ने कुकरू के चीर हरण को रोकने के लिए आन्दोलन करने की चेतावनी दी है।

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