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Friday, October 19, 2012

पत्रकारो के नेता कामरेड के विक्रमराव को भारत रत्न मिले


राष्ट्रीय पत्रकार सम्मेलन में वर्सन पत्रकारिता पर बोले पंवार
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बैतूल , (रामकिशोर पंवार) : पड़ौसी राज्य कनार्टक के तुमकुर जिला मुख्यालय पर श्रीदेवी महाविद्यालय परिसर में आयोजित इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के 65 वे राष्ट्रीय अधिवेशन के 11 अक्टुबर से 13 अक्टुबर 2012 तक  चले अधिवेशन में कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेटटर के मुख्य आतिथ्य भाषण के उपरांत द्धितीय सत्र को सम्बोधित करते हुए दैनिक पंजाब केसरी के बैतूल जिला संवाददाता एवं फेडरेशन से वर्ष 1985 से जुड़े रामकिशोर पंवार ने वर्सन पत्रकारिता पर अपने खुल कर विचार रखे एवं उससे होने वाले नुकासान को भी बताया। श्री पंवार ने कहा कि इस देश में पीआरबी एक्ट के बाद से संपादक ने स्वंय को कानूनी दांवपेचो से बचाने के चक्कर में वर्सन पत्रकारिता की जो शुरूआत हुई है उससे समाचारो के महत्व पर ही सवाल उठने लगे है तथा इससे ब्लेकमेलिंग की सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। श्री पंवार ने बताया कि भरोसेमंद प्रिंट मीडिया की पत्रकारिता में वर्सन के चक्कर में पत्रकार जब सामने वाले का वर्सन लेने के चक्कर में खबर का सोर्स बता देेता है जिससे गोपनीयता तो भंग होती है साथ ही गुप्त खबरे एवं जानकारी देने वालो का विश्वास टूटता है। श्री पंवार ने राष्ट्रीय परिषद में पत्रकारो के नेता कामरेड के विक्रमाराव को भारत रत्न देने की मांग करते हुए कहा कि जब खेल एवं अन्य क्षेत्रो के लोगो को भारत रत्न मिल सकता है तब पत्रकारिता के क्षेत्र में क्यों नहीं मिल सकता। श्री पंवार ने कामरेड के विक्रमराव के त्याग एवं संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पत्रकारो को अकसर दानवीर कर्ण की भूमिका नहीं निभानी चाहिए। पत्रकारो को अपने लिए भी कुछ तो मांगना चाहिए। कर्नाटक के तुमकुर में दुसरी बार राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने पहुंचे रामकिशोर पंवार ने बताया कि पत्रकारिता का संघर्ष पूर्ण जीवन क्या होता है। श्री पंवार ने प्रिंट मीडिया के महत्व और इलेक्ट्रानिक मीडिया के मौजूदा स्वरूप पर विचार व्यक्त किए। श्री पंवार पूरे अधिवेशन के दौरान एक मात्र ऐसे वक्ता थे जो कि राष्ट्रीय पदाधिकारी न होते हुए भी सम्मेलन को सम्बोधित करने के लिए बुलवाए गए थे। 

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