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Friday, November 30, 2012

आईसीआईसीआई बैंक बना आतंकवादियों की पनाहगाह

आईसीआईसीआई बैंक बना आतंकवादियों की पनाहगाह
भोपाल. भारत में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा और सभी बैंको के बीच तीसरे नंबर का बड़ा बैंक आईसीआईसीआई अपनी प्रबंधकीय गलतियों के कारण आरोपों के घेरे में आ गया है। बैंक पर आरोप है कि वह अपने ग्राहकों की जमा राशियों को शेयर बाजार में लगा रहा है। इससे बैंक तो ग्राहक की पूंजी पर मजे कर रहा है पर उसका लाभ पूंजी निवेशक को नहीं मिल पा रहा है। शिकायत कर्ताओं ने संभावना जताई है कि बैंक का ये धन आतंकवादियों को पनाह देने में कर रहा है।

राष्ट्रीय जागरण मंच मध्यप्रदेश के बैनर तले आयोजित पत्रकार वार्ता में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ . ज्योति प्रकाश ने आईसीआईसीआई बैंक के खाते संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत किए। पत्रकारों को दिए प्रेस नोट में डॉ . ज्योति प्रकाश ने बताया कि आईसीआईसीआई होम फायनेंस कंपनी अपने ग्राहकों से विभिन्न मदों में राशियां तो वसूल लेती है पर आवकों को महीनों बाद की तारीखों में दर्जकरती है। इस अंतराल में वह ये राशि बेनामी रूप से कहीं और विनिवेशित करती है। उन्होंने सवाल किया कि बैंक का ये बेनामी विनिवेश कहीं तस्करी , सट्टा , आतंकी गतिविधियों के लिए हवाला राशि जुटाने या हर्षद मेहता शेयर घोटाला जैसे गैर कानूनी और आपराधिक कारनामों में तो नहीं हो रहा है। उन्होंने देश की तमाम जांच एजेंसियों और रिजर्व बैंक से अनुरोध किया है कि वह आईसीआईसीआई बैंक के कारोबार की गहनता से पड़ताल करें।

डॉ . ज्योति प्रकाश ने श्रीमती सुषमा तिवारी के बैंक लोन संबंधी दस्तावेजों की नौ छाया प्रतियां भी दीं जिनमें बैंक के पिछले दस सालों के दस्तावेजों के आधार पर बताया गया कि किस तरह बैंक जमा राशियों को अपने खातों में दर्शाने में देरी करता है। बैंक ग्राहक के खाते से तो राशि आहरित कर लेता है पर उसे अपने प्राप्ति खाते में तत्काल नहीं दर्शाता है।
राष्ट्रीय जागरण मंच मध्यप्रदेश के अध्यक्ष कामेश्वर शर्मा , महासचिव अजय गौड़ और उनके सहयोगियों ने बैंक की इस कार्यप्रणाली पर असंतोष जताया और जांच एजेंसियों से बैंक के कारोबार की छानबीन करने की अपेक्षा की है।  
 (पीआईसीएमपीडॉटकॉम)        

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