बैतूल। बैतूल जिले के आरुल गांव में जादू-टोने के शक में एक बुजुर्ग व उसके सहयोगी को कपड़े उतारकर गांव में घुमाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया है, जबकि एक युवक की तलाश जारी है। आरुल गांव के बुजुर्ग फूलसिंह की दो दिन पहले बीमारी से मौत हो गई थी। उनके परिजन अंतिम क्रिया के लिए शव को नहला रहे थे, तभी गांव के बुजुर्ग चुन्नीलाल ने शव को नहलाने वाला पानी बोतल में रख लिया। इसके बाद फूलसिंह का परिजन ने अंतिम संस्कार कर दिया। मंगलवार को फूलसिंह के भाई ओझा आदिवासी के लड़कों अशोक, राजू और गुड्डू को गांव के दोनों बुजुर्गों पर जादू-टोना करने की आशंका हुई। उन्होंने चुन्नीलाल और उसके सहयोगी कोकी लाल को बुलाया और फिर आटा पीसने वाली पत्थर की चक्की गले में डालकर गांव में घुमाया। इस दौरान दोनों के कपड़े भी उतार दिए। मंदिर तक ले जाकर उनसे माफी भी मंगवाई। जिले के ग्राम आरूल में दो वृद्धों को जादू-टोने के शक में पहले मारा-पीटा गया और उसके बाद उनके गले में अनाज पीसने की चक्की के पाट बांधकर गांव में निर्वस्त्र घुमाया गया। बुधवार सुबह की इस घटना में इन वृद्धों के साथ यह अमानवीय कृत्य लगभग एक घंटे तक चलता रहा। पूरे आरूल के लोग सिर्फ तमाशबीन बने रहे। इधर, पुलिस ने भी इस मामले में शिकायत मिलने पर मारपीट का प्रकरण दर्ज किया है। अशोक, राजू और गुड्डू के चाचा फूलसिंह पिता मादर उईके 60 वर्ष लंबे समय से बीमार चल रहे थे। गत मंगलवार को ग्राम बोरीकास में उसकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार के लिए फूलसिंह को ग्राम आरूल लाया गया। अंतिम संस्कार के पहले उसके शव को नहलाया जा रहा था, उस वक्त अशोक, राजू और गुड्डू ने चुन्नी और कोकीलाल को शव को नहलाए गए पानी को बॉटल में भरते हुए देख लिया और उनकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद पूरा घटनाक्रम हुआ। इधर, चुन्नी और कोकीलाल ने शव का पानी बॉटल में भरने की बात स्वीकार की, उनका कहना था कि यह पानी उन्होंने जादू-टोने के लिए नहीं बल्कि इसलिए भरा कि इस पानी का खेतों में छिड़काव करने से चूहे समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने पुलिस को दिए बयान में जादू-टोने की बात से इनकार किया। शिकायत मिलने पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ 294, 323, 506 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। |
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