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Friday, January 18, 2013

अशोक गोयल द्वारा 54 एकड़ जमीन की जालसाजी


54 एकड़ जमीन की जालसाजी



भोपाल। शहर के शिवनगर (पुराना नाम मुरली नगर) की 54 एकड़ जमीन बिक गई है। इस जमीन को फर्जी मुख्तार आम के आधार पर बेचा गया है। गोविन्दपुरा नजूल अधिकारी के क्षेत्र की इस जमीन में इतने बड़े पैमाने पर की गई जालसाजी का खुलासा होने के बाद प्रशासन ने जांच शुरू करा दी है। इसके लिए बीस साल में हुई रजिस्ट्री की जानकारी एकत्र की जा रही है। साथ ही सरकारी जमीन की सौदेबाजी करने के लिए जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनको नोटिस जारी किया गया है। 

करोंद कला के पास स्थित 54.59 एकड़ जमीन को राज्य शासन ने 22 मई 1992 को एक आदेश जारी करके सीलिंग के तहत सरकारी घोषित कर दिया था। यह जमीन तब अरूण कुमार, जगदीश कुमार (दोनों पुत्र मुरलीधर गंगन) और मुरलीधर गंगन की पत्नी आनंदी बाई के नाम पर थी जो हनुमानगंज जुमेराती में रहते थे। इनकी जमीन सीलिंग एक्ट में सरकारी घोषित होने का विज्ञापन भी तबके सक्षम अधिकारी रजनीश वैश्य के द्वारा प्रकाशित कराया गया था। पूरे मामले का खुलासा करने वाले राजस्व निरीक्षक सरबजीत सिंह वारिया के अनुसार जांच में यह पता चला कि जमीन के एक हिस्से का मुख्तारआम सीताराम यादव पुत्र युवराज सिंह के द्वारा अशोक गोयल से किया गया। इसमें 1500 वर्गमीटर जमीन को ओवरराइट कर 15000 वर्गमीटर कर दिया गया। इसके बाद जमीन अलग-अलग हिस्सों में बेची जाने लगी और अब पूरी जमीन बेची जा चुकी है। 

कहां से आ गए सीताराम 

इस पूरे मामले में संदेह यहां से पैदा होता है कि जब शासन ने सीलिंग की जमीन मुरलीधर के परिवार के नाम से ली तो सीताराम ने जमीन का सौदा कैसे कर लिया। करोंद निवासी सीताराम ने पहले जमीन रामस्वरूप निवासी टीला जमालपुरा को बेची। यह रजिस्ट्री 26 अगस्त 1997 को हुई। इसी जमीन का मुख्तारनामा 14 नवम्बर 1996 को सीतराम यादव व अशोक गोयल के बीच भी होना पाया गया है। इसी जमीन का अपंजीकृत विक्रय पत्र अशोक गोयल ने बनवाया। गोयल ने यह जमीन ममता मालवीय को बेची। तब से लेकर यह जमीन एक सैकड़ा लोगों को बेची जा चुकी है। पत्रिका के पास इसके दस्तावेज मौजूद हैं। 

एफआईआर दर्ज होगी

जांच में यह बात सामने आई है कि 1992 में शासन के अधिकार में आई जमीन का रिकार्ड में समय पर सुधार नहीं हुआ। इसका फायदा कुछ लोगों ने उठाया और जमीन बेच दी। इन लोगों ने कितनी जमीन बेची है? इसकी जानकारी मांगी जा रही है। जमीन की 1992 से अब तक की रजिस्ट्री की कॉपी उप पंजीयक से मांगी गई है। इसके अलावा यह भी जांच कराई जा रही है कि कितनी जमीन खाली है और कितनी जमीन पर मकान बने हैं। इसके लिए जो लोग भी जिम्मेदार होंगे, उनके विरूद्घ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
एएस पवार, नजूल अधिकारी गोविन्दपुरा 

आजतक खबर 


http://aajtakkhabar.com/AajTakKhabarDescraption.aspx?NID=1236

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