Pages

click new

Friday, January 11, 2013

हरदा जनसंपर्क कार्यालय का सहायक जनसंपर्क अधिकारी बनने चला कलेक्टर



हरदा जनसंपर्क कार्यालय का सहायक जनसंपर्क अधिकारी बनने चला कलेक्टर

            ब्यूरो प्रमुख// जितेन्द्र अग्रवाल  (हरदा //टाइम्स ऑफ क्राइम)  
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- 8085199183 
toc news internet channal




हरदा . कलेक्टर और जनता के बीच बड़ी भूमिका जनसंपर्क विभाग निभाता है। प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुुंचाने के लिए बनाया गया है। जिला जनसंपर्क कार्यालय प्रशासन के लिए परेशानी का कारण बन गया है। जिला जनसंपर्क कार्यालय में पिछले सात वर्षों से डटे सहायक जनसंपर्क अधिकारी वि_ल माहेश्वरी ही चला रहे हैं। सूचना सहायक से भर्ती हुए माहेश्वरी सहित सभी कर्मी अपना कर्तव्य सही ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं। स्थिति यह हो गयी है कि सहायक जनसंपर्क अधिकारी को छोडक़र पूरा कार्यालय अन्य जिलों से ट्रेन द्वारा अपडाउन कर रहा है। कार्यालय में अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों की संपर्क सूची भी अपडेट नहीं है। रिटायर, स्थानांतरण हो चुके अधिकारियों के नाम अब तक सूची में दर्ज है। विभागीय कार्यशैली के कारण जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार की उपलब्धियां भी पत्रकार तथा जनता तक नहीं पहुंच पा रही हैं। भृत्य खंडवा से, बाबू होशंगाबाद से व संविदाकर्मी खिरकिया से अपडाउन करता है। 

प्रदेश में यह अनोखा कार्यालय होगा जहां 90 प्रतिशत कर्मचारी अन्य जिलों से अप-डाउन कर रहे हैं। और यहां के सहायक जन संपर्क अधिकारी तो कभी कार्यालय में नजर ही नहीं आते। हमेशा दफ्तर के बाहर सिगरेट पीते हुए मिलते हैं और कभी दफ्तर के बाहर से फोन पर पूछा जाता है तो हमेशा एक ही जवाब मिलता है कि कलेक्टर साहब के साथ मीटिंग में हूं और फोन डिस्कनेक्ट कर दिया जाता है। सूचना सहायक से भर्ती हुए प्रभारी वि_ल माहेश्वरी सहित सभी कर्मी अपना कर्तव्य सही ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं। हरदा जनसंपर्क कार्यालय में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। यहां पर पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी विभागीय गतिविधियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। क्योंकि वे जब स्थायी रूप से मुख्यालय में निवास करेंगे तो ही शासन की योजनाओं का प्रचार प्रसार हो सकेगा। हैरानी इस बात की है कि कलेक्टर भी इस मामले में अधिकारी पर कार्यवाहीं नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है मध्यप्रदेश सरकार की स्थानांतरण नीति के विपरीत अधिकारी जमे हुए हैं। नतीजा सरकार को भोगना पड़ेगा।


No comments:

Post a Comment