Pages

click new

Monday, February 25, 2013

कुकर्म का कलंक धोने की कवायद में 'सेक्सी' सिंघवी


निरंजन परिहार 
toc news internet channal

बम फटे हैदराबाद में और दिल्ली में दुकान सजाने लग गए अभिषेक मनु सिंघवी। वैसे, सिंघवी खुद तो किस ‘काम’ के काबिल हैं, यह उनके दफ्तर की दीवारें और वहां के सीसीटीवी कैमरे के अलावा, एक महिला वकील के साथ मुंह काला करते हुए सिंघवी को देखनेवाला सारा देश अच्छी तरह जानता है। लेकिन फिर भी सिंघवी देश के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की काबिलियत पर सवाल उठा रहे है। हैदराबाद में बम फटने के बाद सिंघवी ने कहा कि जब देश के गृह मंत्री का प्रमोशन उनकी कार्यक्षमता के बजाए वफादारी के बूते पर हुआ है तो ऐसे में उनसे क्या अपेक्षा की जा सकती है।

अरे भैया वकील साहब, आपको भी तो वफादारी के बूते पर ही राज्यसभा का टिकट मिला, और सारे वफादारों ने वोट दिए। इसका मतलब क्या आपसे भी कोई अपेक्षा नहीं की जाए ?  वैसे, किसी को भी आपसे कोई अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। दिल्ली की उस महिला वकील ने जज बनने की आपसे अपेक्षा की थी, तो आपने उससे क्या क्या अपेक्षा पाली और पूरी भी की, वह सब सीसीटीवी कैमरे में कैद है। हैदराबाद के बम विस्फोट के सहारे अपनी सैक्सी सियासत की ‘काम’ कहानी पर परदा डालने के लिए अचानक प्रकट होकर सिंघवी ने कहा कि यह एक निंदनीय घटना है। खुद सिंघवी ने तो उस महिला वकील के साथ सारे कपड़े उतार कर अपने दफ्तर की कुर्सी पर बैठकर जो कुछ किया, वैसा भविष्य में फिर किसी के साथ कभी न करने की बात कभी नहीं कही। लेकिन सरकार को सलाह दे रहे हैं कि भविष्य में ऐसे धमाके रोकने के लिए कदम उठाने होंगे।

साथ ही सरकार से उम्मीद जताई कि धमाके में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिजनों को तुरंत और पर्याप्त राहत दी जाएगी। अरे वकील साहब, आपनेने उस महिला वकील के साथ ‘काम’ करके अपनी उम्मीद तो पूरी कर ली, लेकिन उसे जज बनाने की जो उम्मीद बंधाई थी, उसे आज तक पूरा नहीं किया, उसका क्या। बहुत दिनों से बेकार और दरकिनार बैठे थे, सो आपको फिर से खबरों में आने के लिए बम ब्लास्ट का मौका मिल गया।

वैसे, राजनीति जानने वाले यह भी जानते हैं कि कांग्रेस में किसी की भी यह औकात नहीं है कि कोई भी मुंह उठाकर किसी के भी खिलाफ कुछ भी बोल दे। उसके लिए बाकायदा रणनीति बनती है। सीमाएं समझाई जाती हैं, साथ ही गलती के अंजाम का अहसास भी करा दिया जाता है। कांग्रेस सही समय पर सही वार करती है। सो, यह भी हो सकता है कि अभिषेक मनु सिंघवी के कोर्ट में किए कुकर्म के कलंक को धोने के लिए कांग्रेस ने बम धमाकों जैसा गंभीर अवसर चुना हो। सोचा हो कि उनकी रीएंट्री इसी तरह से कराई जा सकती है, क्योंकि धमाकों में जब बहुत सारे लोग मारे गए हैं, और उस पर सिंघवी बोलेंगे, तो दर्द के दावानल में कोई भी उनके सैक्स कांड की तो चर्चा नहीं करेगा। इस राजनीति को सही रास्ते से समझना हो तो जरा इस तरह भी समझिए कि महिपाल मदेरणा और मलखान सिंह विश्नोई के भंवरी देवी के साथ अवैध संबंधों पर, या फिर कुरियन के बलात्कार वाले मामले में सिंघवी से बयान दिलवाकर तो उनकी सैक्सी सिंघवी की छवि और मजबूत ही होती न।

माना जाता है कि राजनेता आमतौर पर बेशर्म होते हैं। फिर सिंघवी को तो वैसे भी शर्म है कहां। होती, तो रोजी रोटी देने वाले सुप्रीम कोर्ट स्थित अपने दफ्तर में बुलाकर महिला वकील के साथ कुकर्म नहीं करते। सिंघवी के लिए शुभ संकेत है कि पब्लिक के सामने आने के उनके दरवाजे खुल गए हैं, और कांग्रेस ने भले ही बहुत सोच समझकर यह सब किया हो। लेकिन राजनीति के लिए यह घनघोर अशुभ संकेत हैं कि सैक्स करते हुए कैमरो में कैद होने वाले सांसद अब देश के गृहमंत्री पर उंगली उठाने लगे हैं। भले ही उनको अपने कुकर्मों पर शर्म नहीं आए, पर हमको तो आती है। आपको भी आती ही होगी !


अभिषेक मनु सिंघवी का यह वीडियो सिर्फ वयस्‍कों के लिए है!


भिषेक मनु सिंघवी के सेक्‍स वीडियो को लेकर सियासी हलकों में ढेर सारे गॉशिप्‍स बिखरे पड़े हैं। अदालत ने इस वीडियो के प्रसारण पर हालांकि रोक लगा दी है, फिर भी कल सोशल मीडिया पर इसे अपलोड कर दिया गया। यूट्यूब ने एक घंटे के भीतर इस वीडियो को बैन कर दिया, लेकिन फेसबुक पर किसी सज्‍जन ने नये सिरे से अपलोड कर दिया। 

No comments:

Post a Comment