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Tuesday, March 26, 2013

फर्जी मस्टरोल बना सचिव द्वारा लाखों का घोटाला


सचिव,सहायिका व शिक्षाकर्मी ने मिल कर लगाया शासन को चुना
मामला बलरामपुर जनपद पंचायत का
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रामानुजगंजः-छत्तीसगढ़ शासन,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मुखिया के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के अन्तर्गत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के सफल क्रियान्वयन का हुंकार भरते हुए भारत देश के अन्तर्गत प्रथम स्थान की बात प्रचारित एवं प्रसारित जन सूचना एवं सम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा समय-समय पर की जाती रही हैं, वहीं दूसरी ओर जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के अन्तर्गत शिकायत क्रमांक 30, दिनांक 31 अक्टुबर 2011 को लोकपाल मनरेगा कार्यालय जिला पंचायत सरगुजा अम्बिकापुर छ.ग. के शिकायतकर्ता शुदेश्वर तिवारी निवासी बलरामपुर प्रति उदय यादव आ0 रामराज यादव पंचायत सचिव पूर्व में ग्राम पंचायत सितारामपुर तथा वर्तमान में पंचायत सचिव ग्राम पंचायत पाढ़ी पोस्ट पस्ता, जिला बलरामपुर-रामानुजगंज (छ.ग.) का मामला जो लाखों के गबन एवं घोटाले बाजी को प्रदर्शित करता है, छ.ग. शासन के उपर एक प्रश्न चिन्ह उत्पन्न करता है, कि उक्त शासन ग्रामीण क्षेत्रों में यह किस प्रकार के विकास का कार्य कर रही है।

उक्त मामले में लोक पाल के अधीनिर्देश दिनांक 21 अगस्त 2012 से स्पष्ट होती है कि सुदेश्वर तिवारी की शिकायत वाजीब है तथा उदय यादव जो पंचायत सचिव है के द्वारा मनरेगा के कार्यों में 70 वर्ष के बुजुर्ग ब्यक्तियों का फर्जी मस्टरोल में नाम डाल कर शासन को लाखों का चुना लगाया गया है। जबकि बुजुर्ग ब्यक्ति शारीरिक श्रम करने के योग्य नही माना गया है। इतना ही नही उक्त सचिव ने स्वंय के नाम से जाब कार्ड क्र. 001/146 जारी किया गया जिसमें उसकी पत्नी इंदु का नाम शामिल है ये दोनो पति-पत्नी शासन में सेवारत होते हुए भी मस्टरोल में नाम अंकित कर मजदूर की राशि आहरीत किया है उक्त सचिव के भाई शिक्षाकर्मी है उनका नाम भी जॉब कार्ड जारी कर मजदूरी की राशि आहरीत की गई है। शिकायत की जांच के दौरान लोकपाल द्वारा दिनांक 30 जुन 2012 को बलरामपुर जनपद पंचायत के कार्यक्रम अधिकारी अश्विनी तिवारी एवं उक्त सचिव की उपस्थिति में निम्न तथ्य प्रकाश में आये हैं

1. उक्त पंचायत सचिव का परिवार काफी सम्पन्न है इनके पास सितारामपुर, खटवा बरदर व पाढ़ी में सैकड़ों एकड़ कृषी भूमी है। और परिवार का कोई भी सदस्य एैसा नही है जिसे जिवन निर्वाह करने के लिए मजदूरी करना पड़े, जबकि उक्त सचिव के परिवार के सदस्यों के नाम से वर्ष 2008-09 में लगभग 100-100 दिन की मजदूरी प्राप्त की गई है जो एक लाख अस्सी हजार (1,80,000) रूपया होता है। उक्त सचिव वर्ष 2003 से पंचायत सचिव है तथा वह शासन से वेतन पाता है साथ ही जॉब कार्ड के आधार पर मजदूरी का भूगतान भी प्राप्त करता रहा हैै। (मस्टरोल क्र. 222825, दिनांक 21 जनवरी 2008 से दिनांक 28 जनवरी 2008 तक ) उसकी पत्नी इंदु सहायीका एवं भाई अर्जुन यादव शिक्षाकर्मी वर्ग-3 है का नाम भी मस्टरोल में दर्ज है जो बिना मजदूरी किये मनरेगा योजना के तहत मजदूरी का राशि प्राप्त किया है। इतना ही नही उक्त सचिव का भाई शिक्षाकर्मी वर्ग-3 है उसके नाम से जॉब कार्ड है तथा वह ए2 वर्ग का पंजिकृत ठेकेदार है।

सितारामपुर का सरपंच आदिवासी होने के कारण सम्पूर्ण ग्राम पंचायत के कार्य इसी यादव परिवार द्वारा किया जाता है जिसका देख-रेख अर्जुन यादव के द्वारा सम्पन्न किया जाता है अर्जुन यादव मटेरियल सप्लायर भी हैं उनके द्वारा लाखों रूपया का मटेरियल पंचायत को दिया जाता है तथा उसका भूगतान वह प्राप्त करता है अर्जुन यादव के पास एक ट्रेक्टर क्र. सी.जी.15 एच.5588 है जो कृषी कार्य के लिए है परंतु यादव द्वारा ट्रेक्टर, लेबलर मशीन, रोलर एवं टैंकर का बिल देकर प्राप्त किया जाता रहा है शिकायत जांच के दौरान उक्त ग्राम पंचायत में निर्माणाधीन दो मिटटी मुरूम सड़क (1) बंधन के घर से डूगा पानी तक, तथा (2) जिराआमा से जाम पानी तक निरीक्षण किया गया किसी भी मार्ग में ना मुरूम डाला गया था ना सिंचाई की गई थी और नही रोलर ही चलाया गया था, ग्रामीणों ने बताया कि कार्य के दौरान रोलर कभी देखा ही नही गया है किन्तु अर्जुन यादव द्वारा रोलर, ट्रेक्टर, व टैंकर के लिए एक वर्ष में नौ लाख रूपया का भूगतान प्राप्त किया है जो सरेआम धोखाधड़ी कर शासन को चुना लगाया गया है - कि वसुली उससे किया जाना चाहिए व साथ ही उसके परिवार के सभी सदस्यों का बैंक खाता जांच करवाकर भूगतान किये गये राशि एक लाख अस्सी हजार रूपये की वसुली किये जाने की अपेक्षा छत्तीसगढ़ शासन से है।

(3) अर्जुन यादव शिक्षक के पद पर रहते हुए ठेकेदारी एवं अवैध देयक के माध्यम ये शासन से लाखों रूपया प्राप्त किया है जो उसके द्वारा किये गये भ्रष्टाचार को उजागर करता है - के लिए उसके विरूद्व पुलिस में अपराधिक प्रकरण दर्ज करा कर पंचायत से प्राप्त समस्त अवैध राशि नौ लाख रूपये की वसूली किये जाने की अपेक्षा आम जनमानस छ.ग. शासन से करती है।

उक्त यादव परिवार एवं उक्त सचिव तथा उसकी पत्नी इंदु और उसका भाई अर्जुन यादव के द्वारा निर्वाध रूप से निरंतर आज भी उक्त किस्म के भ्रष्टाचार के कार्य किया जा रहा है जिस पर शासन को लगाम लगाने की आवश्यकता आम जनमानस करती है

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