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Monday, April 22, 2013

पुनासा सिंचाई योजना- काम कागज़ पर, किया 400 करोड़ का भुगतान


पुनासा सिंचाई योजना- काम कागज़ पर,
किया 400 करोड़ का भुगतान

खंडवा  से शेख शकील की रिपोर्ट....
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खंडवा. नर्मदा विकास प्राधिकरण के 25 नम्बर डिविजन में भ्रष्टाचार अपनी हदे तोडते जा रहा है। यहां अंधेरगर्दी व मनमानी का आलम इस कदर हावी है कि एक ही टेण्डर पर कार्य स्वीकृत कर दिये जाते है जो नियम विरूद्ध है। अधीक्षण यंत्री कार्यालय से सांठगांठ के चलते अधीनस्थ वह सब कर गुजरते है जो कायदे कानूनो का सरेआम उंल्लघन है। नियम यह है कि निविदा आंमत्रण पर सिंगल टेण्डर आने पर पुनः निविदा आंमत्रित की जाना चाहिये लेकिन डिविजन में अधिकारी ही अपने भाई भतीजावाद के सहारे कथित ठेकेदार बनकर काम करा रहे है। इसलिये एक ठेकेदार का टेंडर आने पर अधिकारी उसे स्वीकृत कर देते है जबकि नियम यह है कि तीन टेंडर आने के बाद ही इन्हें खोला जाकर कम रेट वाले को कार्य दिया जाता है। विंभाग मे अंतरग रूप से स्थिति यह है कि ठेकेदारों के नाम से लायसेंस लगाकर विभाग के अधिकारी ही इस सिंचाई योजना में काम करवा रहे है विधयक ने इस सारे घटनाक्रम की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों को की है।

तदाशय का आरोप भाजपा विधायक लोकेन्द्र सिंह तोमर ने लगाते हुये गडबडियो का कच्चा चिट्टा मुख्यमंत्री को भेजा है। उन्होने अधीक्षण यंत्री कार्यालय से सिंचाई योजना में सिंचित होने वाली जमीन की नाम वार तथा ग्रामवास सूची डेढ़ माह पूर्व लिखित आवेदन देकर मांगी है जो अब तक उन्हें प्रदान नहीं की गयी है। आरोप है कि विभाग अधिकारी उन्हे सूची इसलिए नहीं दे रहे है कि योजना की की जमीनी हकीकत के साथ घोटाला उजागर होने की दहशत है।

श्री तोमर ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये किसानों के हित में कांतिकारी निर्णय ले रहे है वहां नर्मदा घाटी विकास विभाग के मुख्य अभियंता अधीक्षण यंत्री तथा कार्यपालन यंत्री नहर के ठेकेदारों से मिलीभगत करके मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फेरने में अग्रणी है।

पूरा भुगतान।

विधायक ने कहा कि 418 करोड़ रूपये लागत की पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना में ठेकेदार को लगभग 400 करोड रूपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है लेकिन परिणाम यह है कि वांछित रकबे का 25 फीसदी जमीन में ही सिंचाई हो रही है। नहर के ठेकेदार जो सर्वे करता है तथा एम बी भरवाता है उस पर यह अधिकारी जमीनी हकीकत देखे बिना आंखे मूंदकर मात्र पैसे कमाने की लालच में हस्ताक्षकर कर देते है। यही नहीं मध्यप्रदेश विधानसभा में भी एनवीडीए के अधिकारियों ने गलत जानकारी देकर सरकार को गुमराह किया है। विधायक लोकेन्द्रसिंह तोमर ने स्थिति से परेशान होकर और योजना तथा सिंचाई रकबे की विंसगतियों को लेकर विसतार से लिखित में जानकारी विभाग से चाही तो डेढ माह बाद भी मांग अनुत्तरित है।

लाभ कागजो पर ।

चार वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री ने ही योजना की आधारशिला रखी थी। योजना के तहत पुनासा तहसील के 110 ग्रामों की करीब एक लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई करने का लक्ष्य निर्धारित है। चार चरणों में योजना पूर्ण होना है। योजना कार्य का ठेकेा आईवीसीएल कंपनी को दिया गया था। ठेके के अनुबंध में यह भी शर्त रखी गई थी कि क्षेत्र के किसानों के खेतों तक पाइप लाईन के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा। प्रति हेक्टेयर 2100 रुपए की राशि दो अलग अलग सीजनों में किसान से अनुबंध करके सिंचाई कर के रूप में वसूली जाएगी। इस सिंचाई योजना में से मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ठेकेदार कंपनी को चार सौ करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है जबकि वास्तविकता यह है कि योजना के प्रथम चरण में 43 हजार हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई लाभ के स्थान पर केवल 12 हजार हेक्टेयर भूमि पर पानी पहुंच रहा है। योजना के द्वितीय, तृतीय तथा चतुर्थी चरण का काम अभी भी बाकी है और लागत का 90 फीसदी से अधिक भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया है।

यह है योजना।

पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना ग्राम चांदेल के पास इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर के शीर्ष पर निर्मित कन्ट्रोल स्ट्रक्चर के जेकवेल से जल उद्वहन कर तैयार की गई है। इस योजना से खंडवा जिले के 110 ग्रामों की 35008 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई एवं पेयजल आपूर्ति प्रस्तावित है। योजना से लाभान्वित 110 ग्रामों में इंदिरा सागर बाँध से प्रभावित 23 ग्राम भी सम्मिलित हैं, लाभान्वित कृषकों में 25 प्रतिशत आदिवासी हैं एवं परियोजना का समस्त सिंचाई क्षेत्र सुखा प्रभावित है। योजना के आवश्यक विद्युत आपूर्ति इंदिरा सागर नहर पर निर्मित 15 मेगावाट क्षमता के विद्युत गृह से की जा रही है। जल वितरण भादलीखेड़ा, केनुद और कोलगाँव बैंलेन्सिं रिजवार्यर के माध्यम से किया जायेगा।

इस योजना को पहले तीन अब 4 चरण में बांटा गया है। इस योजना के अंतर्गत समस्त सिंचाई भूमिगत पाइप से की जाएगी, जिससे भू-अर्जन न्यूनतम हुआ है। समस्त वितरण प्रणाली की लंबाई लगभग 780 किलोमीटर है। जल वितरण बेलेसिंग रिजर्व वायर से किया जा रहा है। इस योजना से पुनासा ब्लॉक के 71 ग्राम, किल्लौद ब्लॉक के 13 ग्राम तथा खंडवा ब्लॉक के 26 ग्राम लाभांवित होंगे।

गुमराह कर रहे अधिकारी-

इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक लोकेन्द्रसिंह तोमर ने बताया कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारी सरकार एवं विधानसभा को गुमराह कर रहे है। उनके विधानसभा क्षेत्र में कुंए तालाब तथा नाले सहित अन्य जलस्त्रोतों से किसानों द्वारा की जा रही सिंचाई को एनवीडीए के अधिकारी अपनी योजना में जोडकर प्रगति का उल्लेख कर रहे है। ं ठेकेदार द्वारा आउट लेट पास पास बनाकर पाइपों की बचत की जा रही है। जिससे किसानों की भूमि तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। विभाग के अधिकारी सरकार केा किस तरह गुमराह कर रहे है इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि पुनासा तहसील के जलवा बुजुर्ग में कुल चार सौ सत्तर हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई किए जाने का लक्ष्य है लेकिन वहां मात्र पचास हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई हो रही है। इससे स्पष्ट अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस परियोजना में अधिकारी किस हद तक अंधेरगर्दी कर रहे है।

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