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Tuesday, April 16, 2013

रिश्वत लेते रंगे धराए समिति प्रबंधक




खंडवा. शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर ग्राम सिहाड़ा में लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए दो कर्मचारियों को तीन हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। लोकायुक्त इंदौर से एक किसान ने अपनी उपज के बदले रिश्वत मांगें जाने की शिकायत की थी। लोकायुक्त ने समिति प्रबंधक हबीब मेनन और सहयोगी अमीन खान को गिरफ्तार कर लिया है। खंडवा में लगातार लोकायुक्त की ये चौथी बड़ी कार्रवाई है। लेकिन रिश्वत का ये खेल रूकने का नाम नहीं ले रहा।

सिहाड़ा फेल निवासी किसान श्यामलाल पाल ने दो अप्रैल से दस अप्रैल के बीच लगभग तीन ट्राली गेंहू सिहाड़ा सहकारी समिति में उतारा था। उसे अपनी उपज के बदले बैंक से दो लाख सत्रह हजार रूपये लेने थे। किसान ने जब अपनी उपज का पैसा बैंक लेने आया तो समिति प्रबंधक हबीब मेनन और सहयोगी अमीन खान ने रूपये के एवज में तीन हजार रूपये की रिश्वत की मांग की। किसान ने इस बात की शिकायत 15 अप्रैल को लोकायुक्त की टीम से की और लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए मंगलवार दोपहर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

प्रबंधक और सहयोगी सांठ-गांठ से चल रहा था खेल

सेवा सहकारी समिति सिहाड़ा में किसानों से रूपये के एवज में रिश्वत लेने का खेल काफी दिनों से चल रहा था। बैंक कर्मी रिश्वत के लिये सीधे किसानों से पैसा नहीं लेते थे बल्कि जिन किसानों का खाता सहकारी समिति में है उनसे वहीं पैसा काट कर बाकी पैसा दे देते थे। श्यामलाल ने खाते से पैसे ना देकर पूरे नकद रूपये मांगे और रिश्वत की निर्धारित राशि बाद में देने के लिये दोनो कर्मचारियों को राजी कर लिया। मंगलवार को जैसे ही उसने तीन हजार रूपये जिसमें पांच सौ रूपये के पांच और सौ रूपये के पांच नोट थे लेते दोनों को गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त की टीम में जीडी शर्मा के नेतृत्व में सतीश मिश्रा डीएसपी, दौलत सिंह, अनिल चौहान, एस पी एस राघव, आरक्षक रामस्वरू, सविता पारखी की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

" शिकारी पत्रकारों की दुकान बंद "


तीन हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों लोकायुक्त ने समिति प्रबंधक हबीब मेनन और सहयोगी अमीन खान को जब गिरफ्तार किया तो प्रबंधक हबीब मेनन कह रहा था की वह पत्रकारों को खुश कर रहा था पिछले हफ्ते ही पांच पत्रकारों को खुश किया था और बयाने के रूप में कुछ रकम दी थी बाकी बाद में देने का कहा था लेकिन मुझे फंसा दिया गया मेमन की माने तो किसानो से मिल रही रिश्वत का हिस्सा शिकारी पत्रकारों को भी जाता था |

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