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Tuesday, April 30, 2013

आदतन अपराधी अपर सचिव गृह के पद पर...?



केदारलाल शर्मा (आई.ए.एस.) ने 
सरकार को अँधेरे में रख कर पाया पद

भोपाल, 30 अप्रैल, 2013। मध्यप्रदेश सरकार के अपर सचिव गृह केदारलाल शर्मा (आईएएस) की आपराधिक पृष्ठभूमि को नजरअंदाज करते हुए उन्हंे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गयी है। जिसके चलते षिवराज शासन के सुषासन का सपना चकनाचूर हो रहा है। जिस केदारलाल शर्मा पर 1996 में डकैती का प्रकरण, जान से मारने की एफआईआर, सरकार को गुमराह करके प्रमोषन पाना और गृह मंत्रलाय में बैठकर अपने ही अपराधों को और दस्तावेजों को गायब करने जैसा गंभीर आरोप प्रमाणित हो चुका है। हाल ही में सरकार ने उन्हें निदेषक अभियोजन मध्यप्रदेष के पद से हटाया जरूर, मगर वो भी उच्च न्यायालय के निर्देष पर। उल्लेखनीय है कि केदारलाल शर्मा और उनका परिवार आपराधिक पृष्ठभूमि का है जिसके कारण उन पर 02.03.1997 को उज्जैन के माधव नगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई है। जिसमें एक अन्य डिप्टी कलेक्टर प्रकाष रेवाल, तहसीलदार बोथरा आदि शामिल है।

सूत्रों ने बताया कि बल्लभ भवन में पदस्थ उप सचिव के के खरे जो इन दिनों ग्वालियर के संभाग आयुक्त है। उनके साथ डकैती की घटना केदारलाल शर्मा द्वारा की गयी जिसकी एफआईआर 02.03.1997 को माधव नगर थाना उज्जैन में दर्ज हुई है। केदारलाल शर्मा ने पांच अन्य लोगों के साथ मिलकर खरे के आवास में डकैती की थी जो एफआईआर में उल्लेखित है। केदारलाल शर्मा जब देवास में पदस्थ थे तब वहां के एसडीएम रहे अषोक भार्गव को प्रमोषन से रोकने के लिए उन्हें एक झूठी अजा, अजजा अधिनियम की रिपोर्ट में उलझा दिया था। इसी तरह केदारलाल शर्मा जब माध्यमिक षिक्षा मंडल भोपाल में सचिव के पद पर थे तब उन्होनें आषा अग्रवाल नामक महिला को महज इसलिए हटा दिया था कि उसने फर्जी मार्कषीट के गोरखधंधे को उजागर करते हुए केदारलाल शर्मा की असलियत जाहिर कर दी थी।

इसी प्रकार 4 मई 2000 को एक नकल प्रकरण में तत्कालीन एडीएम उज्जैन रहे केदारलाल शर्मा की पत्नी मनीषा शर्मा माधव कालेज उज्जैन में नकल करते पकड़ी गयी और अपने पति का प्रभाव दिखाकर प्राचार्य डा.षिव शर्मा को जान से मारने की धमकी देने की आरोपी है। इसी तरह एक अन्य आपराधिक षड़यंत्र एवं धोखाधड़ी तथा कूटरचना का मामला थाना अपराध अनुसंधान विभाग पीएचक्यू में दर्ज है। जिसमें आपराधिक कृत्य होने के कारण केदारलाल शर्मा एवं इनकी एक अन्य सहयोगी प्रीति जैन ने 22.10.1999 को अपनी अग्रिम जमानत करवाई। लेकिन इन दोनों ने शासन को आपराधिक कृत्य छुपाने के लिए गुमराह भी किया। प्रीती जैन के पति एनके जैन तत्कालीन न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी उज्जैन को पद के दुरूपयोग और कृत्यों को छिपाने के कारण एडीजे फास्टट्रैक इंदौर की पदस्थापना के दौरान उच्च न्यायालय इंदौर/जबलपुर ने निलंबित किया और तीन साल बाद पदावन्नत करके मंडला में इन दिनों पदस्थापना की है।

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