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Saturday, May 18, 2013

...पठान क्यों आउट हो गये?


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एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​
 
अभी आईपीएल सर्कस में मैच फिक्सिंग का जो खुलासा हुआ, उसमें भी चिटफंड कंपनियों की भूमिका जांची जानी ​चाहिए। कोलकाता नाइट राइडर को प्रायोजित करती है रोजवैली जो एक चिटफंड कंपनी है। गौरतलब हैं कि इसी केकेआर के विजय उत्सव में मुख्मंत्री ममता बनर्जी न सिर्फ हाजिर थीं, बल्कि उत्सव पर सरकारी खर्च के भी आरोप हैं। श्रीसंत और दूसरे क्रिकेटरों की गिरफ्तारी के बाद विदेशी खिलाड़ियों​ की गिरोहबंदी की बात सामने आ रही है, जिस तरह से पुणे वारियर्स की कमजोर टीमों के खिलाफ शीर्ष बल्लेबाज आउट हो गये और जैसे युसूफ पठान बेहतरीन फार्म में होने के बावजूद जान बूझकर फील्डिंग में बाधा डालकर आउट हुए, वह संदिग्ध है। खासकर, तब जबकि मुकाबला दो चिटफंड कंपनियों से जुड़ी टीमों के बीच था। रोजवैली प्रायोजित केकेआर का मुकाबला सहारा समूह की टीम से था। सट्टेबाजी से अलग मामला है यह।
 
तनिक पूरे घटनाक्रम पर गौर करें। आईपीएल में बुधवार को पिछले सीजन की चैंपियन टीम कोलकाता नाइटराइडर्स पुणे वॉरियर्स से सात रन से हारकर प्‍लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गई। हालांकि केकेआर की ओर से यूसुफ पठान ने बेहतरीन अर्द्धशतकीय पारी खेली, लेकिन वह टीम को जीत के द्वार तक नहीं पहुंचा सके। जीत के लिए 171 रनों के लक्ष्‍य का पीछा करने उतरी केकेआर की शुरुआत अच्‍छी नहीं रही, टीम ने 29 रन के अंदर गौतम गंभीर (12), मानवेंदर बिस्ला (01) और जाक कैलिस (01) के तीन महत्वपूर्ण विकेट खो दिये। हालांकि इसके बाद पठान और रेयान टेन डोएशे (42) ने चौथे विकेट के लिये 11.1 ओवर में 98 रन की शानदार साझेदारी की जिससे जीत की उम्मीद बनी हुई थी। टेन डोएशे (30 गेंद में चार चौके और एक छक्का) इसलिये रन आउट हुए क्योंकि पठान ने दूसरे छोर पर रन के लिये दौड़ने को मना कर दिया था। केकेआर ने 12.1 ओवर में 100 रन पूरे किये, जिसके बाद पठान ने भी 32 गेंद में पांच चौके और एक छक्के से 50 रन बना लिये थे।युसूफ पठान केकेआर को जीत के द्वार के बेहद करीब लेकर आ गए थे। उन्‍होंने इस मैच में शानदार बल्‍लेबाजी की और 44 गेंद में आठ चौके और दो छक्‍कों की मदद से 72 रन बनाए। लेकिन उन्‍हें फील्डिंग में बाधा डालने के कारण आउट करार दे दिया गया। पठान का आउट होना केकेआर की हार का मुख्य कारण बना।
 
अगर इस मामले में शक की कोई वजह नहीं है तो श्रीसंत और दूसरे खिलाड़ियों पर स्पाट फिक्सिंग का आरोप भी गलत होने चाहिए। आप कहेंगे कि उनके खिलाफ सबूत मिले हैं। काल डीटेल्स हैं।सटोरियों की गिरफ्तारी हुई। य़े सबूत इसलिए मिले क्योंकि इन पर निगाह रखी जा रही थी।​

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