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Tuesday, May 7, 2013

भगवान के हाथ में जूता


 भले ही कोई भी क्रिकेटर जो दिखता है वो खाता, करता न हो. लेकिन विज्ञापन बनाने, चलाने और देखने वालों ने उन्हें भगवान तो बना ही रखा है. इन भगवानो में भी धोनी महा भगवान हैं. उन्होंने भगवान का रूप भी धारण कर लिया है और करने पे आये तो उन्होंने लेज़ और पेप्सी के साथ भगवान के हाथ में जूता भी पकड़ा दिया है.

ऐसा मज़ाक शायद इस देश में हिंदुओं के साथ ही हो सकता है. याद है सिरसा में एक डेरे के बाबा ने सिर्फ गुरु गोबिंद सिंह जी जैसी कलगी ही लगा ली थी अपनी पगड़ी पे और देश में बवाल मच गया था. उस के बाद उन के डेरे पे हमले हुए, उन पे केस दर्ज हुए, श्री अकाल तख़्त ने सिखों से उनका बहिष्कार करने को कहा, नफरत और हिंसा का दौर चला, हत्याएं हुईं और कितनों ने तो आत्मदाह भी कर लिया. मगर धोनी को न उस का ख्याल आया, न कोई शर्म. पैसों की खातिर दीन ,धर्म, ईमान सब बेच खाया उन्होंने और खुद भगवान बन बैठे. भगवान विष्णु. हाथों में पेप्सी, लेज़ , मोबाईल फोन और तेल से लेकर पता नहीं क्या क्या ले कर अवतरित हुए वे कुछ अखबारों के फुल पेजों पर.

आखिर किसी ने बंगलूर की एक अदालत में उन के खिलाफ धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़ का मामला दर्ज कराया है. अदालत ने अभी तो शिकायतकर्ता को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है, 12 मई के दिन.


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