नरसिंहपुर। हरिद्वार (उत्तराखंड) चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष ब्रम्हचारी श्री सुबुद्धानंद जी महाराज ने बीते दिवस उत्तराखण्ड में प्राकृतिक विपदा, बारिश, भूस्खलन से मची तबाही से असमय मौत के शिकार हुये लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए अफसोस जाहिर किया है। एक प्रेस बयान में द्विपीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद जी सरस्वती महाराज के निज सचिव एवं चारधाम विकास परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष ब्रम्हचारी श्री सुबुद्धानंद जी ने बताया कि बीते दिन आसमान से बरसी तबाही से देहरादून सहित कई इलाको में जन-धन की व्यापक हानि हुई है। अभी तक 70 से अधिक लोगों की असमय मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। चारधाम यात्रा ठप्प हो गई है। उन्होनें आगे बताया कि केदारनाथ हेलिपेड भी आपदा की चपेट में आ गया है जहां पर विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर को छोडक़र आसपास के पूरे मंदिर एवं अन्य स्थल क्षतिग्रस्त हो गये हैं चारो तरफ मलवा ही मलवा बिखरा पड़ा है। केदारघाटी सहित उत्तराखंड के बहुत बड़े हिस्से में आवागमन एवं संचार व्यवस्था ठप्प हो गई है। जिस कारण प्रभावित क्षेत्रों से संपर्क नहीं हो पा रहा है।श्री सुबुद्धानंद जी जो कि पिछले 4 दिन से पूज्य महाराज श्री के साथ कनखल आश्रम हरिद्वार प्रवास पर हैं ने बताया कि गोविंदघाट में एक निजी कंपनी का हेलिकाप्टर भी बाढ़ में डूब गया एवं हेमकुण्ड साहिब के निकट गोविंदघाट में पार्किंग में खड़े पचासों वाहन एवं यात्री लापता बताये गये हैं। ऐसी प्राकृतिक विपदा उत्तराखंड में पिछले 88 वर्षो के इतिहास में पहली बार देखी गई है। उन्होनें बताया कि हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। एक अनुमान के मुताबिक 60 हजार से ज्यादा लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुये हैं। उत्तरखंड सरकार द्वारा आकस्मिक आपदाओं से निपटने के लिए पहले ही हर जिले को दो-दो करोड़ रूपया आवंटित कर दिये गये थे और प्रदेश सरकार एवं प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में लगातार बचाव एवं राहत कार्य चला रहा है।श्री सुबुद्धानंद जी ने आगे बताया कि आपदा से दिल्ली-हरिद्वार मार्ग भी क्षतिग्रस्त हुआ है तथा प्रदेश के अनेकों प्रमुख मार्ग पर आवागमन ढप्प पड़ गया है। बीते दिवस हरिद्वार एवं आसपास के प्रभावित क्षेत्रों एवं धार्मिक स्थानों का दौरा कर पीडि़तो को हर संभव मदद दिलाने के लिए प्रयासरत श्री सुबुद्धानंद जी ने बताया कि वे देशवासियों से अपील करते हैं कि उत्तराखण्ड में बरसी आसमानी तबाही से हुए नुकसान से निपटने के लिए लोग आगे आये साथ ही जो लोग इन क्षेत्रों में पूर्व से भ्रमण का कार्यक्रम बना चुके हैं वे अपनी यात्रा स्थगित करें।
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