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Friday, June 28, 2013

केदारनाथ में नेपालियों का आतंक

जहाँ एक तरफ में प्राकृतिक आपदा के संकट ने घेरा हुआ है वही दूसरी और नेपाल के लोगो का संकट गहराया हुआ है | नेपाली मजदूर रात में लड़कियों को ढूढ़ ढूंढ कर ले जा रहे हैं। लगातार पिछले 3 – 4 दिनों से उत्तराखण्ड के सभी लोग इस खबर से व्यथित थे की स्थानीय लोग ऐसा कर रहे हैं लेकिन देहरादून जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर केदारनाथ से लौटी बिहार की महिला ने जो बाते बताई हैं वह रुला देने वाली हैं | उनका कहना है नेपाली मजदूर रात में लड़कियों को ढूढ़ – ढूंढ कर ले जा रहे हैं |

उन्ही के सामने उनकी बेटी को तीन नेपालियों ने नोच डाला | जंगल में शरण लिए इस महिला और उसकी बेटी ने जब शोर मचाया तो आसपास के लोगों ने टार्च मारी इतने में नेपाली भाग खड़े हुए महिला का कहना है कि उनकी बेटी अब खुद मुझसे यानी अपनी माँ से भी नजर नहीं मिला पा रही है। रात में नेपाली माताओं बहनों को अपने हवस का शिकार बना रहे है | पुरुष भी अपने बच्चों को नहीं बचा पा रहे हैं क्योंकि सभी घायल बीमार हो चुके हैं ,किसी में ताकत नहीं रह गयी है |
ऐसे में चमोली गोपेश्वर पुलिस, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग चौकी पुलिस, रुद्रप्रयाग पुलिस या राजस्व क्षेत्रों में पटवारियों को निर्देशित किया जाय कि जो नेपाली मजदूर या घोड़े खच्चर वाले जंगलो से होते हुए केदारनाथ से निकल रहे हैं, उनकी गहनता से जांच की जाय क्योंकि यह भी बताया जा रहा है कि लूट- खसोट की नियत से भी इन्होने यात्रियों को मौत के घाट उतारा है |

संघ सीमा से जुड़े मुद्दों को पहले भी उठाता रहा है | पहले भी संघ ने कई बार चेतावनी दी है की सीमा सुरक्षा पर सरकार सख्त रवैया अपनाये और सीमा पर निगरानी कड़ी करे | नेपाल की सीमा पूरी तरह से खुली है और लोग आते जाते है | ऐसे में यह एक गंभीर समस्या बनी हुई है | आर्मी और सेना द्वारा नेपाल के सारे रस्ते बंद किये जाने चहिये और ऐसे शर्मनाक घटनाओ पर रोक लगाने के लिए उचित कार्यवाही और सुरक्षा का बंदोबस्त करना चहिये |

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