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Sunday, July 28, 2013

ईमानदारी की सजा, आईएएस दुर्गा नागपाल सस्पेंड

 नोयडा में अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ना चर्चित युवा महिला आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को महंगा पड़ गया है. ईमानदारी की सजा देते हुए अखिलेश सरकार ने रविवार को उन्हें सस्पेंड कर दिया. वह अभी ट्रेनी आईएएस थीं. बताया जा रहा है कि दुर्गा को हटाने के लिए अखिलेश सरकार पर खनन माफियाओं का भारी दवाब था. 

2009 बैच की आईएएस नागपाल गौतमबुद्ध नगर में एसडीएम (सब डिविजनल मैजिस्ट्रेट) सदर के पद पर तैनात थीं. दुर्गा नागपाल ने गौतम बुद्धनगर और नोएडा में रेत माफियाओं के खिलाफ शिकंजा कसा हुआ था. उन्होंने अवैध खनन में लगे कई डंपर सीज किए थे और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था. 

वहीं इस मसले पर बीजेपी ने नाराजगी जाहिर की है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र ने आईएएस अफसर दुर्गा के निलंबन पर आश्चर्य जताया है. कलराज मिश्र के मुताबिक बिना किसी ठोस वजह के किसी अफसर को निलंबित करने से साफ है कि सरकार ईमानदार अफसरों का बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. 

आईएएस दुर्गा ने यमुना और हिंडन में सक्रिय खनन माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए फ्लाइंग स्क्वॉड बनाया था. पिछले दिनों इस दस्ते ने छापा मारकर 24 डंपरों को सीज भी कर दिया था. इसके बाद से ही जहां मीडिया में दुर्गा के चर्चे थे, वहीं वे खनन माफियाओं के निशाने पर आ गई थीं. दुर्गा को हटाने के लिए अखिलेश सरकार पर खनन माफियाओं का भारी दवाब था. 

दुर्गा के कमान संभालने के बाद अप्रैल से पुलिस ने 17 एफआईआर दर्ज की थीं. 22 मामलों में चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट ने रेत माफियाओं की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए थे.

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