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Monday, September 9, 2013

प्यार का दर्दनाक अंत

सिरोंज। दोनों का प्रेम जमाने की नजरों से छुपा नहीं था, हर शख्स उनकी इस प्रेम कहानी से अच्छी तरह से वाकिफ था। वे दोनों भी किसी की परवाह किए बगैर अपनी दुनिया में खुश थे। दोनों ने सुख-दुख में हमेशा साथ रहने का वादा किया था, फिर इन आखरी पलों में कैसे एक-दूसरे को अकेला छोड़ देते। समाज के डर को दोनों ने कभी अपने प्रेम पर हावी नहीं होने दिया और जब मन में आता दोनों मिलते थे।


उनके प्रेम प्रसंग के बारे में घरवालों को पता चल गया। परिजनों ने दोनों के मिलने पर रोक लगा दी, अपनी प्रेमिका से मिलने को आतुर प्रेमी ने सैकड़ों कोशिशें की लेकिन वह मिल नहीं पाया। उधर प्रेमिका भी अपने प्रेमी से मिलने को तड़प रही थी। प्यार पड़े इस पहरे को दोनों बरदास्त नहीं कर पाए, और दोनों ने एक रस्सी के दो फंदे बनाए और दुनिया को अलविदा कह दिया।



शहर के बेगमबाग इलाके में शुक्रवार को एक प्रेमी युगल ने फांसी पर झूल गया। एक ही कमरे में एक ही रस्सी से दोनों एक साथ फांसी पर झूल गए। युवती नाबालिग 10वी की छात्रा तथा प्रेमी युवक की उम्र 19 साल थी। बच्चों की मौत से दुखी परिजनों ने मरने के बाद दोनों को एक कर दिया। दोनों की शवयात्रा साथ में निकालकर अंतिम संस्कार भी एक साथ किया।

मण्डी के समीप स्थित बेगमबाग में रहने वाले मुन्नालाल सैनी का 19 वर्षीय पुत्र दीपक सैनी तथा उनके घर के सामने रहने वाले लालाराम विश्वकर्मा के 17 वर्षीय बेटी रीना विश्वकर्मा शुक्रवार सुबह फांसी पर झूलते दिखाई दिए। मुन्नालाल के घर पर दीपक के कमरे में दोनो एक ही रस्सी से बने दो फंदों पर फांसी पर झूल रहे थे। परिजनों ने सिरोंज थाने में मामले की जानकारी दी। शुक्रवार सुबह चार बजे करीब जब रीना घर पर नहीं दिखी तो उसे ढूंढने का प्रयास किया।

इसकी जानकारी रानी के परिजनों ने दीपक के घर वालों को भी दी। जब दोनों के परिजन मुन्नालाल के घर के ऊपरी हिस्से मे दीपक के कमरे में गए तो दीपक और रीना फांसी पर झूलते दिखाई दिए। दोनों के शव एक ही रस्सी से बने दो फंदों पर झूल रहे थे। कमरे में थाली में खाना और उसके पास में ही दोनों के मोबाइल और भुजरिया भी रखी हुई थी। दोनों के परिजनों ने मामले की जानकारी सिरोंज पुलिस को दी।



एएसआई श्री गौर ने बताया कि दोनों ही प्रकरणों में आत्महत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है। मामला प्रेम प्रसंग का है, लंबे अरसे से दोनों का संबंध था। जानकारी के अनुसार दीपक और रीना के बीच काफी समय पहले से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जिसकी जानकारी दोनों के परिजनों के साथ ही मोहल्ले के लोगों को भी थी।


बावजूद इसके दोनों ही परिवारों के बीच काफी अच्छे संबंध है लेकिन बच्चों के विवाह को लेकर एक राय नहीं थी। इसकी एक वजह दोनों की उम्र विवाह के लायक न होना भी थी। दीपक इसके पहले भी एक बार खुदकुशी का प्रयास कर चुका था। जिसकी शिकायत उसके पिता मुन्नालाल ने सिरोंज थाने में भी की थी।

मरने के बाद हुए दोनों एक: पुलिस की कार्रवाई के बाद दोनों दीपक और रीना के शव का पोस्टमार्टम राजीव गांधी स्मृति चिकित्सालय में किया गया। यहां मुन्नालाल और लालाराम साथ-साथ बिलखते रहे थे।

इसी दौरान पार्षद पति पप्पू साहू तथा कमल सिंह, भैरो सिंह तथा रिश्तेदारों की समझाइश पर दोनों परिवारों ने तमाम चर्चाओं पर विराम देते हुए दीपक और रीना का अंतिम संस्कार एक साथ करने का निर्णय लिया।

नम आंखों से बेगमबाग से दोनों की शवयात्रा एक साथ निकाली गई। जिसमें काफी संख्या में लोग शामिल हुए। लुटेरी रोड स्थित श्मशान पर दीपक और रीना का अंतिम संस्कार भी एक साथ किया गया।

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