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Monday, September 9, 2013

लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ा रिश्वतखोर पटवारी

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                                                  नरसिंहपुर से सलामत खान की रिपोट  
मांगी थी 5 हजार की रिश्वतनरसिंह 
पहली किस्त में ही धुले हाथ
शिकायत पहुंची लोकायुक्त तक
तीन माह से कर रहा था परेशान
गाडरवारा तहसीलदार ने भी किया अनसुना

नरसिंहपुर /
 जिले में सरकारी मुलाजिमों द्वारा जारी भ्रष्टाचार रूकने का नाम नहीं ले रहा है बीते तीस दिवस के अंदर लगभग तीन सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते लोकायुक्त द्वारा रंगे हाथों पकड़े गयेेे, सबसे विचारणीय बात इन तीनों मामलों में यह रही कि लोकायुक्त तक सिर्फ हजारों रूपये की रिश्वत की शिकायत ही पहुंच सकी और शिकायत पर लोकायुक्त ने कार्यवाही करते हुए रिश्वतखोरों को रंगे हाथों पकड़ भी लिया। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि बड़े भ्रष्टाचारी अब भी लोकायुक्त की जद से बाहर हैं।  
नरङ्क्षसहपुर। लोकायुक्त की टीम ने शनिवार की सुबह गाडरवारा तहसील के अंतर्गत ग्राम कल्यानपुर (टिकटोली) में पदस्थ एक पटवारी को उसके गृहग्राम सिंहपुर में रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा। भ्रष्टाचारी पटवारी विगत तीन माह से शिकायतकर्ता को नई बही बनाने के नाम पर तहसील कार्यालय के चक्कर लगवाते हुये परेशान कर रहा था और अंतत: पटवारी द्वारा बही बनाने के एवज में 5 हजार रूपया देने की बात कही गई। पटवारी मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम ङ्क्षसहपुर का निवासी है।

क्या है मामला-
तहसील गाडरवारा अंतर्गत कल्यानपुर टिकटोली निवासी निरंजन कौरव ने अपनी पुरानी बही को बदलकर नई बही प्राप्त करने के लिए तहसीलदार के नाम आवेदन किया था। चूंकि बही बनाने का काम पटवारी का होता है इसलिये तहसील कार्यालय से इस संबंध में पटवारी से मिलने की बात कही गई। जब युवक पटवारी से मिला तो पहले तो उसने बही बनाने के नाम पर कई माह तहसील के चक्कर कटवाये और बाद में बही बनाने के नाम पर हल्का नं. 77 के पटवारी जगदीश चौधरी ने उससे 5 हजार रिश्वत देने की बात कही।

15 सौ हजम करने के बाद 5 हजार की मंाग-
शिकायतकर्ता ने एमपी हलचल सेे चर्चा में बताया कि मैंने पटवारी जगदीश चौधरी के चक्कर काटते हुये बतौर खर्चा पानी 1500 रूपये पूर्व में दे चुका था। इसके बाद पटवारी ने बही बनाकर देने के लिए 5000 रूपया देने की बात कही इस तरह बही का यह सौदा 5 हजार में तय हो गया।

तहसीलदार सेे भी की थी शिकायत-
शिकायतकर्ता का आरोप है कि बही न बन पाने की शिकायत उसने गाडरवारा तहसीलदार से भी की थी पर उन्होंने साफ कह दिया कि यह काम पटवारी का है उसी से जाकर मिलो वही करेगा। जिससे कहीं न कहीं यह बात सामने आती है कि आमजनता की शिकायत पर उच्चाधिकारी भी गंभीर नहीं होते और न ही उनकी समस्या के निराकरण में कोई पहल करते हैं।

ऐसे पहुंची लोकायुक्त तक बात-
बकौल पीडि़त पिछले तीन माह से बही  बनवाने लगातार गांव से तहसील के चक्कर लगा रहा था और पटवारी भी उसे परेशान किये था जब 5 हजार रूपये की रिश्वत पर पटवारी द्वारा बही बनाया जाना तय हो गया तो उसने विगत 5 तारीख को अपनी आप बीती जबलपुर लोकायुक्त को सुनाई। पटवारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की बात पर लोकायुक्त ने अपने मातहत कर्मचारियों के साथ जाल बिछाया व शिकायतकर्ता को केमीकल लगे नोट उपलब्ध कराये।

रंगे हाथों धराया रिश्वतखोर-
मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम सिंहपुर जाकर रिश्वत की पहली किश्त 2 हजार देने पहुंचे पीडि़त निरंजन के साथ ग्रामीण वेश में लोकायुक्त पुलिस के कर्मचारी थे। जैसे ही निरंजन केमिकल लगे 2 हजार रूपये पटवारी संजय को देकर वापस लौटा तभी लोकायुक्त के दल ने उसे सिंहपुर बाजार में धर दबोचा और हाथ धुलवा दिये इस तरह भ्रष्टाचारी पटवारी रंगों हाथों पकड़ा गया।

इन्होंने दिया कार्रवाई को अंजाम-
भ्रष्टाचारी पटवारी को रंगे हाथों पकडऩे की इस कार्रवाई में लेाकायुक्त डीएसपी एन.एस.धुर्वे के साथ आईएस सरीन सहा.यंत्री मप्र वि.मं.जबलपुर व आर.एन.विश्वकर्मा सहायक यंत्री लोनिवि गजस्टेड आफिसर बतौर उपस्थित थे तो वहंी दल में प्रभात शुक्ला इंस्पेक्टर, आलोक त्रिवेदी इंस्पेक्टर, आरक्षक झारङ्क्षसह, गुप्तेश्वर ङ्क्षसह, उपेन्द्र ङ्क्षसह, जाहर ङ्क्षसह, राकेश ङ्क्षसह शामिल रहे।

इनका कहना है-
साहब 3 महीना से परेशान थे तहसीलदार मैडम ने भी नहीं सुनी, पटवारी 5 हजार रूपये मांगता था। इस संबंध में मैंने लोकायुक्त जबलपुर से शिकायत की थी 
निरंजन कौरव, शिकायतकर्ता.
 





निरंजन कौरव ने बही बनाने हल्का नं. 77 के पटवारी जगदीश चौधरी द्वारा 5 हजार की रिश्वत मंागे जाने की शिकायत की। जिसकी पहली किश्त 2 हजार रूपया देते हुये हमने पटवारी को रंगे हाथों पकड़ा और इसके विरूद्ध धारा 7 की कार्रवाई की  
एन.एस.धु्र्वे, लोकायुक्त डीएसपी जबलपुर.

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