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Thursday, September 26, 2013

मजदूर परिवार छतिग्रस्त मकान में रहने मजबूर

पॉच का  जीवन खतरे में, हो सकता हैं बड़ा हादसा
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 करेली मुख्यालय से महज 12 कि. मी. की दूरी पर ग्राम मानेगांव में एक गरीब परिवार छतिग्रस्त मकान में रहने मजबूर हैं। दो माह पूर्व मकान की दिवाल गिर जाने से पूरा मकान छतिग्रस्त हो गया। प्रषासन से अभी तक नहीं मिली कोई मदद। हो सकता है कभी भी बडा हादसा। मकान गिरने की स्थति में पटवारी कह रहे आंषिक छति।
     मानेगांव निवासी जयराम कहार के मकान की एक दिवाल बारिष के मौसम में दो माह पूर्व गिर गई है। जिससे इनका पूरा मकान छतिग्रस्त हो गया है जयराम का घर ईट की जगह पत्थरों से बना हैै। तथा 6 बाई 10 का कमरा एवं 4 बाई 10 की दहलान में 5 सदस्य परिवार रहने को मजबूर है। इन के घर की दिवार में बड़ी-बड़ी दरार पड़ी हूई है। मलगों को रस्सी से बांधे हुए हैं तथा मकान ऐसी स्थति में हैं कि कभी भी गिर सकता हैं। मकान का निरीक्षण पटवारी द्वारा किया गया है परन्तु अभी तक उन्हें कोई आर्थिक मदद नहीं मिली हैं। जयराम का घर उपर टोरिया पर है जिसकी दिवाल गिरने से पड़ोसी के मकान के खपड़े फूट गये यदि समय रहते इस मकान को विवस्थित नहीं किया गया तो जयराम के साथ उनके पड़ोसियों को भी मुषीबत का सामना करना पड़ सकता हैं।
जयराम ने बताया कि हम मजदूरी करतें है परिवार में पत्नी दो छोटे - छोटे बच्चे है एवं बूढ़ी दादी मॉ है, रात में डर लगता हैं नींद नहीं आती। पर कहीं तो रहेंगंे प्रषासन से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। घर कभी भी गिर सकत है। मजदूरी कर पेट पाले की मकान बनाए।

तहसीलदार के यहां हमने केस लगा दिया हैं। मुवावजा मिलेगा अभी इस मद का पैसा नहीं हैं। स्वीकृत हो गया हैं पैसा आयेगा तो उसे चैक मिल जायेगा। हमने दिवाल, खपड़े एवं मलगों का नुकसान दे दिया हैं। मकान में आंषिक छति हुई हैं।
शीतल प्रसाद घोषी पटवारी

सीएम आवास में उसका मकान बन जायेंगा। मुआवजा का प्रकरण है अलाटमेंट आएगा तो उसे मिल जाएगा। हमने सभी सचिवों एवं पटवारियों से कहलवा दिया है जो छतिग्रस्त मकान है उनमें लोगों को रहने ना दिया जाए।
राजेष शॉह तहसीलदार करेली 

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