Pages

click new

Sunday, May 31, 2015

पश्चिम रेलवे ने बिना टेंडर दिया सीसीटीवी का ठेका

रेलवे ने सीसीटीवी कैमरे के किराये के तौर पर दिए करोडो रुपये 

रेलवे के पास कंपनी की नही जानकारी
सूचना के अधिकार अंतर्गत अनीस खान ने जानकारी मांगी

नागमणि पाण्डेय
मुंबई: आतंकियों द्वारा रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों के निशाना बनाये जाने के बाद स्टेशनों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है  लेकिन मध्य और पश्चिम रेलवे ने सुरक्षा के नाम  करोड़ों का राजस्व लुटाने पर लगा है।पिछले पांच वर्षो में  सिर्फ सीसीटीवी कैमरे का किराये के तौर पर 25 करोड़ 89 लाख रुपये से अधिक दिया जा चुका है | विशेष की पश्चिम रेलवे तो बिना टेंडर के सीसीटीवी कैमरे का काम देकर रेलवे का राजस्व लुटा रही है |

        सूचना के अधिकार अंतर्गत अनीस खान ने एक जानकारी मांगी थी मध्य और पश्चिम रेलवे द्वारा जानकारी मांगी गयी थी | जिसके जवाब मध्य रेलवे ने बताया है की मुंबई मंडल के लिए सुरक्षा प्रणाली पर खर्च करने के लिए 28 लाख 29 हजार 17 हजार रुपये की मंजूरी मिला है | जिसमे से अभी तक 19 करोड़ 85 लाख 26 हजार रुपये खर्च किया जा चुका है | इस में बताया गया है की मध्य रेलवे के स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए 29 नवंबर 2010 में टेंडर निकाला गया था | इस में कुल 784 सीसीटीवी कैमरे लगाना था |

सीसीटीवी कैमरों के बारे में मांगी गई जानकारी के जवाब में मध्य रेलवे ने कैमरों का पूरा विवरण देते हुए कहा है कि यह किस कंपनी से खरीदे गए हैं, इसकी जानकरी उनके कार्यालय को नहीं है। मध्य रेलवे ने सुरक्षा कारणों से सीसीटीवी कैमरों के नियत स्थानों की जानकारी देने से मना कर दिया है। मध्य रेलवे ने कहा है कि इस योजना के तहत कुल 784 सीसीटीवी कैमरे खरीदे गए हैं, जिनमें से 403 कैमरे लगाए जा चुके हैं, जबकि 381 कैमरे अभी लगाए जाने बाकी हैं।

मध्य रेल ने 8 व्हीकल स्कैनर खरीदे थे, मगर यह आज तक कहीं भी स्थापित नहीं किए जा सके हैं, ऎसा क्यों हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस के साथ ही अन्य सुरक्षा से संबंधित कार्यो पर 19 करोड़ 85 लाख 26 हजार रुपये  खर्च किया जा चुका है | वही पश्चिम रेलवे ने सिर्फ 550 कैमरे के लिए  वर्ष २००९ से अभी तक कुल 5 करोड़ 23 लाख 68 हजार 180 रुपये किराया दिया चुका है | वहीं पश्चिम रेलवे ने यह कहकर जानकारी देने से इनकार दिया कि इंटीग्रेटेड (अत्याधुनिक) सुरक्षा व्यवस्था की लागत की कोई जानकरी उनके कार्यालय  में उपलब्ध ही नहीं है।

जानकारी में बताया गया है की  मध्य रेलवे द्वारा 11 हैवी ड्यूटी एक्सरे बैगेज स्कैनर और 2 पोर्ट एक्सरे बैगेज स्कैनर मंगाकर लगाए जा चुके हैं। इसी प्रकार मध्य रेलवे द्वारा 85 डीएफएम/डी लगाए गए हैं और 426 एचएच एमडी (हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर) संबंधित स्टाफ को सौंपे जा चुके हैं, मगर मंगाए गए एक-एक इलेक्ट्रॉनिक वैपर डिटेक्टर और ए क्सप्लोसिव डिस्पोजल औजार आरपीएफ को अब तक प्राप्त नहीं हुए हैं।

मध्य और पश्चिम रेलवे द्वारा सीसीटीवी कैमरे को लेकर दिए गए जानकारी पर सवाल उपस्थित रेलवे एक्टिविस्ट समीर  जवेरी ने बताया की रेलवे के पास इंजिनियर,इलेक्ट्रीसियन सभी विभाग उनके पास है अगर रेलवे खुद कैमरा लगाती है इस से सस्ता रहेगा इतना ही नही इनकी मोनिटरिंग भी सुरक्षित रहेगा | रेलवे यात्री प्रवीन त्रिपाठी ने बताया की रेलवे के लिए सीसीटीवी कैमरों की हमेशा जरुरत है इस के लिए किराये पर लेने की जरुरत ही नही है खुद का होना चाहिए |

युवा सेना के दक्षिण मध्य मुंबई के अध्यक्ष एड धर्मेन्द्र मिश्रा ने हमारा महानगर को बताया की दिल्ली कॉमन वेल्थ गेम के दौरान कलमाड़ी ने खुद कैमरा खरीदकर उसे महंगे दर पर लगवाया था | कही उसी तरह से रेलवे में भी इस तरह से कोई अधिकारी उच्च दर पर अपने फायदे के लिए तो नही दिया है इस की जांच होनी चाहिए |

भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा दक्षिण मध्य मुंबई के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश पाण्डेय ने हमारा महानगर को बताया की इस की जांच होने के साथ ही कैमरे की क्वालिटी की जांच होनी चाहिए क्यों स्टेशनों पर हुए कई इस तरह की घटना है जिसमे आरोपी का या घटना आज तक पहचान नही हो पाया इस के साथ ही उन्होंने बताया की अगर किसी मामले में आरोपियों की पहचान भी हुआ तो उसे सही से पहचान करने में काफी समय गवाने पड़े है | इस के लिए इस की क्वालिटी पर भी संदेह है |  

No comments:

Post a Comment