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Tuesday, June 16, 2015

प्रदेश में अमानक दवायें देने वाली कंपनियों से वसूली का अभियान

वसूली का भुगतान करने तक छह निजी कंपनियों का भुगतान रोका

प्रस्तुत - toc news @ Bhopal

भोपाल। प्रदेश में अब सरकारी अस्पतालों में अमानक दवायें प्रदाय करने वाली छह निजी कंपनियों से वसूली का अभियान प्रारंभ हो गया है। भारत सरकार के महालेखाकार ने अपनी ताजा आर्डिट रिपोर्ट में भी अमानक दवाओं की सप्लाय की टिप्पणी कर संबंधित दवा कंपनियों से वसूली की बात कही है। जब तक ये छह निजी कंपनियों अमानक पाई गई दवाओं की राशि का भुगतान नहीं करते हैं तब तक इनके लंबित देयकों का भुगतान रोक दिया गया है।
इस संबंध में राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय के वित्तीय सलाहकार डा. राजीव सक्सेना ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों एवं सभी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षकों से महालेखाकार के आडिट रिपोर्ट में अमानक पाई गई दवाओं के विरुध्द वसूली के निर्देश दिये हैं। वित्तीय सलाहकार ने अपने निर्देशों में कहा है कि मेसर्स डीजे लेबोरेटरीज प्राईवेट लिमिटेड इंदौर से 1 लाख 62 हजार रुपये, मेसर्स फार्मा इंदौर से 69 हजार रुपये, मसर्स मीनोफार्मा लेबोरेटरीज प्रायवेट लिमिटेड हैदराबाद से 2 लाख 31 हजार रुपये, सेलर्स फार्मास्युटिकल बड़ी सोलन से 30 हजार रुपये, एड्रोईट फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड नागपुर से 63 हजार रुपये तथा यूनिक्योर इंडिया प्रा.लि. नोएडा से 54 हजार रुपये इस प्रकार कुल 6 लाख 17 हजार रुपये की वसूली की जाना है जिसके लिये बार-बार आपको नोटिस जारी किये गये हैं किन्तु आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
वित्तीस सलाहकार ने आगे कहा है कि उक्त फर्मों का भुगतान तत्काल रोक कर इनके लंबित देयक की सूची संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें भोपाल को पत्र वाहक के माध्यम से 16 जून तक भेजना सुनिश्चित करें। यदि इन निर्देशों के जारी होने के पश्चात फर्म के देयकों का भुगतान किया जाता है तो यह वित्तीय अनियमितता होगी।

जमीन के आवण्टन के प्रयास
भोपाल। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री कलराज मिश्र जिनके पास सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग है, को मप्र में जमीन के आवंटन के प्रयास में है। इसके लिये उन्होंने बकायदा एक पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा है। जमीन के आवंटन के लिये उन्होंने जो कारण दिया है वह भी पार्टी विचारधारा के अंतर्गत है। उन्हें यह भूमि एक संस्था वैदिक ज्ञान संस्थान के लिये चाहिये जो गुरुकुल की स्थापना करना चाहती है। अब प्रदेश का राजस्व विभाग इस भूमि के आवंटन की प्रक्रिया में जुट गया है।
डॉ नवीन जोशी 

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