Pages

click new

Monday, June 1, 2015

भूमि अधिग्रहण के नये कानून का पहला शिकार स्वयं सीएम का क्षेत्र हुआ

बुधनी 15 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही रद्द हुई

डॉ नवीन जोशी

भोपाल।केंद्र सरकार के 119 साल पुराने भू-अर्जन अधिनियम,1894 के तहत 23 अगस्त,2008 को सीहोर जिले की बुधनी तहसील में 15.74 एकड़ निजी भूमि एक उद्योग के लिये अधिग्रहित किये जाने की स्वीकृति को वर्ष 2013 में बने केंद्र के नये कानून भू-अर्जन,पुनर्वास और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम,2013 के तहत रद्दा करना पड़ा है। बुधनी क्षेत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा क्षेत्र है तथा स्वयं सीएम का क्षेत्र नये कानून का पहला शिकार हुआ है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने ट्राईडेंट लिमिटेड (पूर्व में अभिषेक इन्डस्ट्रीज लिमिटेड) को मेगा टेक्सटाईल प्रोजेक्ट की स्थापना हेतु जिला सीहोर की तहसील बुधनी के ग्राम बेरखेड़ी में सर्वे नम्बर 8 रकबा 4.52 एकड़, ग्राम बुधनी के सर्वे नम्बर 19 रकबा 4.51 एकड़ एवं सर्वे नम्बर 45/3/2 रकबा 2.21 एकड़ तथा ग्रास महुकलां के सर्वे नम्बर 179/9 रकबा 4.50 एकड़ इस प्रकार कुल रकबा 15.74 एकड़ निजी भूमि को भू-अर्नन अधिनियम,1894 के प्रावधान अन्तर्गत सशर्त भू-अर्जन करने की स्वीकृति 2 जनवरी,2008 को दी गई थी। इस भू-अर्जन की सूचना का प्रकाशन 23 अगस्त,2008 को किया गया था। परन्तु भू-अर्जन की जाने वाली निजी भूमि के भूमिस्वामियों को मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया और न ही कब्जा लिया गया।

इस पर अब राज्य सरकार को भू-अर्जन,पुनर्वास और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम,2013 के तहत  भू-अर्जन की उक्त कार्यवाही रद्द करनी पड़ी है। ज्ञातव्य है कि भू-अर्जन के वर्ष 2013 में बने कानून में प्रावधान है कि यदि अधिग्रहित की जाने वाली निजी भूमि के धारकों को निश्चित समयावधि में निर्धारित मुआवजा नहीं दिया जाता है और न ही उसका कब्ज लिया जाता है तो अधिग्रहित की जाने वाली भूमि की स्वीकृति रद्द कर दी जायेगी।

No comments:

Post a Comment