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Sunday, July 12, 2015

तीर्थनगरी में करीब 50 गेस्ट हाउस हैं अवैध, शासन को नहीं देते टैक्स

अधिकारी से दुर्व्यवहार करना गेस्ट हाउस संचालकों को महंगा पड़ा
- एक सप्ताह से रसूख के बल पर चल रहे हैं फरार
Toc News
ओंकारेश्वर(नि.प्र.)। तीर्थनगरी के दो गेस्ट हाउस संचालकों को यहां के नगर पालिका अधिकारी से अभद्र व्यवहार करना महंगा पड गया है। पुलिस थाने में पांच धाराओं में प्रकरण दर्ज होने तथा खंडवा न्यायालय से अग्रिज जमानत रद्द होने के बाद यह दोनों आरोपी पिछले एक सप्ताह से फरार है। इन दोनों की अग्रिम जमानत का मामला अब जबलपुर उच्च न्यायालय में लगाया गया है। इसकी सुनवाई होने में एक दो सप्ताह और लग सकते हैं।
                इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार ओंकारेश्वर के नगर पालिका अधिकारी धीरेंद्रसिंह सिकरवार के घर विगत पांच जुलाई की शाम को यहां के गीताश्री गेस्ट हाउस के संचालक ललित पिता मनोज चौकसे तथा कोलकता गेस्ट हाउस संचालक शेखर पिता निर्मल राय चोधरी नर्मदा नदी से उनके गेस्ट हाउस में मोटर लगाने के प्रकरण को लेकर पहुंचते थे। इस दौरान दोनों नगर पालिका अधिकारी से अपने मामले को लेकर काफी वादविवाद किया तथा उनके साथ अभद्रता भी की। इसके बाद श्री सिकरवार ने इस मामले की शिकायत ओंकारेश्वर पुलिस थाना तथा जिला पुलिस अधीक्षक को की थी। इस शिकायत में पुलिस जांच के बाद ललित पिता मनोज चौकसे एवं शेखर पिता निर्मलराय चौधरी के विरूद्ध धारा 186, 188, 353, 506 एवं 34 के तहत प्रकरण सात जुलाई को दर्ज किया गया।
विगत नौ जुलाई को खंडवा न्यायालय में दोनों आरोपियों की ओर से अग्रिम जमानत का आवेदन उनके अधिवक्ता द्वारा लगाया गया था जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इसके बाद दोनों ने जबलपुर उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से दोनो आरोपी ओंकारेश्वर से फरार हो गए है। जानकारों का कहना है कि अग्रिम जमानत की सुनवाई में एक सप्ताह का समय लग सकता है। स्मरण रहे कि ओंकारेश्वर में
अवैध रूप से चलाए जा रहे 80 गेस्ट हाउस में से 50 से अधिक गेस्ट हाउस शासकीय अतिक्रमण की जमीन पर बने है। सभी गेस्ट हाउस मालिकों द्वारा राज्य शासन व उसके विभाग को खासी कमाई के बावजूद एक रूपए का टैक्स भी नहीं दिया जाता है। इन स्थितियों के बाद अधिकारी से अभद्रता का भी प्रकरण सामने आया है।

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